छत्तीसगढ़ में बस्तर से बालोद पहुंचा चूहों का आतंक” 🛑 मशीन के तार काटने के बाद अब पडो़सियों में लड़ाई करवा रहे “चूहे”

<em>छत्तीसगढ़ में बस्तर से बालोद पहुंचा चूहों का आतंक” 🛑 मशीन के तार काटने के बाद अब पडो़सियों में लड़ाई करवा रहे “चूहे”</em>



🛑 साहब…! मुझे पडो़सी के चूहों से बचा लो
सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 19 दिसंबर। छत्तीसगढ़ के बस्तर से अब चूहों का आतंक बालोद पहुंच गया है। बस्तर में 700 करोड़ की लागत से बने मेडिकल कॉलेज में चूहों द्वारा सीटी स्कैन मशीन का तार काटने से जहां दो दिन तक जांच बंद रही वहीं अब चूहे दुर्ग संभाग में एक बुजुर्ग के घर में इस कदर आतंक मचा रहे हैं कि परेशान हो वह आज कलेक्टोरेट पहुंच गया और कलेक्टर से चूहों के आतंक से उसे और उसके घर को बचाने गुहार लगाई।
मिली जानकारी के अनुसार बालोद जिले में एक बुजुर्ग चूहों से बेहद परेशान है। इसे लेकर वह कलेक्टोरेट तक पहुंच गया। वहां जब बात नहीं बनी तब वह थाने पहुंचा और टीआई से बोला – साहब, मैं इन चूहों से काफी परेशान हूं, इन चूहों ने मेरा घर बर्बाद कर दिया है। मुझे मेरे पडो़सी के इन चूहों से बचा लो। वहीं पडो़सी ने आतंकी चूहों से पल्ला झाड़ते हुए कह दिया कि ये चूहे उसके नहीं हैं। बता दें कि यह पूरा दुर्ग संभाग के बालोद अंतर्गत गुंडरदेही थाना क्षेत्र का है। गुंडरदेही के ग्राम कचांदुर निवासी बिसाहूराम टंडन (70 वर्ष) ने अपने पड़ोसी युवराज मारकंडे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बिसाहूराम टंडन ने कहा कि युवराज के घर की दीवार और मेरे घर की दीवार अगल-बगल है। युवराज अनाज बेचने के काम करता है इसलिए वह मेरे घर की दीवार तरफ धान की बोरियां रखता है। जिससे चूहे आते हैं। बिसाहूराम ने बताया कि ये चूहे युवराज के घर के ही हैं। इन्होंने मेरे घर की दीवारों को खोद दिया है। बड़ी संख्या में चूहे दिन-रात मेरे घर में घुसते हैं। मैं पहले से परेशान हूं और इन चूहों के कारण मेरा घर पूरा जर्जर हुआ जा रहा है। शिकायत लेकर बिसाहूराम कलेक्टोरेट से आज गुंडरदेही थाना पहुंचा और चूहों से बचाने थाना प्रभारी से गुहार लगाई। दूसरी तरफ बिसाहू के पड़ोसी युवराज ने बताया कि वह छोटा अनाज व्यापारी है। घर में धान रखता ही नहीं हूं। पडो़सी द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वह गलत है। बिसाहूराम को कैसे पता है कि वो घर के चूहें हैं? ऐसे भी कोई बता सकता है क्या? ऐसे जवाब प्रस्तुत करने युवराज भी आज शाम थाने पहुंचा। पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत लेकर जांच शुरू कर दी गई है।
विदित हो कि इससे पूर्व बस्तर में 700 करोड़ की लागत से बने मेडिकल कॉलेज में चूहे मुसीबत बन गए हैं। बीते दिनों उन्होंने सीटी स्कैन मशीन का तार काट दिया। चूहे मरीजों को चढ़ाए जाने वाले ग्लूकोज तक पी जा रहे हैं। चूहों से निजात पाने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने इन्हें मारने का टेंडर निकाला और इसके लिए 10 से 12 लाख रुपए का बजट भी है फिलहाल रायपुर की एक निजी कंपनी ने टेंडर लिया और अब चूहे मारने और दफनाने में लगी हुई है। बीते एक महीने में 1500 से अधिक चूहे मार कर दफनाए जा चुके हैं।