भिलाई नगर 28 सितंबर । स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की दो दिवसीय सांगठनिक कार्यशाला भिलाई में गुरुवार से शुरु हुआ। प्रारंभ में ध्वजारोहण एवं शहीद वेदी पर पुष्प अर्पण के पश्चात कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए सीटू के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड तपन सेन ने कहा कि निस्संदेह सीटू हर मोर्चे पर संघर्ष कर रहा है। इस्पात उद्योग में भी स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के माध्यम से हम कर्मियों के हितों से जुड़े हर मुद्दे पर संघर्ष कर रहे हैं, किंतु यह संघर्ष तभी सार्थक होगा, जब हम इसे संगठन में परिवर्तित करेंगे।

संयुक्त मंच तैयार करने में मिली सफलता
उन्होंने कहा कि अपने स्थापना काल से ही निरंतर प्रयास का ही परिणाम है कि 2009 में हमें इस्पात उद्योग मे स्वतंत्र आंदोलन करने के पश्चात संयुक्त मंच बनाने में सफलता प्राप्त हुआ।
नई व्यवस्था – समझौता होगा और धारणीयता (affordability) के नाम पर उसका उल्लंघन भी होगा
फेडरेशन के महासचिव ललित मिश्र संगठन पर अपनी प्रस्तुति देते हुए कहा कि आज सरकार ने ऐसी व्यवस्था बना दी है जिसमें अफोर्डिबिलिटि के नाम पर प्रबंधन समझौते का उल्लंघन भी करेगा। इसी व्यवस्था के तहत हमारे 39 माह के एरियर्स पर रोक लगी हुई है। समझौता होने के पश्चात भी सेल पेंशन में प्रबंधन के अंशदान में एकतरफा कटौती कर दी गई, कर्मियों पर दबाव बनाकर अधिकांश कर्मियों के सेल पेंशन खाते में प्रबंधन के अंशदान को एनपीएस में भेजकर कर्मियों को भारी नुकसान पहुंचाया गया।
कर्मियों को अधिकारों से वंचित रखने का हथियार – अफोर्डिबिलिटि
कार्यशाला पर चर्चा के दौरान अधिकांश प्रतिनिधि साथियों ने कहा कि अफोर्डिबिलिटि एक ऐसा हथियार है जिससे प्रबंधन कर्मियों के हितों में एक तरफा कटौती कर रहा है। नवंबर 2021 में प्रबंधन द्वारा ग्रेच्युटी कटौती संबंधित एक तरफा आदेश, आरआईएनएल के कर्मियों को वेतन समझौता से वंचित रखने का निर्णय, तथा ठेका कर्मियों के मूल वेतन में वृद्धि करने में आनाकानी कुछ ऐसे उदाहरण हैं, जिसमें अफोर्डिबिलिटि के हथियार से प्रबंधन में कर्मियों के अधिकारों में कटौती की या उन्हें वंचित रखा।
संगठन पर चर्चा जारी
एसपी डे उपाध्यक्ष, एस.डब्लू.एफ.आई ने बताया कि संगठन पर कल भी चर्चा जारी रहेगा और बदली हुई वर्तमान व्यवस्था में आसन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी।