🛑 साईंस कालेज, दुर्ग में आयोजित हुआ भव्य बिदाई समारोह
दुर्ग 01 जुलाई। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के रसायन शास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. सुकुमार चटर्जी 40 वर्षों की लंबी शासकीय सेवा के पश्चात् आज अर्द्धवार्षिकी आयु पूर्ण करने के पश्चात् सेवा निवृत्त हो गये। उनके सम्मान में महाविद्यालय के रवीन्द्रनाथ टैगोर सभागार में बिदाई समारोह का आयोजन किया गया।
यह जानकारी देते हुए भूगर्भशास्त्र के डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि स्टाफ क्लब साईंस कालेज, दुर्ग द्वारा आयोजित इस बिदाई समारोह में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

बिदाई के अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय कुमार सिंह ने रसायन शास्त्र विभाग में डॉ. सुकुमार चटर्जी के साथ बिताए गए पलों को याद करते हुए उन्हें सादगीपूर्ण जीवन बिताने वाले तथा रसायन शास्त्र के एक अच्छे प्राध्यापक के रूप में निरूपित किया। बिदाई समारोह में प्रोफेसर चटर्जी को श्रीफल, शॉल एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए स्टॉफ क्लब की डॉ. ज्योति धारकर ने प्रोफेसर सुकुमार चटर्जी के सरल व्यक्तित्व एवं प्रशासनिक दक्षता का उल्लेख किया।

स्वागत भाषण में भूगर्भशास्त्र के प्राध्यापक डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने कहा कि प्रोफेसर चटर्जी साईस कालेज, दुर्ग के भूतपूर्व छात्र रहे है। 1977-78 सत्र में बी.एससी प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने के पश्चात् आज लगभग 47 वर्षों का समय व्यतीत हो गया और प्रोफेसर चटर्जी लगातार इस महाविद्यालय से जुड़े रहे है। शासकीय सेवा में 1985 से 1992 तक प्रोफेसर चटर्जी शासकीय पीजी कालेज, रायगढ़ में पदस्थ रहें तथा 1992 से लेकर आज 30 जून 2025 तक वे साईंस कालेज, दुर्ग में अपनी सेवाएँ दे रहे है। इस बीच वे महाविद्यालय स्वशासी प्रकोष्ठ के परीक्षा नियंत्रक तथा रसायन शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष भी रहें। महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. ए.के. खान ने डॉ. चटर्जी को आजात शत्रु निरूपित किया। शासकीय नवीन महाविद्यालय, रिसाली की प्राचार्य डॉ. अनुपमा अस्थाना ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये। रसायन विभाग की नई विभागाध्यक्ष डॉ. सुनीता मैथ्यू ने सुकुमार चटर्जी के नाम के अक्षरों का उनके व्यक्तित्व के साथ संबंध का खुबसूरत विश्लेषण किया। महाविद्यालय के मुख्य लिपिक संजय यादव ने अपने संबोधन में कहा कि शासकीय सेवा से बेदाग सेवा निवृत्त होना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। डॉ. चटर्जी को महाविद्यालय के कर्मचारियों ने पृथक से श्रीफल, शॉल एवं उपहार देकर सम्मानित किया। अपने संबोधन में महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. उपमा श्रीवास्तव ने डॉ. चटर्जी को रसायन शास्त्र का विद्वान बताते हुये उनके सरल व्यक्तित्व की सराहना की।
आज बिदाई समारोह में महाविद्यालय के रसायन शास्त्र के पूर्व प्राध्यापक डॉ. अलका तिवारी, डॉ. नूतन राठौड, डॉ. मंजू कौशल, डॉ. अनुपमा अस्थाना, डॉ. अनिल कश्यप सहित रसायन शास्त्र के शोधार्थी एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे।

अपने बिदाई सम्मान के प्रतिउत्तर में बोलते हुए प्रोफेसर सुकुमार चटर्जी ने पूरे महाविद्यालय परिवार को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस महाविद्यालय में उन्हें जीवन के अनेक पहलुओं के दौरान सभी अनुभव सिखाये है। महाविद्यालय में अपनी शासकीय सेवा को जीवन का स्वर्णिम काल निरूपित करते हुए प्रोफेसर चटर्जी ने महाविद्यालय में बिताये गये छात्र जीवन तथा प्राध्यापक के रूप में अनेक संस्मरणों का उल्लेख किया। प्रोफेसर चटर्जी ने महाविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग को उपहार के रूप में अपनी तरफ से एक एयर कंडीश्नर भी भेंट किया। इस अवसर पर प्रोफेसर चटर्जी की पत्नि श्रीमती गोपा चटर्जी, दोनों पुत्रियां एवं दामाद सहित सहपरिवार उपस्थित थी। समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सतीष कुमार सेन ने किया।