कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग में वैज्ञानिक डेयरी पालन विषय पर राज्य स्तरीय पांच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का समापन

कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग में वैज्ञानिक डेयरी पालन विषय पर राज्य स्तरीय पांच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का समापन


कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग में वैज्ञानिक डेयरी पालन विषय पर राज्य स्तरीय पांच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का समापन

दुर्ग 6 अगस्त । दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग के अंतर्गत पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय अंजोरा में वैज्ञानिक डेयरी पालन विषय पर राज्य स्तरीय पांच दिवसीय 2  से 6 अगस्त कृषक प्रशिक्षण का समापन आज विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति एवं निदेशक शिक्षण डॉ.एस.पी. इंगोले के मुख्य आतिथ्य, डॉ.एस.के.तिवारी की अध्यक्षता, डॉ.सुशोवन राय के विशिष्ट आतिथ्य तथा डॉ.ए.के. सांतरा प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष की उपस्थिति में किया गया। मुख्य अतिथि डॉ.एस.पी इंगोले द्वारा अपने संबोधन में कहा गया कि आशा ही नहीं बल्कि विश्वास है कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से डेयरी व्यवसाय से जुड़े एवं पशुपालकों को अत्यंत लाभ होगा । इस तरह यह पशुपालक विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों से संपर्क में बने रहेंगे एवं भविष्य में उनकी समस्याओं का समाधान भी प्राप्त करते रहेंगे। कार्यक्रम के मुख्य आयोजक एवं महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एस.के.तिवारी ने इस अवसर पर बताया कि प्रशिक्षण में नए डेयरी व्यवसाय प्रारंभ करने हेतु परियोजना तैयार करने की जानकारी भी शामिल की गई थी। भविष्य में बैंक से ऋण प्राप्त कर डेयरी व्यवसाय प्रारंभ करने हेतु प्रोजेक्ट तैयार करने में मदद भी महाविद्यालय के माध्यम से की जावेगी। समय-समय पर इस तरह के और प्रशिक्षण आयोजित किए जाते रहेंगे ताकि तकनीकी रूप से पशुपालकों को सक्षम बनाया जा सके।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. सुशोवन राय ने अपने सारगर्भित संबोधन में कहा कि डेयरी पशुओं में होने वाले रोगों की जांच की सुविधा महाविद्यालय में उपलब्ध है। इसका लाभ पशुपालक ले सकते हैं। नोडल अधिकारी डॉ धीरेंद्र भोंसले ने बताया कि प्रशिक्षण में न केवल राज्य के बल्कि अन्य प्रदेशों के प्रशिक्षणार्थियों ने ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मोड में जुड़े रहे। उन्होंने आगे कहा कि टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का महत्वपूर्ण कार्य इस प्रशिक्षण के द्वारा किया गया। इसके आयोजन के लिए उन्होंने मुख्य अतिथि एवं अधिष्ठाता का आभार व्यक्त किया। प्रिज्म ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर रूपेश गुप्ता ने प्रशिक्षण को अत्यंत महत्वपूर्ण एवं उपयोगी बताया। इस अवसर पर उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को चारा उत्पादन हेतु सुपर नेपियर नोड्स का वितरण किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ.दिलीप चौधरी के अतिरिक्त  डॉ. निषिमा सिंह, डॉ. शिवेश देशमुख एवं अन्य गणमान्य शिक्षकगण भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. श्रीमती किरण कुमारी एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. श्रीमती रूपल परमार द्वारा किया गया।