वैज्ञानिक डेयरी पालन विषय पर राज्य स्तरीय पांच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का शुभारंभ

वैज्ञानिक डेयरी पालन विषय पर राज्य स्तरीय पांच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का शुभारंभ


वैज्ञानिक डेयरी पालन विषय पर राज्य स्तरीय पांच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का शुभारंभ                        

दुर्ग 3 अगस्त । दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग के अंतर्गत पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय अंजोरा में वैज्ञानिक डेयरी पालन विषय पर राज्यस्तरीय पांच दिवसीय 2 से 6 अगस्त तक प्रशिक्षण का शुभारंभ 2 अगस्त  को दोपहर 2:30 बजे विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति डॉ.एस.पी. इंगोले के मुख्य आतिथ्य में की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ.एस.के तिवारी द्वारा की गई कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ.ए.के. सांतरा, प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष पशु उत्पादन एवं प्रबंधन विभाग तथा डॉ. के.मुखर्जी प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष आई.एल.एफ.सी.विभाग थे । कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती की प्रतिमा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। स्वागत भाषण डॉ.धीरेंद्र भोंसले सह-प्राध्यापक, आई.एल.एफ.सी. द्वारा किया गया। उनके द्वारा जानकारी दी गई कि इस प्रशिक्षण में एक सौ पच्चीस (125) से अधिक कृषकों ने अपना पंजीयन कराया है। मुख्य अतिथि डॉ.एस.पी. इंगोले द्वारा अपने संबोधन में कहा गया कि वैश्विक महामारी के इस दौर में डेयरी व्यवसाय ने न केवल अपने आय को स्थिर किया है बल्कि प्रगति भी की है। इसमें असीम संभावनाऐं हैं तथा इस प्रशिक्षण से युवाओं एवं कृषकों को लाभ होगा। अधिष्ठाता  डॉ.एस.के. तिवारी ने बताया कि इस प्रशिक्षण में कृषकोपयोगी विषयों को ध्यान में रखकर बनाया गया है एवं कृषकों को इसका अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए। डॉ.ए.के.सांतरा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा के बारे में बताया। डॉ.के.मुखर्जी ने दुधारू पशुओं की नस्लों के बारे में कृषकों को जागरूक होने की सलाह दी। कार्यक्रम में प्रिज्म ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर  रूपेश गुप्ता भी उपस्थित थे। उन्होंने कृषकों को प्रशिक्षित होकर गुजरात की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में डेयरी विकास की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। वे स्वयं इस प्रशिक्षण के प्रतिभागी है साथ ही प्रिज्म ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट के अनेक सहयोगी एवं सदस्य भी इस प्रशिक्षण में शामिल है। उद्घाटन कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. दिलीप चौधरी के अतिरिक्त डॉ.सुभाष वर्मा, डॉ.क्रांति शर्मा, डॉ. शिवेश देशमुख एवं अन्य गणमान्य शिक्षक भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में श्रीमती डॉ.किरण कुमारी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कर सभी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सहयोगियों का आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. श्रीमती रूपल परमार द्वारा किया गया।