सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 22 दिसंबर। छत्तीसगढ़ की
राजधानी रायपुर में शराब के नशे में मदहोश लोगों ने क्रूरता की हद पार कर दी है। सोशल मीडिया पर तैर रही फांसी पर लटकाई गई कुत्ते की यह तस्वीर इंसानी क्रूरता को दर्शाती शर्मनाक घटना बयाँ कर रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक रायपुर के राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र में स्थित अम्लीडीह शराब भट्ठी में एक कुत्ते को फांसी पर चढ़ाने का यह मामला आज सुबह सामने आया है। पशु क्रूरता की इस खबर ने लोगों को हैरान कर दिया है।
बताया जा रहा कि शराब भट्ठी के पास नशे में धुत्त लोगों पर इस कुत्ते ने भौंका और नाराज शराबियों ने उसे फांसी लगाकर बेरहमी से मार डाला। जैसे ही इस घटना का वीडियो वायरल हुआ, पुलिस ने इसे संज्ञान में लिया। राजेंद्र नगर थाना पुलिस ने जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कुत्ते के लगातार भौंकने से गुस्साए शराबियों ने उसके गले में फांसी का फंदा डालकर मौत के घाट तो उतारा ही, साथ ही कुत्ते के हाथ-पैर बांधकर शव को दीवार से बंधे रॉड पर उल्टा लटका दिया। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे भी खंगाल रही है। वहां रहने वाले लोगों से पूछताछ की जा रही है। विदित हो कि इससे पहले अगस्त महीने में रायपुर के सदर बाजार में एक नाबालिग ने कुत्तों के झुंड पर एसिड फेंक दिया था। जिससे दो कुत्तों की जान चली गई थी।
गौरतलब हो कि देश में पशुओं के खिलाफ क्रूरता को रोकने के लिए साल 1960 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम लाया गया था। साथ ही इस एक्ट की धारा-4 के तहत साल 1962 में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का गठन किया गया। इस अधिनियम का उद्देश्य पशुओं को अनावश्यक सजा या जानवरों के उत्पीड़न की प्रवृत्ति को रोकना है। मामले को लेकर कई तरह के प्रावधान इस एक्ट में शामिल हैं। अगर कोई पशु मालिक अपने पालतू जानवर को आवारा छोड़ देता है या उसका इलाज नहीं कराता, भूखा-प्यासा रखता है, तब ऐसा व्यक्ति पशु क्रूरता का अपराधी होगा। इसके आलावा अगर कोई किसी पशु को मनोरंजन के लिए अपने पास रखता है और उसके साथ क्रूरता का व्यवहार करता है, तो वह भी अपराध है। ये सभी संज्ञेय और जमानती अपराध होते हैं, जिनकी सुनवाई कोई भी मजिस्ट्रेट कर सकता है। ऐसे अपराधों के लिए कम से कम 10 रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।