छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी तो बंगाल में चक्रवात ‘रेमल’ का बरपा कहर 🛑 अब तक 6 लोगों की मौत, तेज हवाओं से 29 हजार 500 घर हुए तबाह 🔵 2140 पेड़ और 1700 बिजली के खंभे गिरे


सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 28 मई। छत्तीसगढ़ में जहां 29 से 31 तक हीट वेव का अलर्ट है वहीं पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ से 24 प्रखंड और 79 नगरपालिका वार्ड में करीब 29 हजार 500 घर आंशिक या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिनमें से अधिकतर दक्षिणी तटीय इलाकों में हैं।

असम में बह सायक्लान रेमल ने ऐसा उत्पात मचाया कि कई सड़कें यहां बह गई हैं। चक्रवाती तूफान “रेमल” का पूर्वोत्तर के राज्यों पर भारी असर हुआ है। असम सहित पूर्वोत्तर में जन जीवन प्रभावित हुआ, यहां भारी बारिश भी हो रही है। अधिकारियों ने बताया कि बंगाल राज्य के विभिन्न हिस्सों में 2 हजार 140 से अधिक पेड़ उखड़ गए और लगभग 1 हजार 700 बिजली के खंभे गिर गए।आपको बता दें कि रेमल के कहर से शुरुआती आंकलन से संकेत मिला है कि 27 हजार घर आंशिक रूप से और 2,500 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ये आंकड़े बढ़ सकते हैं, क्योंकि आंकड़े जुटाने और क्षति का अनुमान लगाने के साथ मूल्यांकन जारी है।

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एक अधिकारी ने बताया कि संभवतः आंकड़े बदल जाएंगे, क्योंकि मूल्यांकन प्रक्रिया अभी भी पूरी नहीं हुई है। जिलों से आंकड़े जुटाए जा रहे हैं और नुकसान के अनुमान की गणना की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने 2 लाख से अधिक लोगों को 1 हजार 438 सुरक्षित आश्रयों में पहुंचा दिया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में वहां 77 हजार 288 लोग हैं। कुल मिलाकर, इस समय 341 रसोई के माध्यम से उन्हें खाना पहुंचाया जा रहा है। हमने तटीय और निचले इलाकों में प्रभावित लोगों को 17 हजार 738 तिरपाल वितरित किए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में काकद्वीप, नामखाना, सागर द्वीप, डायमंड हार्बर, फ्रेजरगंज, बक्खली और मंदारमनी शामिल हैं। चक्रवात के कारण तटबंधों में मामूली दरारें आ गई थीं, जिनकी तुरंत मरम्मत कर दी गई। अब तक तटबंध के टूटने की कोई सूचना नहीं मिली है। जिनके बारे में भी सूचना आई, वे मामूली थीं और उन्हें तुरंत ठीक कर लिया गया।

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इस चक्रवात के कारण अब तक छह लोग जान गंवा चुके हैं।कोलकाता में एक दक्षिण 24 परगना जिले में दो महिलाएं, उत्तर 24 परगना जिले में एक और पूर्व मेदिनीपुर में पिता-पुत्र की मौत हो चुकी है। चक्रवात ‘रेमल’ के कारण तटीय क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। पश्चिम बंगाल और पड़ोसी बांग्लादेश दोनों जगहों पर महत्वपूर्ण बुनियादी संरचना को क्षति की सूचना मिली है।