🔴 बहुत जल्द ‘आत्मनिर्भर भारत’ को लगेंगे नए पंख
सीजी न्यूज ऑनलाइन 21 अगस्त: भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने बताया कि पहली मेड इन इंडिया सेमीकंडक्टर चिप दिसंबर 2025 तक तैयार हो जाएगी। भारत सेमीकंडक्टर के सेक्टर में अपना बेस बना रहा है।
India First Semiconductor Chip : ‘आत्मनिर्भर भारत’ को अब नए पंख लगने वाले हैं। भारत के पास इसी साल अपना पहला मेड इन इंडिया चिप होगा। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने बताया कि भारत में बने पहले सेमीकंडक्टर चिप्स 2025 के अंत तक तैयार हो जाएंगे। यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि होने वाली है। सरकार ने सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए ‘सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम’ शुरू किया है। इसके लिए 76000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इस प्रोग्राम के तहत चिप्स बनाने वाली फैक्ट्रियों, डिस्प्ले फैक्ट्रियों और टेस्टिंग यूनिट्स को प्रोजेक्ट की लागत का 50% खर्चा वित्तीय सहायता के तौर पर दिया जाएगा।
सरकार ने बताया, कब तक बनेगी पहली चिप?
मंत्री जितिन प्रसाद ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि पहला पैकेज्ड चिप दिसंबर 2025 तक तैयार हो जाएगा। भारत का सेमीकंडक्टर सेक्टर अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन यह बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकार ने चिप्स बनाने से लेकर उनके डिजाइन, टेस्टिंग और एक्सपोर्ट तक की पूरी प्रक्रिया को मजबूत करने का प्लान तैयार कर लिया है।
लोगों को मिलेंगी खूब नौकरियां
अब तक भारत सरकार ने गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, असम, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में 1.60 लाख करोड़ रुपये के निवेश वाले 10 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है। ये प्रोजेक्ट अलग-अलग फेज में हैं और अगले 1-5 साल में प्रोडक्शन शुरू कर देंगे। इन प्रोजेक्ट्स से 29000 से ज्यादा नौकरियां पैदा होने वाली हैं। नौकरियों की संख्या फैक्ट्रियों में ऑटोमेशन के लेवल पर भी निर्भर करती है।
भारत में बाहर के देशों से किए हैं समझौते
भारत ने अपने सेमीकंडक्टर सेक्टर को मजबूत करने के लिए बाहर के देशों से भी समझौते किए हैं। इनमें अमेरिका, यूरोपीय संघ, जापान और सिंगापुर शामिल हैं। इनके साथ हुए समझौते भारत को सेमीकंडक्टर चिप्स बनाने में मदद करेंगे। बताया दें कि सेमीकंडक्टर बनाना एक कठिन काम है, इसके लिए पेशेवर लोगों की जरूरत होती है। भविष्य में भारत में ऐसे पेशेवर हों, इसके लिए ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) ने VLSI डिजाइन और इंटीग्रेटेड सर्किट मैन्युफैक्चरिंग का नया सिलेबस शुरू किया है। चिप डिजाइन के लिए जरूरी सॉफ्टवेयर टूल्स भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
1000 करोड़ रुपये की स्कीम
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि सरकार ने सेमीकंडक्टर डिजाइन को आगे बढ़ाने के लिए 1000 करोड़ रुपये की एक स्कीम शुरू की है। इसका नाम ‘डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI)’ रखा गया है। इसके तहत 72 डिजाइन कंपनियों, स्टार्टअप्स और छोटे बिजनेस को वित्तीय सहायता मिली है। इनमें से 23 कंपनियां ऑटोमोटिव, मोबिलिटी, कंप्यूटिंग और संचार जैसे सेक्टर लिए चिप्स डिजाइन कर रही हैं।