हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग का द्वितीय दीक्षांत समारोह आयोजित, यूटीडी आरंभ करने तथा नये भवन में ऑडिटोरियम निर्माण की मुख्यमंत्री ने की घोषणा

हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग का द्वितीय दीक्षांत समारोह आयोजित, यूटीडी आरंभ करने तथा नये भवन में ऑडिटोरियम निर्माण की मुख्यमंत्री ने की घोषणा


दुर्ग, 8 अगस्त । हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग (यूटीडी) आरंभ की जायेगी तथा विश्वविद्यालय के नये निर्माणाधीन भवन में राज्य शासन द्वारा भव्य ऑडिटोरियम उपलब्ध कराया जायेगा। इसकी घोषणा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज की। श्री साय आज हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग द्वारा आयोजित द्वितीय दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सैंकड़ों की संख्या में उपस्थित छात्र-छात्राएं, प्राचार्य, प्राध्यापक, कार्यपरिषद् एवं विद्यापरिषद् के सदस्यों, स्वर्णपदक दानदाताओं तथा पालकों को संबोधित कर रहे थें।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि सरकार द्वारा सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को एक साथ लागू किया जा रहा है। इसके लागू होने से हमारे प्रदेश के विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने वाले 68 शोधार्थी एवं विश्वविद्यालय की विभिन्न परीक्षाओं में प्रावीण्य सूची में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को कठिन परिश्रम हेतु बधाई दी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विद्यार्थियों को आश्वासन दिया कि नये वर्ष 2025 से विश्वविद्यालय अपने नये भवन में संचालित होने लगेगा।

दीप प्रज्जवलन, छत्तीसगढ़ के राज्यगीत एवं हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलगीत की प्रस्तुति तथा अतिथियों के स्वागत के साथ आरंभ हुए द्वितीय दीक्षांत समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि दीक्षांत समारोह की सही तात्पर्य तब सिद्ध होता है जब डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थी देश एवं समाज के हित में कार्य करें तथा एक अच्छा नागरिक बनें। राज्यपाल आज हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग द्वारा बीआईटी, दुर्ग के ऑडिटोरियम में आयोजित द्वितीय दीक्षांत समारोह में श्री डेका ने कहा कि डिग्री प्राप्ति के पश्चात् विद्यार्थियों के जीवन में अनेक प्रकार की चुनौतियां आती हैं। उनका सामना विद्यार्थी धर्य एवं निष्ठा के साथ करें। राज्यपाल का पदभार ग्रहण करने के पश्चात् महामहिम रमेन डेका का यह प्रथम दीक्षांत समारोह था।

दीक्षांत समारोह में दीक्षांत भाषण देते हुए शिक्षा समिति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के सचिव, डॉ. अतुल कोठारी ने भारतीय ज्ञान परंपरा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का गहराई से विश्लेषण किया। लगभग 30 मिनट के अपने दीक्षांत भाषण में डॉ. अतुल कोठारी ने नैतिकता एवं मूल्य शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने संस्कृत के श्लोकों के माध्यम से भारतीय ज्ञान परम्परा के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।

इससे पूर्व अपने स्वागत भाषण में विश्वविद्यालय की कुलपति, डॉ. अरूणा पल्टा ने विश्वविद्यालय के स्थापना के पश्चात् के 09 वर्षों की सफल यात्रा का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया।


डॉ. पल्टा ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियां बताते हुए कहा कि लगभग 02 लाख स्वाध्यायी एवं रेगुलर छात्र संख्या वाले हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग में वर्तमान में 1146 शोधार्थी, पीएचडी हेतु पंजीकृत हैं। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर पर युवा उत्सव, खेलकूद, एनसीसी, एनएसएस, यूथरेडकास के क्षेत्र में अपनी दक्षता सिद्ध कर पुरस्कार प्राप्त किये हैं। अतिथियों को आज दीक्षांत समारोह में भेंट की गई पेंटिंग्स का निर्माण विश्वविद्यालय के ही छात्र अभिषेक शर्मा द्वारा किये जाने की जानकारी डॉ. पल्टा ने दी। इस छात्र ने राष्ट्रीय युवा उत्सव 2023 में ऑन द स्पॉट पेंटिंग प्रतियोगिता में पूरे भारत में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। समारोह में उपस्थित मुख्यमंत्री जी से कुलपति, डॉ. पल्टा ने आग्रह किया कि विश्वविद्यालय में शिक्षण विभाग (यूटीडी) को आरंभ करने की वर्षों से लंबित मांग को पूर्ण करने की कृपा करें। डॉ. पल्टा ने विश्वविद्यालय की नवनिर्माण भवन में ऑडिटोरियम के अभाव की पूर्ति हेतु राज्यशासन द्वारा ऑडिटोरियम निर्माण हेतु राशि स्वीकृत किये जाने की भी मुख्यमंत्री आग्रह किया।

दीक्षांत समारोह का संचालन कर रही पूर्व डीसीडीसी डॉ. प्रीता लाल ने बताया कि समारोह में 68 शोधार्थियों को पीएचडी उपाधि तथा 48 मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त करने हेतु स्वर्णमंडित पदक अतिथियों ने भेंट किये। ये सभी पदक विभिन्न दान-दाताओं द्वारा विश्वविद्यालय में प्रायोजित किये गये हैं। कुलसचिव, भूपेन्द्र कुलदीप ने सर्वप्रथम दीक्षांत शोभा यात्रा का नेतृत्व किया। इस शोभायात्रा में राज्यपाल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधायकगण, गजेन्द्र यादव, ललित चन्द्राकर, रिकेश सेन, डॉ. अतुल कोठारी, विश्वविद्यालय की माननीय कार्यपरिषद् एवं विद्यापरिषद् के समस्त सदस्यों, पीएचडी डिग्री प्राप्त करने वाले 68 शोधार्थी तथा प्रावीण्य सूची में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं शामिल थें। विश्वविद्यालय की कुलपति, डॉ. अरूणा पल्टा शोभा यात्रा सबसे अंत में चल रही थीं। कुलसचिव भूपेन्द्र कुलदीप ने प्रावीण्य सूची के साथ-साथ अन्य स्नातक एवं स्नातकोत्तर उपाधि धारकों को शपथ दिलाई। कुलसचिव ने दीक्षांत समारोह के नियमों के अनुरूप समारोह का संचालन किया।

बीआईटी के ऑडिटोरियम में आयोजित इस भव्य द्वितीय दीक्षांत समारोह का सीधा प्रसारण यूट्यूब पर किया गया। समारोह के दौरान विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी, कर्मचारी, महाविद्यालय के प्राचार्य, कार्यपरिषद् एवं विद्यापरिषद् के सदस्य, गणमान्य नागरिक, स्वर्णपदक हेतु राशि दान करने वाले समस्त दानदाता, इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट जगत के प्रतिनिधि तथा बीआईटी के प्राचार्य, डॉ. अरूण अरोरा एवं स्टॉफ उपस्थित थें। अंत में धन्यवाद ज्ञापन भूपेन्द्र कुलदीप ने किया।

समारोह में रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ. सच्चिदानंद शुक्ला, तकनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई के कुलपति, डॉ. एम. के. वर्मा, दुर्ग, कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी, तथा उज्जैन से पधारे प्राध्यापक डॉ. राकेश ढांड तथा डॉ. बीएस मक्कड़ सहित सैंकड़ों गणमान्य नागरिक उपस्थित थें।