दुर्ग 14 दिसंबर । दुर्ग पुलिस के द्वारा जिले में बांग्लादेशियों एवं रोहिंग्याओ की पहचान के लिए मुसाफिरों की जांच अभियान चलाया जा रहा है। औद्योगिक क्षेत्र हथखोज के बाद इस अभियान के तहत पूरे जिले के सभी थाना / चौकी क्षेत्रों में बिना सूचना के रह रहे 500 से अधिक बाहरी नागरिकों के खिलाफ 128 बीएनएसएस के तहत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जा चुकी है। यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। सूचना नहीं देने वाले मकान मालिकों एवं मजदूर ठेकेदारों के विरूद्ध भी कार्यवाही की गई है।
आपको बता दे कि उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा के द्वारा 6 दिसंबर को दुर्ग प्रवास के दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया गया था कि पूरे राज्य में बांग्लादेशियों एवं रोहिंग्याओ की पहचान की जा रही है। उन्होंने कहा था कि करीब 850 ऐसे लोगों की शिनाख्त के बाद वापस भेजा गया है। जबकि कोंडागांव की जेल में 46 लोग निरुद्ध किए गए हैं। दुर्ग जिले के संबंध में पूछे जाने पर उनके द्वारा कार्रवाई की बात कही गई थी। इस पर जितेन्द्र शुक्ला, पुलिस अधीक्षक व्दारा जिले के समस्त थाना / चौकी क्षेत्रों में बिना सूचना के निवास कर रहे बाहरी नागरिकों की जांच किए जाने हेतु निर्देशित किया गया है, जिसके तहत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, शहर, जिला दुर्ग एवं नगर पुलिस अधीक्षकगणों के नेतृत्व में लगातार सभी थाना एवं चौकी क्षेत्र में बाहरी नागरिकों की जांच की जा रही है। अब तक ऐसे लगभग 522 बाहरी नागरिकों की पहचान की गयी है, जो बिना सूचना दिए यहां पर निवास कर रहे थे। इनके विरूद्ध धारा 128 बीएनएसएस के तहत कार्यवाही की गयी है। इन बाहरी नागरिकों को प्रश्रय देने वाले मकान मालिकों एवं मजदूर ठेकेदारों के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही कर बाउण्ड ओव्हर कराया गया है।
मुसाफिरी जांच के तहत फेरी लगाने वाले, अस्थाई डेरा, झुग्गी बस्ती, श्रमिक बस्तियां, रेल्वे स्टेशन, बस स्टेण्ड, ट्रांसपोर्ट नगर हथखोज क्षेत्र में, सेक्टर एरिया एवं अन्य चिन्हान्कित जगहों पर किया गया, जिसके तहत वहां पर रहने वाले लोगों का आधार कार्ड, राशन कार्ड, परिचय पत्र को चेक किया गया एवं क्रॉस वेरिफिकेशन किया गया, जो लोग अन्य प्रदेश या क्षेत्र के थे लेकिन पुलिस थाना/चौकी में किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं दिए थे और पूछताछ करने पर भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिए, ऐसे लोगों के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गयी है। ये कार्यवाही लगातार जारी रहेगी।
दुर्ग पुलिस आम नागरिकों से अपील करती है कि उनके यहां जो भी किराएदार निवास कर रहे हैं, उनका पूर्ण विवरण मय दस्तावेजों के साथ अपने नजदीकी थाना/चौकी में अनिवार्य रूप से सूचित करें। यदि किराएदार की जानकारी नहीं दी जाती है और जांच में यह पाया जाता है कि किराएदार के पास उसके प्रमाणीकरण हेतु कोई आवश्यक दस्तावेज नहीं है, तो किराएदार के साथ-साथ मकान मालिकों के विरूद्ध भी विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी ।