बाढ़ आपदा से बचाव का साहस मॉक ड्रिल में दिखाया एस.डी.आर.एफ ने

बाढ़ आपदा से बचाव का साहस मॉक ड्रिल में दिखाया एस.डी.आर.एफ ने


🛑 शिवनाथ नदी तट पर अभ्यास किया जवानों ने

दुर्ग 21 जून। जिले में बाढ़ से बचाव के लिए आज शिवनाथ नदी तट पर एसडीआरएफ के द्वारा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। कलेक्टर दुर्ग अभिजीत सिंह एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थिति थे।

बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारी को लेकर SDRF द्वारा एक मॉक ड्रिल (प्रशिक्षण अभ्यास) का आयोजन किया गया, जिसमें टीम ने अपनी त्वरित प्रतिक्रिया, बचाव कौशल और साहस का शानदार प्रदर्शन किया। शिवनाथ नदी के तट पर एस.डी.आर.एफ के जवानों के द्वारा मॉकड्रिल सुबह करीब 11:00 बजे प्रारंभ हुआ ।

जिला सेनानी एवं एसडीआरएफ दुर्ग प्रभारी नागेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि स्मॉग ड्रिल में विभिन्न प्रकार के रेस्क्यू ऑपरेशन को करके दिखाया गया। जैसे किसी गाँव में फंसे हुए रहवासियों को रेस्क्यू करना, पूल से कूदकर सुसाइड करने वाले व्यक्ति को बचाना, डीप डाइविंग के द्वारा नदी में डूबे मृतक की बॉडी को निकालना, रेस्क्यू टीम द्वारा बचाव कार्य करते समय रेस्क्यू टीम का मोटर बोट पानी मे पलटना और डूबे हुए व्यक्ति को सी.पी.आर देना, तत्काल मेडिकल उपचार देना और विभिन्न प्रकार के आधुनिक उपकरणों द्वारा सारी जारी जानकारी एसडीआरएफ जवानों द्वारा दिया गया ।

इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य था

बाढ़ के दौरान राहत और बचाव कार्यों की तैयारी को जांचना।

लोगों को जागरूक करना कि आपदा की स्थिति में कैसे सुरक्षित रहें।

टीमों के समन्वय और तकनीकी दक्षता को बढ़ाना।

प्रमुख गतिविधियाँ:

SDRF जवानों ने डूबते लोगों को बचाने, नावों से निकासी और प्राथमिक उपचार देने का अभ्यास किया।

रेस्क्यू बोट्स, लाइफ जैकेट्स और रस्सियों के प्रयोग से यह दिखाया गया कि कैसे कम समय में अधिकतम लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सकता है।

आपात स्थिति बनाकर इसमें स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को भी शामिल किया गया।

ऐसे अभ्यास आपदा प्रबंधन की तैयारी को मजबूत करते हैं।

SDRF की तत्परता और बहादुरी आम लोगों के लिए विश्वास का कारण बनती है।

यह सुनिश्चित किया जाता है कि वास्तविक बाढ़ की स्थिति में जान-माल की हानि को न्यूनतम किया जा सके।