🟩 आईसीएफ-चेन्नई द्वारा निर्मित अंतिम वंदे भारत ट्रेन की लागत से 128 करोड़ रुपये प्रति सेट कम है कीमत
सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 2 मार्च। रूस की फर्म ट्रांसमैश होल्डिंग (टीएमएच) और रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के संयुक्त उद्यम ने 200 लाइटवेट वंदे भारत ट्रेनों के मैन्युफैक्चरिंग व मैंटेनेंस के लिए सबसे कम बोली लगाई है।अब तक देश को दस वंदे भारत ट्रेनें मिल चुकी हैं और कुल टारगेट 200 लाइटवेट वंदे भारत ट्रेन का है। देश में वंदे भारत ट्रेनों पर लगातार काम चल रहा है। इसी कड़ी में इनकी मैन्युफैक्चरिंग व मैंटेनेंस प्रोजेक्ट के लिए कई कंपनियों ने बोली लगाई है जिसमें रूस की फर्म ट्रांसमैश होल्डिंग (टीएमएच) और रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के संयुक्त उद्यम ने 200 लाइटवेट वंदे भारत ट्रेनों के मैन्युफैक्चरिंग व रखरखाव के लिए सबसे कम बोली लगाई है।
एजेंसी की खबर के मुताबिक कंसोर्टियम ने करीब 58 हजार करोड़ रुपये की बोली लगाई है, जिसमें एक ट्रेन सेट के विनिर्माण की लागत 120 करोड़ रुपये है, जो कि आईसीएफ-चेन्नई द्वारा निर्मित अंतिम वंदे भारत ट्रेनों की लागत 128 करोड़ रुपये प्रति सेट से कम है। दूसरी सबसे कम बोली टीटागढ़-बीएचईएल की थी, जिसने एक वंदे भारत के विनिर्माण की लागत 139.8 करोड़ रुपये लगाई है। ऐसे में टीएमएच-आरवीएनएल ने भेल-टीटागढ़ वैगन्स से कम बोली लगाई, जिससे ये दिखता है कि रूसी कंपनी भारतीय बाजार में प्रवेश करने की इच्छुक है। इससे माना जा सकता है कि आगे आने वाली वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण अब रूस की फर्म ट्रांसमैश होल्डिंग (टीएमएच) और रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) द्वारा किया जाएगा। हालांकि अभी इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।