🛑 अनियमितता करने वालों के खिलाफ BEO की तरह होगी सख्त कार्रवाई
दुर्ग 03 जून । युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की भारी कमी को पूरा किया जा सकेगा। जबकि शहरी क्षेत्र में आवश्यकता से अधिक शिक्षक हैं। युक्तियुक्तकरण से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षकों का समान अनुपात स्थापित किया जा सकेगा। शिक्षा के स्तर में सुधार भी आएगा। ग्रामीण छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी प्राप्त हो सकेगी। उपरोक्त बातें दुर्ग संभागायुक्त सत्यनारायण राठौर ने सीजी न्यूज ऑनलाइन से एक्सक्लूसिव चर्चा के दौरान कहीं।
दुर्ग संभागायुक्त सत्यनारायण राठौर ने कहा कि युक्तियुक्तकरण के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था को बेहतर एवं समावेशी बनाने की शासन द्वारा सार्थक पहल की जा रही है। जहां शहरी क्षेत्र की तुलना में गांव में शिक्षकों की अत्यधिक कमी है और इसी भारी कमी के अनुपात को कम किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि शहरी स्कूलों में जरूरत से ज्यादा शिक्षक है। एक स्कूल में चार शिक्षक होने चाहिए थे। परंतु 11 शिक्षक थे। जांच के बाद 6 को सस्पेंड किया गया है। शहर में जरूरत से ज्यादा शिक्षा है। वही गांव में भारी कमी है। इसलिए युक्तियुक्तकारण किया जा रहा है। शासन के सर्वोच्च प्राथमिकता गुणवत्तापूर्ण शिक्षा है। इसलिए शासन चिंतित है शिक्षा के स्तर सुधारने के लिए प्रयास किया जा रहे हैं। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जा सके।
युक्तियुक्तकारण प्रक्रिया में अनियमितता के सवाल पर श्री राठौर ने कहा कि प्रशासन की कोशिश है कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो जहां भी गड़बड़ी होगी कार्यवाही की जाएगी कल ही विकासखंड अधिकारी के द्वारा अपनी पत्नी के विषय को बदल दिया गया था ताकि सूची में नाम आने से रोका जा सके इसकी जानकारी सामने आने पर BEO को कल ही सस्पेंड किया गया है। उन्होंने सभी प्रभावित शिक्षकों से कहा है कि जो भी शिकायतें उन्हें प्राप्त होगी जांच के पश्चात उचित कार्यवाही की जाएगी।
युक्तियुक्तकारण प्रक्रिया को लेकर हो रहे विरोध पर पूछे गए सवाल पर श्री राठौर ने कहा कि शासन से संबंधित विषय है परंतु युक्तियुक्तकारण निश्चित रूप से सभी के लिए लाभदायक है। विशेष Back ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पढ़ रहे स्टूडेंट को शिक्षक मिल पाएंगे कई कई स्कूलों में केवल एक शिक्षक है जबकि आवश्यकता चार से पांच शिक्षकों की है ऐसी स्कूलों को शिक्षक मिलेंगे ग्रामीण क्षेत्रों में दस्त क्षेत्र में नक्सली प्रवाहित क्षेत्र में उदाहरण के तौर पर मानपुर मोहला एवं कवर्धा क्षेत्र में पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध हो पाएंगे जिससे ग्रामीण अंचलों के स्टूडेंट्स को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी एवं शिक्षा के स्तर में सुधार होगा।