सोना-चांदी की कीमतों में उछाल से पारंपरिक कारोबारियों की बढ़ी चिंता

सोना-चांदी की कीमतों में उछाल से पारंपरिक कारोबारियों की बढ़ी चिंता


🔴मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से कल मिलेगा छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल

🔴 मुख्यमंत्री व बीआईएस के साथ मंच साझा करना स्वर्णिम अवसर – कमल सोनी

रायपुर, 13 अक्टूबर। त्योहारी मांग और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बीच सोना और चांदी के भावों में आई तेज़ी ने छत्तीसगढ़ के सराफा बाजारों में उत्साह के साथ-साथ चिंता भी बढ़ा दी है। छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल सोनी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात करेगा। प्रतिनिधिमंडल पारंपरिक सराफा व्यापार पर ऑनलाइन बाजार के बढ़ते दबदबे, कीमतों की अस्थिरता और छोटे व्यापारियों के सामने खड़ी चुनौतियों को लेकर सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग करेगा। यह बैठक विश्व मानक दिवस (World Standards Day) के अवसर पर होगी, जिसमें भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।

कमल सोनी ने कहा, “मुख्यमंत्री और बीआईएस के समक्ष अपने विचार रखने का यह हमारे लिए स्वर्णिम अवसर है। हमें उम्मीद है कि सरकार पारंपरिक सराफा व्यापार के संरक्षण और स्थायित्व के लिए ठोस नीति बनाएगी।”

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती, डॉलर की कमजोरी और वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव के कारण निवेशकों का रुझान एक बार फिर सुरक्षित निवेश यानी सोने की ओर बढ़ा है। रायपुर स्पॉट मार्केट में सोमवार को सोना 12,70,000 रुपये प्रति 100 ग्राम तक पहुंच गया, जबकि चांदी 1,58,000 रुपये प्रति किलो के स्तर पर स्थिर रही। विशेषज्ञों के अनुसार, सोने का सपोर्ट स्तर 12,00,000 से 11,50,000 रुपये प्रति 100 ग्राम के बीच है, जबकि रेज़िस्टेंस स्तर 12,75,000 से 13,15,000 रुपये प्रति 100 ग्राम के दायरे में है। इससे त्योहारी सीजन में बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है।

हालांकि त्योहारी सीजन ने बाजार में रौनक लौटाई है, पर छोटे और पारंपरिक कारोबारियों के लिए यह तेजी लाभ से अधिक चिंता का विषय बनी हुई है। कमल सोनी ने कहा, “बड़ी कंपनियां और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अवास्तविक ऑफ़र और भ्रामक छूट देकर ग्राहकों को भ्रमित कर रहे हैं। इससे पारंपरिक कारोबारी, जिन्होंने पीढ़ियों से इस उद्योग की साख कायम रखी है, अब अस्तित्व के संकट से जूझ रहे हैं।”

एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से पारंपरिक ज्वेलरी व्यापार को राज्य की संरक्षण नीति में शामिल करने, स्वर्ण-रजत व्यापार के लिए पृथक राज्य स्तरीय नीति बनाने, ऑनलाइन मूल्य हेराफेरी पर नियंत्रण और छोटे व्यापारियों को ब्याजमुक्त ऋण सुविधा प्रदान करने की मांग करेगा।

व्यापार के सांस्कृतिक महत्व पर जोर देते हुए कमल सोनी ने कहा, “छत्तीसगढ़ में ज्वेलरी केवल व्यापार नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान और कारीगरी की परंपरा है। यदि समय रहते सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो छोटे सराफा व्यापारियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।”

उन्होंने कहा, “मंगलवार की बैठक सराफा व्यापार के भविष्य को तय करेगी-यह या तो स्थिरता और राहत का मार्ग खोलेगी या संघर्ष को और गहरा करेगी।”