भिलाई नगर 23 अक्टूबर। “आद्या पांडे” भिलाई के लिए अब ये नया नाम नहीं रह गया है। नन्ही नृत्यांगना सिर्फ़ 15 वर्ष की आयु में शास्त्रीय नृत्य (भरतनाट्यम) मे अपनी लगन और मेहनत से कई बार भिलाई का नाम और मान बढ़ाया है।
20 अक्टूबर 2024 को ही रायपुर के रंगमंदिर मे आयोजित नृत्य का महाकुंभ कहे जाने वाले अखिल भारतीय स्तर की प्रतियोगिता “AIDA” “International competition of Dance and Music Natwar Gopi krishna award 2024” “संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा समर्थित” जिसमे भाग लेना ही गर्व की बात है। उसमे अपने वर्ग (वरिष्ठ) में प्रथम स्थान प्राप्त किया |
ये उनका 23वां राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार है और एक अंतराष्ट्रीय पुरस्कार भी इनके नाम है , जो की अपने आप मे आद्या की उपलब्धि बताता है।
इस प्रतियोगिता मे समूचे देश से करीब 1000बसे भी ज्यादा प्रतियोगियों ने विभिन्न कला के रूप को प्रस्तुत किया.निर्णायक के रूप मे डॉ. रिचा गुप्ता (दिल्ली), अद्रजा दास (केरल) थे |
लगातार आद्या पांडे द्वारा अपनी मेहनत से ना सिर्फ़ भिलाई का नाम रोशन कर रही हैं बल्कि अपनी प्रतिभा को भी समय समय पर प्रस्तुत करके अपनी कला को निखार रही हैं और “नृत्य मंजरी, नृत्य प्रतिभा एवम् नृत्य श्रेष्ठ” जैसे अलंकरण से अलंकृत हुई हैं.
आद्या पांडे 4 साल की उम्र से भरतनाट्यम की शिक्षा अपने गुरु डॉ. जी. रतीश बाबू से प्राप्त की | इनकी संस्था का नाम “नृत्यति कलाछेत्रम” है.
आद्या डी. पी. एस रिसाली की 10वीं की छात्रा हैं | इनके पिता दिनेश पांडे भिलाई इस्पात सयंत्र के मर्चेंट् मिल मे कार्यरत हैं |