🟦 कहा-नियम, प्रक्रिया और कानून के तहत ही होगा आरक्षण संशोधन विधेयक
भिलाई नगर, 24 दिसंबर। मैं एक संवैधानिक पद पर हूँ, इसलिए आरक्षण मुद्दे पर जो भी होगा वह नियम, प्रक्रिया और कानून के तहत ही होगा, मैंने राज्य सरकार से 10 सवालों के जवाब मांगे हैं। सरकार से जवाब आ जाएं उसके बाद उस पर विचार करूंगी। उक्त बातें छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने दुर्ग प्रवास के दौरान आरक्षण विधेयक पर कहीं हैं।
शनिवार को बीआईटी कॉलेज में 1997 बैच के सिल्वर जुबली कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि दुर्ग पहुंची राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कार्यक्रम में अपने राजनीतिक जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उनके पास अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आया था, तब वो दिल्ली में थीं। उन्हें पता भी नहीं था कि वो राज्यपाल बनने जा रही हैं। राजनीति जितनी आसान दिखती है उतनी आसान नहीं है। राजनीति में बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं। लोग सोचते हैं कि हम मेहनत करेंगे तो हमें ये मिलेगा लेकिन उन्होंने कभी कुछ पाने के लिए राजनीति में मेहनत नहीं की। उन्होंने राजनीति सेवा भावना के लिए की है।

गौरतलब हो कि छत्तीसगढ़ विधानसभा से पारित आरक्षण संशोधन विधेयक को राजभवन से मंजूरी नहीं मिली है। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने विधेयक के 10 बिंदुओं पर आपत्ति करके राज्य सरकार से जवाब मांगा है। राज्य सरकार ने प्रदेश में एससी 13, एसटी 32, ओबीसी 27 और ईडब्ल्यूएस के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। इस तरह कुल 76 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान होने से मामला अटका हुआ है।