प्रियंका गांधी और कांग्रेसियों के पैरों से रौंदे गए फूलों से गुलाल बनाने पर छत्तीसगढ़ में मचा “सियासी बवाल” 🛑 मूणत बोले – “यह सनातन संस्कृति का अपमान” 🟢 मूणत कब कर रहे हैं घर वापसी-शुक्ला

<em>प्रियंका गांधी और कांग्रेसियों के पैरों से रौंदे गए फूलों से गुलाल बनाने पर छत्तीसगढ़ में मचा “सियासी बवाल” 🛑 मूणत बोले – “यह सनातन संस्कृति का अपमान” 🟢 मूणत कब कर रहे हैं घर वापसी-शुक्ला</em>



सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 28 फरवरी। अभा कांग्रेस कमेटी के 85वें महाधिवेशन में प्रियंका गांधी के स्वागत में दो किलोमीटर तक 6 हजार गुलाब के फूलों की पंखुड़ियां बिछाई गईं थीं, इनके ऊपर से प्रियंका गांधी और कांग्रेसी नेता चलते हुए अधिवेशन‌ स्थल पहुंचे थे। अब इन्हीं पंखुड़ियों से गुलाल बनाए जाने का मामला छत्तीसगढ़ की राजनीति में‌ बवाल मचा रहा है। भाजपा नेताओं ने कांग्रेसियों द्वारा रौंदी गई पंखुड़ियों से गुलाल बनाए जाने को धर्म और संस्कृति से खिलवाड़ बताते हुए इसके विरोध में मोर्चा खोल दिया है।
पूर्व मंत्री व भाजपा नेता राजेश मूणत ने कहा है कि सनातनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार “होलिका दहन” के दूसरे दिन “धुलेड़ी” पर रंगोत्सव का आगाज़ सर्वप्रथम देवी-देवताओं को रंग अर्पित करके फिर बड़े बुजुर्गों को लगाकर किया जाता है। सड़कों पर कांग्रेसियों के रौंदे गए फूलों से बना गुलाल आप ईश्वर को अर्पित कर पाएंगे? पैरों, जूतों, गाड़ियों से रौंदे हुए फूलों से गुलाल बनाना सनातन संस्कृति का अपमान है, कांग्रेस इसका जवाब दे।
आपको बता दें कि विगत 25 फरवरी को कांग्रेस के 85वें राष्ट्रीय महा अधिवेशन में हिस्सा लेने के लिए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी रायपुर पहुंचीं। इनके स्वागत में रायपुर विमानतल के सामने लगभग दो किलोमीटर तक सड़क पर कालीन की तरह साढ़े 6 हजार गुलाब के फूल बिछा दिए गए थे। दूर तलक नजारा ऐसा था मानों सड़क पर मखमली रेड कार्पेट बिछा हो। ये रायपुर में गांधी परिवार के किसी नेता के स्वागत में किया गया पहला प्रयोग था। जब प्रियंका आईं तो और गुलाब फूल उन पर बरसाकर कांग्रेसियों ने उनका स्वागत किया।
अब रायपुर के छेरीखेड़ी स्थित कल्पतरू सेंटर में स्व सहायता समूह की महिलाएं इसी गुलाब की पंखुड़ियों से गुलाल बना रही हैं। ये वही गुलाब हैं जो नवा रायपुर की सड़क पर स्वागत के लिए बिछाई गईं थीं। इसके आलावा भी कांग्रेस के महाधिवेशन के कार्यक्रम में जो फूल इस्तेमाल किए गए वो यहां गुलाल बनाने के लिए लाए गए हैं।
इस मामले में भाजपा नेताओं के विरोध पर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि फूल का उपयोग हार के रूप में, पुष्प गुच्छ के रूप में उपयोग के बाद इत्र, खाद बनाकर या गुलाल बनाकर इस्तेमाल किया जाता है। राजेश मूणत को सनातन धर्म की चिंता क्यों हो रही है? राजेश मूणत के पूर्वज ने तो सनातन धर्म और परंपरा से धर्म आस्था को छोड़ दिया था। वो घर वापसी कब कर रहे हैं। हम सनातन धर्म के लोग धर्म और आस्था और आस्था की चिंता के लिए पर्याप्त हैं, राजेश मूणत इसकी चिंता न करें।