दो राज्यों की पुलिस सरगर्मी से तलाश रही “जूता”🤔

दो राज्यों की पुलिस सरगर्मी से तलाश रही “जूता”🤔



🔴 चलती ट्रेन से एक हजार रूपये का जूता हुआ चोरी
सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 15 नवंबर। बिहार के सीतामढ़ी के राहुल झा का रिजर्वेशन जय नगर क्लोन स्पेशल ट्रेन के बी-4 में था। वो अंबाला स्टेशन से यात्रा कर रहे थे तभी चलती ट्रेन से उनका जूता चोरी हो गया। राहुल ने इसकी शिकायत रेल मदद ऐप पर की।
रेल थाना मुजफ्फरपुर का रेफरेंस देते हुए मुरादाबाद में मामला दर्ज कराया गया। वैसे यह मामला मुरादाबाद का है इसलिए मुजफ्फरपुर रेलवे थाने ने प्राथमिकी दर्ज कर इसे मुरादाबाद रेलवे थाने को भेज दिया है।
अब चलती ट्रेन से चोरी हुए जूते को ढूंढने के लिए उत्तर प्रदेश और बिहार, दो राज्यों की पुलिस जुटी हुई है।
पीड़ित राहुल झा ने रेलवे पुलिस को आवेदन में लिखा कि उसने 28 अक्टूबर को अंबाला से मुजफ्फरपुर आने के लिए स्पेशल ट्रेन पकड़ी। यूपी के मुरादाबाद में ट्रेन पहुंची और नींद खुलने पर देखा कि बर्थ के नीचे रखा जूता गायब है। राहुल ने बताया कि कैम्पस मैक्सिको रनिंग शू का साइज 9 तथा वह नीले रंग का है। जिसे किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा चोरी कर लिया गया। हालांकि, चोरी हुए जूते और चोरों को पकड़ने में पुलिस लगी हुई है। साथ ही संबंधित रेल थाना मुरादाबाद को जीरो एफआईआर दर्ज कर भेज दी गई है।
गौरतलब हो कि ट्रेन में सामान चोरी हो जाए, तो कहां, कैसे और कब आप शिकायत करके अपना सामान वापस पा सकते हैं, इसकी जानकारी सभी यात्रियों को होनी चाहिए। अगर चलती ट्रेन में सामान चोरी हो जाए, तो पैसेंजर ट्रेन के टीटी, कंडक्टर, कोच अटेनडेंट, गार्ड आरपीएफ या जीआरपी एस्कॉर्ट को इस बात की जानकारी दें। वो आपके चोरी हुए या गुम हुए सामान की शिकायत करने में मदद करेंगे। जीआरपी के पास ही इंडियन पैनल कोड के मामलों पर एक्शन लेने की पाॅवर है। चलती ट्रेन में आरपीएफ या टीटी से एफआईआर फॉर्म लेकर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। इसके लिए आरपीएफ भी केस जीआरपी को ही हैंडओवर करती है। आरपीएफ के पास रेलवे की प्रॉपर्टी चोरी होने पर एक्शन लेने की पाॅवर है। चलती ट्रेन में भी एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है लेकिन सिचुएशन ज्यादा खराब हो और पैसेंजर की गवाही की जरूरत हो, तब किसी स्टेशन पर उतरकर जीआरपी थाने में गवाही देनी पड़ती है। ट्रेन में एफआईआर फार्म भर रेल कर्मचारी को देने से वह उस फॉर्म को पास वाले स्टेशन के पुलिस चौकी में भेज देता है जो पीड़ित को उसके मामले में की गई कार्रवाई से अवेयर कराएगा। इसके अलावा, अगर पीड़ित व्यक्ति को प्राथमिकी दर्ज करने में कोई परेशानी आ रही हो, तो वह किसी भी मदद के लिए प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर आरपीएफ सहायता पोस्ट से संपर्क कर सकता है। पैसेंजर ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज करवा सकते हैं। रेल मदद ऐप से भी कम्प्लेन कर सकते हैं। इसे जीरो एफआईआर माना जाता है और इस पर तुरंत जांच शुरू होती है। इसके आलावा किसी भी तरह की शिकायत रेल मदद ऐप पर की जा सकती है चाहे वह बाथरूम साफ नहीं होने, किसी तरह की चोरी या फिर छेड़छाड़ की घटना हो, इसके आलावा ऐप पर कोई सुझाव भी दिया जा सकता है।