बिलासपुर 10 नवंबर । सीनियर एडवोकेट नामित करने के खिलाफ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लंबित याचिका किसी अन्य हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग को लेकर लगाई गई याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। साथ ही याचिकाकर्ता पर 25 हजार का जुर्माना किया गया है।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नवंबर 2020 में सीनियर एडवोकेट नामित करने वकीलों से आवेदन मंगाया था। 21 वकीलों ने सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित होने आवेदन जमा किए थे। वकीलों के नामों की सूची जारी करते हुए रजिस्ट्रार जनरल ने दावा आपत्ति मंगाई। इसके लिए 30 दिनों का समय दिया गया। प्राप्त दावा आपत्तियों का निराकरण करने के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की फुल बेंच ने 11 जून 2021 को अधिवक्ताअधिनियम 1961 की धारा 16, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट नियम 2018 के नियम 7 के तहत 12 वकीलों को सीनियर एडवोकेट नामित किया था।

किसी अन्य हाईकोर्ट में सुनवाई की थी मांग
सीनियर एडवोकेट नामित करने की अधिसूचना जारी होने के बाद आवेदन करने वाले वकील बादशाह प्रसाद सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका पेश की, इसमें नियमों का पालन नहीं होने का आरोप लगाया गया। याचिका फिलहाल लंबित है। याचिका पर लंबे अरसे से सुनवाई नहीं होने का आधार लेते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका प्रस्तुत की, इसमें मामले को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की बजाय देश के किसी अन्य हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओका की डिवीजन बेंच ने याचिका खारिज कर दी है। साथ ही 25 हजार रुपए कास्ट (जुर्माना ) भी लगाया है। राशि दो सप्ताह के भीतर जमा करने के आदेश दिए गए हैं।