एक, दो, तीन, चार नहीं 5 मोबाईल निगल गया यह कैदी, पत्नी ने पेट से निकालने लगाई गुहार

एक, दो, तीन, चार नहीं 5 मोबाईल निगल गया यह कैदी, पत्नी ने पेट से निकालने लगाई गुहार



सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क। अगस्त के महीने में दिल्ली की तिहाड़ जेल से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया था, जहां हाई सिक्योरिटी में बंद एक कैदी के पेट में 5 मोबाइल फोन होने का पता लगा। इसके बाद डॉक्टरों ने उसके पेट से दो मोबाइल निकाले थे लेकिन अभी भी कैदी के पेट में दो मोबाइल फंसे हुए हैं, इन्हें निकालने के लिए उसकी इनवेसिव सर्जरी करनी होगी। कैदी जेल में जाने से पहले मोबाइलों को निगल गया था। इसके बाद जेल में अंदर जाने पर इसने पेट के अंदर पड़े मोबाइल फोन को निकालने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुआ था।
गौरतलब हो कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद कैदी 28 साल का रमन सैनी इस साल के जून-जुलाई महीने से तिहाड़ जेल नंबर एक में बंद है। पुलिस रिकॉर्ड में वो एक कुख्यात लुटेरा है। कैदी को जब अदालत में पेशी से लौटने वक्त चेक किया जाता तो मेटल डिटेक्टर बीप करता। इसके बाद संदेह हुआ कि उसके पेट में कुछ चीज है।
जेल अधिकारियों ने बताया कि 29 अगस्त को कैदी को सबसे पहले जांच के लिए डीडीयू अस्पताल ले जाया गया था लेकिन वहां डॉक्टर उसके पेट में इस बात को कन्फर्म नहीं कर पाए कि उसके पेट में क्या है?
उसे जीबी पंत अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। 1 सितंबर को कैदी को जीबी पंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन उस दिन भी उसके पेट से मोबाइल फोन होने संबंधी जांच पूरी नहीं हो पाई। इसके बाद कैदी को फिर से तिहाड़ जेल से जीबी पंत ले जाया गया। जहां उसके पेट से एंडोस्कोपी कर दो मोबाइल फोन निकाले गए। एक्सपर्ट ने बताया कि यह फोन कैदी के मुंह के रास्ते खींचे गए। कैदी के पेट की जांच करने पर डॉक्टरों को पता लगा कि उसके पेट में और भी मोबाइल हैं हालांकि उन्हें डॉक्टर्स नहीं निकाल पाए। क्योंकि उन्हें निकालने के लिए कैदी की इनवेसिव सर्जरी करने पड़ेगी। डॉक्टरों ने कहा कैदी के पाइलोरस में दोनों बचे हुए फोन फंस गए हैं। पाइलोरस मांसपेशियों का एक वाल्व होता है, जो पाचन के अगले चरण तक जाने तक पेट में भोजन रखता है। कैदी के पेट से मोबाइल निकालने वाले डॉक्टर ने जेल प्रशासन को उसके पेट से फोन निकालने के लिए सर्जरी की जरूरत की बात बताई।
जेल अधिकारियों का कहना है कि कैदी की जान को फिलहाल कोई खतरा नहीं है लेकिन फोन समय के साथ पेट के एसिड से खराब हो जाएंगे। इसके बाद फोन की बैटरी उसके लिए खतरनाक साबित हो सकती है। जेल के एक अधिकारी ने बताया कि डॉक्टरों की सलाह के बाद डीडीयू अस्पताल में सीटी स्कैन के लिए उनकी तारीख तय की गई लेकिन कैदी ने स्कैन कराने से इंकार कर दिया। हमने उसकी काउंसलिंग की है और स्कैन के लिए फिर से नई तारीख मिलेगी। उनकी हालत ठीक बताई जा रही है। वह दर्द में नहीं है, इसलिए वह सहयोग नहीं कर रहा है। हम नियमित रूप से उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे हैं और उनकी काउंसलिंग कर रहे हैं।
विदित हो कि ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी कैदी ने ऐसी हरकत की हो। पहले भी इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं। डॉक्टर्स की मानें तो तस्करी करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं। लेकिन कई बार ये काफी खतरनाक हो जाता है। तस्करों द्वारा मोबाइल फोन जैसी चीजों को खास तरीके से पैक किया जाता है। अगर वो फोन को सीधा निगल लेंगे तो पेट के एसिड से उस पर जंग लग जाएगी इसलिए तस्कर इसे पहले मेथिलीन ब्लू से लपेटते हैं। ये एक नीला रंग का पदार्थ होता है, जो चीजों को खराब होने से बचाता है। उसके बाद प्लास्टिक, पॉलिथीन, रबर, कंडोम या गुब्बारे जैसी चीजों से मोबाइल को पैक किया जाता है। कैदी का इलाज करने वाले डॉक्टर्स ने बताया कि ये पहली बार नहीं था जब उसने ऐसी कोई चीज निगली हो। उधर दूसरी तरफ कैदी की पत्नी ने भी उसके पेट में फंसे दो फोन को बाहर निकालने की अपील की। उसका कहना है कि वो फोन पेट में फट सकते हैं और इससे उसके पति की जान को खतरा हो सकता है। कैदी ने फोन क्यों निगले इसके बारे में उसकी पत्नी नहीं जानती। उनकी एक साल पहले शादी हुई थी, जब कैदी पैरोल पर बाहर आया था लेकिन वो जेल से ही पिछले 5 साल से महिला से बात करता था। उन दोनों की पहली मुलाकात भी जेल के विजिटर रूम में ही हुई थी।