हड़ताल के दिन तेज बारिश मे मुर्गा चौक पर में डटे रहे यूनियन नेता

हड़ताल के दिन तेज बारिश मे मुर्गा चौक पर में डटे रहे यूनियन नेता


भिलाई नगर, 09 जुलाई। केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनो में परिवर्तन करने एवं सार्वजनिक उपक्रमों में जनविरोधी नीतियों को लागू करने के खिलाफ भिलाई की 7 ट्रेड यूनियनो ने भिलाई इस्पात संयंत्र में हड़ताल का निर्णय लिया l 9 जुलाई को बरसते पानी में मुर्गा चौक एवं बोरिया गेट पर सुबह 8:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक यूनियन नेता डटे रहे एवं केंद्र सरकार व सेल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे l हड़ताल में कर्मचारियों का अच्छा समर्थन मिला

इंटक,एटक, एचएमएस, सीटू ,एक्टू लो ई मू एवं स्टील वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारी एवं कर्मचारी 9 जुलाई को सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक तेज मूसलाधार बारिश में मुर्गा चौक एवं बोरिया गेट पर डटे रहे एवं कर्मचारियों से हड़ताल में शामिल होने की अपील की है l इस दौरान केंद्र सरकार एवं सेल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे एवं जल्द से जल्द अपनी मांगों को पूरा करने की मांग का नारा लगाते रहे lबड़ी संख्या में कर्मचारि इस हड़ताल में शामिल हुए l
संयुक्त ट्रेड यूनियन ने जिन 21 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल किया वे है-
चारों श्रम संहिताओं को तत्काल रद्द किया जाए, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एवं सरकारी विभागों का निजीकरण बंद किया जाए, सेल और आर आई एन एल की किसी भी इकाई में कोई विनिवेश या निजीकरण ना किया जाए एवं स्थाई प्रवृत्ति के कार्य को आउटसोर्स ना किया जाए, सेल में लंबित वेतन समझौता जल्द पूरा किया जाए एवं एरियर्स का जल्द भुगतान किया जाए ,हायर पेंशन स्कीम लागू किया जाए, असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को मिनिमम 26000 रुपए वेतन दिया जाए ,पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए, बोनस पात्रता पर सभी सीमाएं समाप्त की जाएं एवं ग्रेच्युटी सीलिंग समाप्त किया जाए ,आवेदन जमा करने के 45 दिनों के भीतर ट्रेड यूनियन का अनिवार्य रूप से पंजीकरण किया जाए, मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण किया जाए, खाद्य पदार्थ दवाओ कृषि उपकरणों और मशीनरी पर जीएसटी हटाया जाए, बिजली संशोधन विधेयक 2022 को वापस लिया जाए, काम के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया जाए, अमीरों पर कर लगाए कॉरपोरेट कर बढ़ाया जाए, संविधान के मूल मूल्य पर हमला रोका जाए जैसे -अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, असहमति का अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता, विविध संस्कृतियों, भाषा, कानून के समक्ष समानता और देश की संघीय संरचना आदि पर हमले रोके l