अब बिजली बचाने महंगा LED बल्ब बार बार न खरीदें, बस फ्यूज LED बल्‍ब ही फिर जगमगाएगा आपका घर, खर्च के नाम पर कुछ भी नहीं बस करना होगा यह छोटा सा “काम”

<em>अब बिजली बचाने महंगा LED बल्ब बार बार न खरीदें, बस फ्यूज LED बल्‍ब ही फिर जगमगाएगा आपका घर, खर्च के नाम पर कुछ भी नहीं बस करना होगा यह छोटा सा “काम”</em>



सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 17 जनवरी। LED बल्ब का इस्तेमाल हम सभी बिजली की बचत के लिए करते हैं और इससे कम वाट में तेज रोशनी भी मिलती है। लेकिन आप भी तो एक बार बल्ब के खराब होने पर नया खरीदने पर 150-200 रुपये का खर्च करते समय बार बार परेशान होते ही होंगे।
जी हां, यह खबर आपके लिए अब काफी किफायती और असरदार साबित होने वाली है। आपको बता दें कि LED बल्ब को मात्र 10 से 50 रूपये में ठीक करवा कर आप बिल्कुल नये बल्ब सी रौशनी फिर से पा सकते हैं वो भी सिर्फ चंद मिनटों में।
हां आपने बिल्कुल सही पढा, मात्र 10 रुपये खर्च करके खराब LED बल्ब को रिपेयर कराया जा सकता है। कुछ ब्रांडेड कंपनी के LED बल्ब भी अधिकतम 50 रुपये खर्च करते ही चुटकी बजाते ठीक हो सकते हैं। आपको बता दें कि LED बल्ब में कंपनी की किट लगती है तो 35-40 रुपये के खर्च में काम हो जाता है। यह ट्रिक या फिर एक सस्ता उपाय, आपके लिए बडे़ काम का है। हम बात कर रहे हैं LED बल्ब को सस्ते में ठीक कराने की।
गौरतलब हो कि पुराने पीले बल्ब के मुकाबले LED बल्ब से बिजली की खपत काफी कम होती है। पहले जहां 100-180 वाट के एक बल्ब आते थे, वहीं अब 18-20 वाट के LED बल्ब से बड़े से बड़ा कमरा रोशन हो जाता है लेकिन ये LED बल्ब काफी महंगे आते हैं और खराब होने पर नया खरीदने के लिए कम वाट के लिए भी 100 से 150 रुपये तक का खर्च आ जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि 10 रुपये खर्च करके खराब LED बल्ब को रिपेयर कराया जा सकता है।
अमूमन एक घर में अगर 5 बल्ब लगे हैं तो उसे ठीक कराने के लिए आपको सिर्फ 50 रुपये ही खर्च करने होंगे वहीं अगर आप 5 नए LED बल्ब खरीदते हैं तो उसके लिए कम से कम 500 रुपये खर्च करने होंगे।
जी हां, लोकल तो लोकल, इससे आप ब्रांडेड कंपनी के LED बल्ब को भी ठीक करा सकते हैं। LED बनाने का काम करने वाले स्पेशलिस्ट प्रदीप सान्याल ने “सीजी न्यूज आनलाईन” से इस विषय में बात करते हुए काफी अहम जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि हर LED बल्ब में किट लगी रहती है। अगर 9W का बल्ब है तो 9W की किट रहती है और अगर 7W का बल्ब है तो उसमें 7W की किट लगी रहती है और इसमें 7W का ही PCB होता है। जितने वॉट की लाइट रहती है, उतने ही वॉट का PCB में बल्ब लगा रहता है। उदाहरण के तौर पर अगर कोई 9W का बल्ब खराब होता है तो इलेक्ट्रिशियन एक कनेक्शन बना कर होल्डर पर फिट करके पहले इसे चेक करते हैं। अगर बल्ब नहीं जल रहा है तो चिमटी पर टेप लपेट कर PCB के बल्ब को चेक किया जाता है। जितने भी बल्ब लगे होते है सबसे एक-एक करके चेक किया जाता है।
श्री सान्याल ने कहा कि मान लिजिए कि 9 बल्ब में से 8 नहीं जला और 9वें पर लगाने पर जल गया तो समझिए कि बल्ब फ्यूज़ है। जो बल्ब शॉट मिलता है तो हीटिंग शोल्डर से बल्ब निकाल दिया जाता है और नया लगा दिया जाता है। अगर एक बल्ब हटा कर नया लगाया जाता है तो मात्र 20 से 25 रुपये में काम हो जाता है। दूसरी तरफ अगर बल्ब ठीक है तो किट में खराबी हो सकती है और उसके लिए PCB बदलना पड़ता है। लोकल किट लगाने पर 10 रुपये का खर्च आता है और अगर कंपनी की किट लगती है तो 35 से 40 रुपये के खर्च में काम हो जाता है।
अब यह भी जान लिजिए कि ठीक होने पर कितने दिन चल जाता है बल्ब?
इस सवाल के जवाब में LED स्पेशलिस्ट प्रदीप ने कहा कि अगर अच्छी कंपनी का किट लगा है तो एक बार ठीक होने के बाद आराम से साल भर तक चल जाता है। अगर बल्ब नया लगाने की बजाए टांका लगा कर ठीक कर दिया जाता है तो लंबा चलने की उम्मीद कम रहती है।