“मैंने जो कुछ पहले कहा उस पर कोई अफसोस नहीं, जो न्याय प्रक्रिया का सम्मान नहीं करता वह है देश द्रोही”

“मैंने जो कुछ पहले कहा उस पर कोई अफसोस नहीं, जो न्याय प्रक्रिया का सम्मान नहीं करता वह है देश द्रोही”



🔵 कोर्ट में पेश कालीचरण का नहीं बदला तेवर
🔵 कहा – राजनीति में धर्म आना चाहिए, तब तो धर्म राज्य आएगा
रायपुर, 29 अक्टूबर। पिछले वर्ष महात्मा गांधी पर विवादित टिप्पणी बाद निगम सभापति प्रमोद दुबे की रिपोर्ट पर राजद्रोह के मामले में कोर्ट में पेश भोजपुर मंदिर में शिव तांडव स्रोत गाकर मशहूर हुए कालीचरण ने कहा कि मैंने जो कुछ पहले कहा उस पर कोई अफसोस नहीं, मुझे न्याय प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है। मैं न्यायपालिका का सम्मान भी करता हूं, जो न्याय प्रक्रिया का सम्मान नहीं करता वह देश द्रोही है। देश में हिन्दुओं का प्रचंड एकीकरण हुआ है, भारी समर्थन मिल रहा है। मुझे धर्म कार्य करनें में उत्साह आ गया है।
रायपुर की अदालत में कालीचरण ने कहा राजनीति में धर्म आना चाहिए, तब तो धर्म राज्य आएगा। राजा तो हमें राम ही चाहिए, राजा धर्म से जुड़ा होना चाहिए, जो हिंदू हित की बात करेगा मैं उसी के साथ हूं। कालीचरण के बयान बाद अदालत ने 11 नवंबर को अगली तारीख दी है।
गौरतलब हो कि रायपुर में पिछले साल रावणभाटा मैदान में धर्म संसद का आयोजन हुआ था। यहां बतौर वक्ता महाराष्ट्र से कालीचरण आए। कालीचरण खुद को संत नहीं मानते लेकिन कपड़े वैसे ही पहनते हैं। कालीचरण ने मंच पर आकर पहले शिव तांडव स्रोत सुनाया। कुछ देर वे धर्म और हिंदुत्व पर अपनी बात रखते रहे। फिर कालीचरण ने कहा कि इस्लाम का मकसद राजनीतिक तौर पर राष्ट्र पर कब्जा करना है। सन 1947 में हमने देखा है। मोहन दास करमचंद गांधी ने देश का सत्यानाश किया, नमस्कार है नाथूराम गोडसे को जिन्होंने उन्हें मार दिया। मंच से जब कालीचरण ने यह बात कही, तो भीड़ ने तालियां बजाईं जय श्री राम के नारे भी लगाए। इसके बाद कालीचरण ने गांधी के लिए कुछ अपशब्दों का प्रयोग किया था। कुछ देर बाद जब बोलने की बारी आई तो रायपुर के दूधाधारी मठ के प्रमुख महंत रामसुंदर दास ने कार्यक्रम का विरोध किया और उठकर चले गए। इसके बाद मामला थाने पहुंचा और शहर के टिकरापारा थाने में कालीचरण के खिलाफ निगम के सभापति प्रमोद दुबे ने महात्मा गांधी पर विवादित टिप्पणी करने पर एफआईआर दर्ज करवाई थी।
विवादित टिप्पणी करने के मामले में अदालत में कालीचरण की पेशी हुई। रायपुर कोर्ट की तरफ से उन्हें पेश होने का आदेश दिया गया था लेकिन कोर्ट में पेशी के दौरान भी कालीचरण के तेवर नहीं बदले। रायपुर कोर्ट ने कालीचरण मामले की सुनवाई की तारीख आगे बढ़ा दी। अब कालीचरण के वकीलों को 11 नवंबर की तारीख मिली है। कालीचरण को सीजेएम भूपेंद्र वासनीकर की अदालत में पेश किया गया था।