पति संग नांदगांव की युवती का गढ़चिरौली में नक्सल समर्पण, 8 लाख के ईनामी नक्सल जोड़े के साथ तीन साल में 43 ने डाले हथियार
राजनांदगांव, 30 जुलाई। शहीद सप्ताह के दौरान एक नक्सल जोड़े ने हथियार छोडक़र मुख्यधारा में लौटने पुलिस के समक्ष सरेंडर किया है। नक्सल जोड़े में युवती राजनांदगांव जिले के मानपुर इलाके से वास्ता रखती है। वहीं पति गढ़चिरौली का ही रहने वाला है।
बताया जा रहा है कि विनोद उर्फ मनीराम नरसु बोगा और कविता उर्फ सत्तो कवाची ने नक्सल डीआईजी संदीप पाटिल और एसपी अंकित गोयल के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। विनोद पर 6 लाख और कविता पर 2 लाख रुपए का ईनाम था। कविता मानपुर के गोंडपाल की रहने वाली है। विनोद राजनांदगांव से सटे कोरची तहसील के बोटेझरी का बाशिंदा है।
बताया जा रहा है कि दोनों कोरची दलम में सक्रिय थे। विनोद दलम में चिकित्सक के रूप में काम करता था। वहीं उसकी पत्नी कविता टीपागढ़ दलम की मेम्बर थी। बताया जा रहा है कि विनोद दर्जनभर हत्या, मुठभेड़ और आगजनी जैसे कई मामलों में वांछित था। वहीं उसकी पत्नी कविता पर भी आधा दर्जन मुठभेड़ और दूसरे आपराधिक मामले में नामजद रिपोर्ट दर्ज है।
बताया जा रहा है कि गढ़चिरौली में गुजरे तीन साल के भीतर 43 नक्सलियों ने हथियार छोडक़र आम आदमी का जीवन चुना है। बताया जा रहा है कि 4 डीवीसी, 2 कमांडर, 3 उप कमांडर, 33 सदस्य समेत एक जनमीलिशिया भी मुख्यधारा में लौटा है।
इस संबंध में डीआईजी संदीप पाटिल ने बताया कि समर्पित नक्सलियों ने शहीद सप्ताह के दौरान ही नक्सल संगठन से तौबा किया है। पुलिस आत्मसमर्पित नक्सलियों की समुचित देखभाल और आर्थिक मजबूती की दिशा में कारगर कदम उठा रही है, जिसके चलते नक्सल संगठन से सदस्यों का मोहभंग होने लगा है। इस बीच मानपुर की युवती कविता के गढ़चिरौली में समर्पण करने से यह साफ हो गया है कि राज्य सरकारों की नक्सल समर्पण नीति के अब सकारात्मक नतीजे सामने आ रहे हैं।