सीजी न्यूज ऑनलाइन 19 अक्टूबर । प्रदेश के 3500 से अधिक शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में 11 वर्षो से रिक्त पड़े प्राचार्य के पदों पर पदोन्नति आदेश नगरीय निकाय चुनाव, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आचार संहिता लागू होने के पूर्व जारी करने की मांग छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति एवं व्याख्याता पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के संयोजक सतीश प्रकाश सिंह प्रदेश ने की है। पूर्णकालिक प्राचार्य की पदस्थापना से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में होगा समुचित सुधार होगा।
“छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति एवं व्याख्याता पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” तथा ” छत्तीसगढ़ राज्य सर्वशासकीय सेवक अधिकारी-कर्मचारी पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” ने प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत कार्यरत हजारों नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठकों की प्राचार्य पदोन्नति की आवाज़ को शासन तक पहुंचाने कारगर पहल की हैं। प्रदेश में विगत 11 वर्षो से 3500 से अधिक शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल में प्राचार्य के रिक्त पदों पर पात्रता रखने वाले नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठक माध्यमिक शाला (स्नातकोत्तर प्रशिक्षित) की प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं हुई हैं। इस कड़ी में 18 अक्टूबर को संचालक लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़, इंद्रावती भवन नया रायपुर में ज्ञापन सौंप कर प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग में व्याख्याता तथा प्रधान पाठकों से प्राचार्य पदोन्नति किए जाने की मांग ” की गई हैं ।
ज्ञात हो कि “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति एवं व्याख्याता पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” तथा “छत्तीसगढ़ राज्य सर्वशासकीय सेवक अधिकारी- कर्मचारी संघर्ष मोर्चा” के द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के “टी” एवं “ई” संवर्ग के व्याख्याता तथा प्रधान पाठक से प्राचार्य पदोन्नति किए जाने के लिए हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ से लेकर सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली तक न्याय के लिए गुहार लगाई गई।
” संघर्ष मोर्चा ” ने पूर्व में मुख्यमंत्री, स्कूल शिक्षा मंत्री , स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव, संचालक लोक शिक्षण संचालनालय तथा विभागीय उच्चाधिकारियो से मुलाकात कर अनेकों बार ज्ञापन सौंप कर प्राचार्य पदोन्नति के लिए मांग की, किंतु सरकार के द्वारा प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के समुचित सुधार के लिए बेहद जरूरी इस प्राचार्य पदोन्नति की मांग को तरजीह नहीं दी गई, नतीजा हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में व्याख्याता तथा प्रधान पाठक बिना प्राचार्य पदोन्नति के सेवानिवृत होते चले गए, अनेकों व्याख्याता तथा प्रधान पाठक प्राचार्य बनने का सपना लिए स्वर्ग सिधार गए। नतीजा प्रदेश के सैकड़ों शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल प्राचार्य विहीन रह गए , जहां प्रभारी के भरोसे काम चलाया जा रहा हैं।
सतीश प्रकाश सिंह ने कहा कि प्रदेश में 11 वर्षो से प्राचार्य पदोन्नति का कार्य लंबित था। प्रदेश में नई सरकार के गठन होने के बाद से शिक्षा जगत में प्राचार्य पदोन्नति को लेकर नई उम्मीद जगी हैं। पूर्ण उम्मीद हैं कि स्कूल शिक्षा विभाग तथा लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में समुचित सुधार के लिए तथा प्राचार्य विहीन समस्त हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में पूर्णकालिक प्राचार्य की पदस्थापना के लिए सभी संवर्ग की वरिष्ठता सूची पूर्ण कर, प्राचार्य पदोन्नति की सम्पूर्ण विभागीय कार्यवाही को शीघ्र पूर्ण कर प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जारी किये जाएंगे।
स्कूल शिक्षा विभाग में विगत 11 वर्षो से रूकी हुई प्राचार्य पदोन्नति के लिए कारगर कदम उठाते हुए प्राचार्य पदोन्नति की समस्त विभागीय प्रक्रिया को नगरीय निकाय चुनाव तथा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आचार संहिता लगने के पूर्व पूर्ण की जाकर प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जारी किया जावें। प्रदेश के 3500 से अधिक शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में “टी” एवं “ई” संवर्ग के रिक्त प्राचार्य के पदों को विगत 11 वर्षो से प्राचार्य पदोन्नति से वंचित प्रदेश के सभी पात्रताधारी एवं निर्धारित अर्हता रखने वाले नियमित व्याख्याता, व्याख्याता एल.बी., प्रधान पाठक (माध्यमिक शाला स्नात्तकोत्तर प्रशिक्षित) की प्राचार्य पद पर शासन के नियमानुसार पदोन्नति की जावें, ताकि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में समुचित सुधार हो सकें।
पूर्णकालिक प्राचार्य के नहीं होने से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था तथा शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही हैं।
सतीश प्रकाश सिंह ने कहा कि राज्य में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत “टी” संवर्ग में वर्ष 2013 से तथा “ई” संवर्ग में वर्ष 2016 के बाद से हाई स्कूल तथा हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं की गईं हैं ।