श्रम संहिता के खिलाफ राजमिस्त्री मजदूरों की हड़ताल रैली निकाल PM के नाम सौंपा ज्ञापन

श्रम संहिता के खिलाफ राजमिस्त्री मजदूरों की हड़ताल रैली निकाल PM के नाम सौंपा ज्ञापन


भिलाई नगर, 09 जुलाई। केंद्र सरकार की श्रम संहिता के विरोध में देश के प्रमुख ट्रेड यूनियनों ने आज देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था, उसी तारतम्य में राजमिस्त्री मजदूर रेजा कुली एकता यूनियन ने आज प्रदेश के विभिन्न शहर में हड़ताल कर रैली निकालकर प्रदर्शन किया। मांगों से संबंधित ज्ञापन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम जिलाधीश के माध्यम से सौंपा है।


रैली के पूर्व कांकेर शहर के न्यू कम्युनिटी हाल में एक सभा को यूनियन के राज्य अध्यक्ष देवचंद भास्कर एवं महासचिव ओम प्रकाश देवांगन ने संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार की श्रम संहिता मजदूरों को गुलाम बनाएगा। श्रम कानूनों को खत्म कर चार श्रम संहिता बनाने का मुख्य उद्देश्य मजदूरों पर मालिक और ठेकेदारों की शोषण को और तीव्र करना ही है। आधुनिक समाज में और विकसित पूंजीवादी देशों में जहा आज मजदूरों से प्रतिदिन 6 घंटे काम लेने की बात हो रही है वही मोदी सरकार हमारे देश में श्रमिकों से दैनिक 12 घंटे काम लेने का कानून बनाया है। जो मध्यकालीन समाज की याद को ही ताज़ा करता है। जिस समय मजदूरों का कोई भी अधिकार हासिल नहीं था। आज श्रम संहिता में मजदूरों के धरना,प्रदर्शन को भी अपराध की श्रेणी में शामिल कर लिया जाना मजदूरों के जनवादी आंदोलन को ही खत्म कर मालिकों की मुनाफा को बढ़ाने का ही काम करेगा।
कम्युनिटी हाल में हुईं सभा को जिला अध्यक्ष सागर साहू, संतोषी बड़िया, बीमा गोदारा, अर्जुन साहू, नजीब कुरैशी ने भी संबोधित किया।
सभा के बाद मजदूरों का एक विशाल जुलुश शहर के प्रमुख विभिन्न मार्गों से होता हुआ जिलाधीश कार्यालय पहुंचा। जहा पर एक 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में मुख्यरूप से श्रम संहिता वापस लेने, मजदूरों से प्रतिदिन 12 घंटे का कार्यदिवस खत्म करने,ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने, सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण रोकने,समान काम के समान वेतन का भुगतान सुनिश्चित करने,न्यूनतम वेतन का निर्धारण मालिकों के हवाले न करने,मजदूरों के सामाजिक सुरक्षा बहाल करने,महंगाई पर रोक लगाने,किसानों के फसल का वाजिब दाम देने, किसानों के कर्ज माफ करना प्रमुख है।
मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में मुख्यरूप से निर्माण मजदूरों के कल्याणकारी योजनाओं में कटौती रोकने,निर्माण मजदूरों के पंजीयन में स्वघोषणा को समाप्त करने,श्रम विभागों में पर्याप्त कर्मचारियों की नियुक्ति करने,श्रम विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार रोकना मुख्य है।
अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार कांकेर के अलावा इसी तरह का प्रदर्शन प्रदेश के रायगढ़, चांपा जांजगीर, बालोद, धमतरी ,भिलाई में हुआ है।