🙏🏻🙏 हर हर महादेव 🙏🙏🏻
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🌤️ दिनांक -14 जुलाई 2024
🌤️ दिन – रविवार
🌤️ विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)
🌤️ शक संवत -1946
🌤️ अयन – दक्षिणायन
🌤️ ऋतु – वर्षा ॠतु
🌤️ मास – आषाढ
🌤️ पक्ष – शुक्ल
🌤️ तिथि – अष्टमी शाम 05:25 तक तत्पश्चात नवमी
🌤️ नक्षत्र – चित्रा रात्रि 10:06 तक तत्पश्चात स्वाती
🌤️ योग – शिव सुबह 06:16 तक तत्पश्चात सिद्ध
⚛️सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ-:👇👇
( दिल्ली समयानुसार)
सूर्योदय———-05:32
सूर्यास्त———–19:20
सूर्य राशि ———– मिथुन
चन्द्र राशि- कन्या – 08:44 तक
उपरांत तुला राशि प्रारंभ।
चन्द्रोदय———-12:50
चन्द्रास्त———-24:12
⚫अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)-:👇👇
दुष्टमुहूर्त17:30 से 18:25 तक
कुलिक- 17:30 से 18:25 तक
राहु काल 17:37 से 19:20 तक
कालवेला/अर्द्धयाम11:59 से 12:54 तक
⚛️शुभ समय (शुभ मुहूर्त)-:👇👇
ब्रह्म मुहूर्त 4:00 से 5:00 तक
अभिजीत11:59 से 12:54 तक
विजय मुहूर्त 14:29 से 15:16 तक
गोधूलि बेला 18:55 से 19:25 तक
⚛️आज के व्रत त्यौहार-:👇👇
➡️*आज दुर्गा अष्टमी
(आषाढ़ शुक्ल पक्ष गुप्त नवरात्र)।
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞
💥 *विशेष – * अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞
🌹आज रविवार विशेष🌹
💥* सूर्य नारायण को जल अर्पित करें, इस दिन गायत्री मंत्र का जप करना भी शुभ कारक है।
💥* रविवार के दिन छोटा सा हवन करके उसमें गायत्री मंत्रों की आहुति देना काफी कल्याणकारी माना गया है।
💥* शास्त्र मतानुसार रविवार के दिन पीपल व तुलसी वृक्ष को छूना व पत्ते तोड़ना इत्यादि वर्जित है।
💥* ज्योतिष के अनुसार यदि यश, मान- सम्मान व व्यापार व रोजगार में बाधा उत्पन्न होती है और जन्म कुंडली में सूर्य अशुभ अवस्था में है तो रविवार का व्रत करने से सूर्य के अनुकूलता प्राप्त होती है
💥* ध्यान रहे रविवार के व्रत में किसी भी प्रकार का नमक खाना वर्जित है। रविवार के दिन आंवला भी नहीं खाना चाहिए।
💥 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
💥 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
💥 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
💥 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞
🌷 चतुर्मास व्रत की महिमा 🌷
➡ *गतांक से आगे⤵️
🌹🙏🏻 *चतुर्मास में विशेष रूप से जल की शुद्धि होती है। उस समय तीर्थ और नदी आदि में स्नान करने का विशेष महत्त्व है। नदियों के संगम में स्नान के पश्चात् पितरों एवं देवताओं का तर्पण करके जप, होम आदि करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है। ग्रहण के समय को छोड़कर रात को और संध्याकाल में स्नान न करें । गर्म जल से भी स्नान नहीं करना चाहिए। गर्म जल का त्याग कर देने से पुष्कर तीर्थ में स्नान करने का फल मिलता है।
🌹🙏🏻 जो मनुष्य जल में तिल और आँवले का मिश्रण अथवा बिल्वपत्र डालकर ॐ नमः शिवाय का चार-पाँच बार जप करके उस जल से स्नान करता है, उसे नित्य महान पुण्य प्राप्त होता है। बिल्वपत्र से वायु प्रकोप दूर होता है और स्वास्थ्य की रक्षा होती है।
🌹🙏🏻 चतुर्मास में जीव-दया विशेष धर्म है। प्राणियों से द्रोह करना कभी भी धर्म नहीं माना गया है। इसलिए मनुष्यों को सर्वथा प्रयत्न करके प्राणियों के प्रति दया करनी चाहिए। जिस धर्म में दया नहीं है वह दूषित माना गया है। सब प्राणियों के प्रति आत्मभाव रखकर सबके ऊपर दया करना सनातन धर्म है, जो सब पुरुषों के द्वारा सदा सेवन करने योग्य है।
🌹🙏🏻 सब धर्मों में दान-धर्म की विद्वान लोग सदा प्रशंसा करते हैं। चतुर्मास में अन्न, जल, गौ का दान, प्रतिदिन वेदपाठ और हवन – ये सब महान फल देने वाले हैं।
🌹🙏🏻 सतकर्म , सत्कथा, सत्पुरुषों की सेवा, संतों के दर्शन, भगवान विष्णु का पूजन आदि सत्कर्मों में संलग्न रहना और दान में अनुराग होना – ये सब बातें चतुर्मास में दुर्लभ बतायी गयी है। चतुर्मास में दूध, दही, घी एवं मट्ठे का दान महाफल देने वाला होता है। जो चतुर्मास में भगवान की प्रीति के लिए विद्या, गौ व भूमि का दान करता है, वह अपने पूर्वजों का उद्धार कर देता है। विशेषतः चतुर्मास में अग्नि में आहूति, भगवद् भक्त एवं पवित्र ब्राह्मणों को दान और गौओं की भलीभाँति सेवा, पूजा करनी चाहिए।
🌹🙏🏻 पितृकर्म (श्राद्ध) में सिला हुआ वस्त्र नहीं पहनना चाहिए। जिसने असत्य भाषण, क्रोध तथा पर्व के अवसर पर मैथुन का त्याग कर दिया है, वह अश्वमेघ यज्ञ का फल पाता है। असत्य भाषण के त्याग से मोक्ष का दरवाजा खुल जाता है। किसी पदार्थ को उपयोग में लाने से पहले उसमें से कुछ भाग सत्पात्र ब्राह्मण को दान करना चाहिए। जो धन सत्पात्र ब्राह्मण को दिया जाता है, वह अक्षय होता है। इसी प्रकार जिसने कुछ उपयोगी वस्तुओं को चतुर्मास में त्यागने का नियम लिया हो, उसे भी वे वस्तुएँ सत्पात्र ब्राह्मण को दान करनी चाहिए। ऐसा करने से वह त्याग सफल होता है।
🌹🙏🏻 *चतुर्मास में जो स्नान, दान, जप, होम, स्वाध्याय और देवपूजन किया जाता है, वह सब अक्षय हो जाता है। जो एक अथवा दोनों समय पुराण सुनता है, वह पापों से मुक्त होकर भगवान विष्णु के धाम को जाता है। जो भगवान के शयन करने पर विशेषतः उनके नाम का कीर्तन और जप करता है, उसे कोटि गुना फल मिलता है।
🌹🙏🏻 देवशयनी एकादशी के बाद प्रतिज्ञा करना कि ”हे भगवान ! मैं आपकी प्रसन्नता के लिए अमुक सत्कर्म करूँगा।” और उसका पालन करना इसी को व्रत कहते हैं। यह व्रत अधिक गुणों वाला होता है। अग्निहोत्र, भक्ति, धर्म विषयक श्रद्धा, उत्तम बुद्धि, सत्संग, सत्य भाषण, हृदय में दया, सरलता एवं कोमलता, मधुर वाणी, उत्तम चरित्र में अनुराग, वेदपाठ, चोरी का त्याग, अहिंसा, लज्जा, क्षमा, मन एवं इन्द्रियों का संयम, लोभ, क्रोध और मोह का अभाव, वैदिक कर्मों का उत्तम ज्ञान तथा भगवान को अपने चित्त का समर्पण – इन नियमों को मनुष्य अंगीकार करे और व्रत का यत्नपूर्वक पालन करे।
➡ *समाप्त..🙏🙏
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞
🌷बड़ (बरगद) के चमत्कारिक लाभ🌷
🔥बवासीर, वीर्य का पतलापन, शीघ्रपतन, प्रमेह स्वप्नदोष आदि रोगों में बड़ का दूध अत्यंत लाभकारी है । प्रातः सूर्योदय के पूर्व वायुसेवन के लिये जाते समय २-३ बताशे साथ में ले जायें ।
🔥बड़ की कली को तोड़कर एक-एक बताशे में बड़ के दूध की ४-५ बूँद टपकाकर खा जायें । धीरे-धीरे बड़ के दूध की मात्रा बढ़ाते जायें । ८-१० दिन के बाद मात्रा कम करते-करते अपनी शुरूवाली मात्रा पर आ जायें । कम-से-कम चालीस दिन यह प्रयोग करे ।
🔥बड़ का दूध दिल, दिमाग व जिगर को शक्ति प्रदान करता है एवं मूत्र रुकावट (मूत्रकृच्छ) में भी आराम होता है । इसके सेवन से रक्तप्रदर व खूनी बवासीर का रक्तसाव बन्द होता है पैरों की एडियों में बड़ को दूध लगाने से वे नहीं फटती चोट, मोच और गठिया रोग में इसकी सूजन पर इस दूध का लेप करने से बहुत आराम होता है ।
🔥मुफ्त में उपलब्ध यह दूध अच्छे से अच्छे बलवीर्यवर्द्धक नुस्खे की बराबरी कर सकता है । वीर्य- विकार व कमजोरी के शिकार रोगियों को धैर्य के साथ लगातार ऊपर बताई विधि के अनुसार इसका सेवन करना चाहिये ।
🔥बड़ की छाल का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन एक कप मात्रा में पीने से मधुमेह (डायबिटीज) में फायदा होता है व शरीर में बल बढ़ता है ।
🔥उसके कोमल पत्तों को छाया में सुखाकर कूट- पीस लें । आधा लिटर पानी में एक चम्मच चूर्ण डालकर काढ़ा करें । जब चौथाई पानी शेष बचे तब उतारकर छान लें और पिसी मिश्री मिलाकर कुनकुना करके पियें । यह प्रयोग दिमागी शक्ति बढ़ाता है व नजला- जुकाम ठीक करता है ।
🌞~वैदिक पंचांग~🌞
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🌹🙏एकादशी🙏🌹
➡️ 17 जुलाई 2024- देवशयनी एकादशी।
🌹🙏प्रदोष🙏🌹
➡️18 जुलाई 2024 गुरुवार, गुरु प्रदोष व्रत (शुक्ल)।
🌞~वैदिक पंचांग~🌞
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🌑👽 अमावस्या 👽🌑
➡️ अगली अमावस्या – 4 अगस्त 2024को।
🌑👽पंचक👽🌑
➡️ जुलाई 23 जुलाई, मंगलवार 9:19 पूर्वाह्न से
27 जुलाई, शनिवार 12:59 अपराह्न तक।
🌞~वैदिक पंचांग~🌞
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🌹👉 राहुकाल ज्ञानाय समय चक्र 👈🌹
➡️ रविवार – सायं काल -16:30 से 18:00 तक
➡️ सोमवार- प्रातःकाल -07:30 से 09:00 तक
➡️ मंगलवार -दिवा काल -15:00 से 16:30 तक
➡️ बुधवार – दिवा काल -12:00 से 13:30 तक
➡️ गुरुवार – दिवा काल -13:30 से 15:00 तक
➡️ शुक्रवार- प्रातःकाल -10:30 से 12:00 तक
➡️ शनिवार -प्रातःकाल -09:00 से 10:30 तक
🌹👉 अभिजीत मुहूर्त का समय 👈🌹
➡️मध्यम माननें दोपहर ( दिन में) -11:36 से 12:24 बजे तक के मध्य अभिजीत मुहूर्त वर्तमान रहता है। जिसमें सभी दोष निवारण की क्षमता कहीं गयी है। किसी मुहूर्त विशेष में लग्न की शुद्धता परिलक्षित न हो तो अभिजीत मुहूर्त में कार्य सम्पादन कर लाभ के भागीदार बन सकते हैं। विशेष विवरण पंचांग के मुहूर्त प्रकरण में देखें। धन्यवाद।
🌞~वैदिक पंचांग~🌞
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🌹👉जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभाशीष।
🌹👉आप बेहद भाग्यशाली हैं कि आपका जन्म 14 तारीख को हुआ है। 14 का मूलांक भी 5 ही होता है। ऐसे व्यक्ति अधिकांशत: मितभाषी होते हैं। कवि, कलाकार तथा अनेक विद्याओं के जानकार होते हैं।
🌹👉आपमें गजब की आकर्षण शक्ति होती है। आपमें लोगों को सहज अपना बना लेने का विशेष गुण होता है। अनजान व्यक्ति की मदद के लिए भी आप सदैव तैयार रहते हैं।
🌹👉आपमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन करना मुश्किल है। अर्थात अगर आप अच्छे स्वभाव के व्यक्ति हैं तो आपको कोई भी बुरी संगत बिगाड़ नहीं सकती।
🌹👉अगर आप खराब आचरण के हैं तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको सुधार नहीं सकती। लेकिन सामान्यत: 5 तारीख को पैदा हुए व्यक्ति सौम्य स्वभाव के ही होते हैं।
शुभ दिनांक : 1, 5, 7, 14, 23
शुभ अंक : 1, 2, 3, 5, 9, 32, 41, 50
शुभ वर्ष : 2030, 2032, 2034, 2050, 2059, 2052
ईष्टदेव : देवी महालक्ष्मी, गणेशजी, मां अम्बे।
शुभ रंग : हरा, गुलाबी, जामुनी, क्रीम
🌹👉कैसा रहेगा यह वर्ष
दाम्पत्य जीवन में मधुर वातावरण रहेगा। अविवाहित भी विवाह में बंधने को तैयार रहें। व्यापार-व्यवसाय में प्रगति से प्रसन्नता रहेगी। यह वर्ष सफलताओं भरा रहेगा।
🌹👉अभी तक आ रही परेशानियां भी इस वर्ष दूर होती नजर आएंगी। परिवारिक प्रसन्नता रहेगी। संतान पक्ष से खुशखबर आ सकती है। नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए यह वर्ष निश्चय ही सफलताओं भरा रहेगा
🌞~वैदिक पंचांग~🌞
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🌹 आज का राशिफल 🌹
🌹🐏मेष
कारोबारी नए अनुबंध होंगे। नई योजना बनेगी। मान-सम्मान मिलेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्त्री कष्ट संभव। कलह से बचें। कार्य में सफलता, शत्रु पराजित होंगे। विवेक से कार्य बनेंगे। पेट रोग से पीड़ित होने की संभावना। वस्त्राभूषण की प्राप्ति के योग।
🌹🐂वृष
बेचैनी रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। राजकीय बाधा दूर होगी। नेत्र पीड़ा की संभावना। धनलाभ एवं बुद्धि लाभ होगा। शत्रु से परेशान होंगे। अपमान होने की संभावना। कष्ट की संभावना। धनहानि। कष्ट-पीड़ा। शारीरिक पीड़ा होगी।
🌹👫मिथुन
लेनदारी वसूल होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। शत्रु भय रहेगा। व्यापार-व्यवसाय में ग्राहकी अच्छी रहेगी। नौकरी में कार्य व्यवहार, ईमानदारी की प्रशंसा होगी। मशक्कत करने से लाभ होगा। चिंता होगी। शत्रु पराजित होंगे।
🌹🦀कर्क
प्रेम-प्रसंग में जोखिम न लें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। झंझटों में न पड़ें। आगे बढ़ने के मार्ग मिलने की संभावना। शत्रु पराजित होंगे। लाभ होगा। स्वास्थ्य ठीक न हो। अनजाना भय सताएगा। राज्य से लाभ। शत्रु शांत होंगे।
🌹🐅सिंह
लेन-देन में सावधानी रखें। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। शत्रु पर विजय, हर्ष के समाचार मिलने की संभावना। कुसंग से हानि। धनागम सुखद रहेगा। प्रेमिका मिलेगी। कुछ आय होगी। माता को कष्ट रहेगा।
🌹🙍♀️कन्या
रोजगार में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। परिवार की चिंता रहेगी। लाभ होगा। अस्वस्थता का अनुभव करेंगे। चिंता से मुक्ति नहीं मिलेगी। शत्रु दबे रहेंगे। कलह-अपमान से बचें। संभावित यात्रा होगी। सावधानी बरतना होगी।
🌹⚖️तुला
यात्रा सफल रहेगी। विवाद न करें। लेन-देन में सावधानी रखें। कानूनी बाधा दूर होगी। देव दर्शन होंगे। राज्य से लाभ होने की संभावना। मातृपक्ष की चिंता। वाहन-मशीनरी का प्रयोग सावधानी से करें। धनागम की संभावना। मित्र मिलेंगे। विवाद न करें।
🌹🦂वृश्चिक
भय, पीड़ा व भ्रम की स्थिति बन सकती है। व्यर्थ भागदौड़ होगी। भय-पीड़ा, मानसिक कष्ट की संभावना। लाभ तथा पराक्रम ठीक रहेगा। दु:समाचार प्राप्त होंगे। हानि तथा भय की संभावना, पराक्रम से सफलता, कलहकारी वातावरण बनेगा। भयकारक दिन रहेगा।
🌹🏹धनु
आकस्मिक व्यय से तनाव रहेगा। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा। विवेक से कार्य करें। स्थानीय धर्मस्थल की परिवार के साथ यात्रा होगी। पार्टनर से मतभेद समाप्त होगा। नौकरी में अधिकारी का सहयोग तथा विश्वास मिलेगा। पारिवारिक व्यस्तता रहेगी।
🌹🐊मकर
स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। भागदौड़ रहेगी। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। धनागम सुस्त रहेगा। कार्य के प्रति अनमनापन रहेगा। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। कुछ लाभ की संभावना। चिंताएं कुछ कम होंगी।
🌹🍯कुंभ
आय में वृद्धि होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। विरोध की संभावना, धनहानि, गृहस्थी में कलह, रोग से घिरने की संभावना, कुछ कार्यसिद्धि की संभावना। चिंताएं जन्म लेंगी। स्त्री पीड़ा, कुछ लाभ की आशा करें।
🌹🐟मीन
जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। घर-बाहर अशांति रह सकती है। प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा के योग बनेंगे। कुछ कष्ट होने की संभावना। लाभ के योग बनेंगे। स्त्री वर्ग को कष्ट। कुसंग से कष्ट। कलहकारक दिन रहेगा। अपनी तरफ से बात को बढ़ावा न दें।
🌞~वैदिक पंचांग~🌞
🙏🏵️🌷💐🌹💐🌷🏵️🙏