नोएडा नोटिस देने गई दुर्ग पुलिस टीम अगर यूपी पुलिस को अपहरण करने वाली लगी तो यह आश्चर्यजनक है- एसपी
🟫 नोएडा के अपार्टमेंट में एक साल से सट्टा रैकेट चल रहा तो खुद यूपी पुलिस ने क्यों नहीं की कार्रवाई….?
भिलाई नगर, 8 फरवरी। छत्तीसगढ़ पुलिस की दुर्ग जिले से भेजी गई एक गिरफ्तारी टीम के खिलाफ नोएडा पुलिस द्वारा लगाए गए अपहरण के आरोपों से नाराज एसपी दुर्ग डाक्टर अभिषेक पल्लव ने कहा कि यूपी पुलिस का ऐसा कृत्य आरोपियों को बचाने जैसा प्रतीत होता है। उन्होंने कहा महादेव ऐप से आनलाईन सट्टा संचालित कर रहे नौ आरोपियों को नोटिस देने गई टीम अगर यूपी पुलिस को अपहरण करने वाली लगी तो यह आश्चर्यजनक है। क्यों नहीं यूपी पुलिस ने खुद सटोरियों को गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ की टीम के आने तक यूपी पुलिस को अपनी नाक के नीचे से चल रहे इस रैकेट के खिलाफ खुद कार्रवाई करनी थी।
आपको बता दें कि दुर्ग जिला पुलिस टीम ने लगभग 5,000 करोड़ रुपये के आनलाईन बेटिंग सट्टेबाजी के सिलसिले में ग्रेटर नोएडा के एक अपार्टमेंट से 9 आरोपियों को चिन्हित कर नोटिस दिया। इस कार्रवाई के बाद सोमवार को दुर्ग (छत्तीसगढ़) की एक पुलिस टीम के खिलाफ नोएडा पुलिस ने आईपीसी 365 (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है। दुर्ग पुलिस टीम पर बगैर सूचना दिए यह कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए उनके क्षेत्र में सरप्राइज़ छापेमारी और आरोपियों को धरदबोचने की बात से परेशान यूपी पुलिस ने टीम के खिलाफ एफआईआर की।
दुर्ग एसपी डाक्टर अभिषेक पल्लव ने इस मामले में स्पष्ट कहा कि यूपी पुलिस को सूचित करने की टीम को कोई आवश्यकता नहीं थी। एसपी पल्लव ने यूपी पुलिस द्वारा 16 संदिग्धों की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे लगता है यूपी पुलिस के पास हमसे ज्यादा क्लू जवाब देने के लिए है, जब वे स्वीकार करते हैं कि अवैध सट्टेबाजी का रैकेट एक साल से वहां चल रहा था तो फिर उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई के बाद ही कार्रवाई क्यों की? यूपी पुलिस एफआईआर दर्ज करने से पहले दुर्ग पुलिस से परामर्श कर सकती थी क्योंकि हम अपराधी नहीं हैं। उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि इतने महीनों तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने से उन्हें क्या रोका गया था? एसपी ने कहा कि अपार्टमेंट मैनेजर की शिकायत के आधार पर आरोपी को पनाह देने के लिए दुर्ग पुलिसफ नोटिस देगी क्योंकि नोएडा अपार्टमेंट में औचक छापेमारी यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक थी कि आरोपी बच न जाएं। जबकि छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम केवल एक जांच के लिए और एक नोटिस देने के लिए नोएडा गई थी।
डाक्टर पल्लव ने बताया कि आरोपियों को सीआरपीसी की धारा 41 (ए) के तहत नोटिस दिया गया था जिसके बाद वे अपने वाहन से छत्तीसगढ़ लौट आए और उन्हें दुर्ग में औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया। दुर्ग पुलिस छत्तीसगढ़ से अन्य राज्य में फैले महादेव ऐप सट्टा मामले में पकड़े गए आरोपियों से मिले क्लू के आधार पर इस अवैध कारोबार की गहन विवेचना करते हुए कड़ियों को जोड़ इस काले कारोबार को खत्म करने जुटी हुई है क्योंकि यह अन्य राज्यों में फैल गया है और पूरे यूपी से इसके गुर्गों की भर्ती की गई है। दुर्ग पुलिस को सूचना मिली थी कि एक स्थानीय आरोपी अंकित सिंह ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट चला रहा है जिसके लिए उसने ग्रेटर नोएडा में किराए का अपार्टमेंट ले रखा है और उनके सहयोगी अंकित कन्नोजिया और विशाल कुशवाहा इस ब्रांच के पैनलिस्ट हैं। अंकित का लैपटॉप, मोबाइल फोन और रजिस्टर जब्त कर लिया गया था। पुलिस की एक टीम सीआरपीसी 41ए के नोटिस के साथ नोएडा गई थी। उन्होंने नौ आरोपियों को एक सप्ताह के भीतर दुर्ग पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने का नोटिस सौंपा और वे अपने वाहन से लौट आए और उन्हें सोमवार दोपहर करीब 12:45 बजे दुर्ग में गिरफ्तार किया गया। इस सट्टा रैकेट का सरगना सोनू बधौतिया फरार है। नौ आरोपियों के परिवार के सदस्यों का दावा है कि उन्हें नोएडा में नौकरी का लालच दिखाकर सट्टेबाजी के रैकेट में धकेल दिया गया। दुर्ग पुलिस की कार्रवाई पूरी पारदर्शितापूर्ण है, ऐसे में यूपी पुलिस ने यह एक्शन किस बिनाह पर लिया है वही बता सकती है। दुर्ग पुलिस के पास मामले को लेकर सभी जवाब है समय पर जवाब दिया जायेगा।