🛑 जानिए तथाकथित स्वयंभू धर्मगुरू रेपिस्ट नित्यानंद ने भारत से भाग कहाँ बनाया खुद का “साम्राज्य”
🌐 खुद को भगवान कहने वाले इस “पापी” पर हैं अनेक गंभीर आरोप, जानें “कैलासा” में कैसे जमी है इसकी “सत्ता”
संतोष मिश्रा
सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 14 दिसंबर। खुद को भगवान प्रोजेक्ट कर आश्रम की आड़ में बलात्कार, अपहरण सहित अनेक गंभीर अपराधों में संलिप्त नित्यानंद पर भारत का भगोड़ा होने की मोहर लगी और जब इस दुराचारी को संसद में ब्रिटेन सरकार ने न सिर्फ निमंत्रण दिया बल्कि इसकी फूल एडवरटाइजिंग के साथ सत्कार में पलक पावडे़ बिछा दिए हों तो भारत देश सहित विश्व पटल पर ऐसे दुराचारी के सत्कार को लेकर बवाली चर्चा वाजिब और जरूरी भी है।
वो स्वामी नित्यानंद जो भारत में अवांछित और फरार घोषित है, जिस पर रेप का गंभीर आरोप है, भारत से भाग जिसने अपने काले कारनामों से जमा किए अकूत धन से न केवल एक आयलैंड खरीद अपना अलग साम्राज्य बना लिया बल्कि वहां खुद को यह दुराचारी भगवान से कहीं कम नहीं मानता हो, ऐसे शख्स को ब्रिटेन की संसद ने न केवल निमंत्रण भेजा बल्कि उससे ज्ञान लेने लालायित भी दिखी। यह अलग बात है कि इस आयोजन में भारत के इस भगोड़े ने खुद की जगह अपने एक दूत को भेज दिया था। ‘ऑब्वजर्वर’ की खबर के मुताबिक, ब्रिटेन के जिन दो सांसदों ने नित्यानंद को संसद में आमंत्रित किया था वो कंजर्वेटिव पार्टी के मेंबर रामी रेंजर और बॉब ब्लैकमैन हैं।
नित्यानंद को ब्रिटेन की संसद में बुलाया जाना एक ऐसा कदम है जो ऐसे संगठन को कानूनी मान्यता देता है, जो ईश्वर और आध्यात्म के पीछे छिप यौन उत्पीड़न, बलात्कार, अपहरण जैसे आरोपों से घिरने के बाद भारत की न्याय व्यवस्था से भाग रहा है
गौरतलब हो कि ब्रिटेन में इस साल अक्टूबर में संसद में हुई दिवाली पार्टी में नित्यानंद की प्रतिनिधि नित्या आत्मदयानंदा के शामिल होने की खबर भारत भी पहुंची। ब्रिटिश संसद में हुई इस दिवाली पार्टी का आयोजन हिंदू फोरम ऑफ ब्रिटेन ने किया था। इस पार्टी में जुटे लोगों को एक ब्रोशर भी बांटा गया था जिसमें नित्यानंद के “कैलासा” से जुड़ा पूरे पेज का विज्ञापन था। नित्यानंद को दिवाली पार्टी में बुलाने वाले ब्रिटेन के ये दोनों सांसद ब्लैकमैन ब्रिटिश हिंदुओं के सर्वदलीय संसदीय समूह के चैयरमैन भी हैं। नित्यानंद की सहयोगी को दिवाली पार्टी में बुलाने की रिपोर्ट सार्वजनिक होने और हो रही आलोचना के बाद ब्रिटिश सांसद बैकफुट पर आई और सांसद रैमी रेंजर ने मामले की सफाई में कहा कि वो नित्यानंद और उनके संगठन से ठीक से वाकिफ नहीं थे। उन्होंने सिर्फ हिंदू फोरम ऑफ ब्रिटेन द्वारा आयोजित कार्यक्रम की मेजबानी की है। उन्होंने कहा, मैं कैलासा और इस शख्स को नहीं जानता, अगर मैं जानता तो इस तरह के कार्यक्रम में इनवाइट नहीं करता। हालांकि, हिंदू फोरम फॉर ब्रिटेन अपने इस फैसले पर अडिग है वहीं संगठन की अध्यक्ष तृप्ति पटेल ने कहा कि जहां तक हमें पता है नित्यानंद के संगठन ने समाज की सेवा में अच्छे काम किए हैं और प्रगति में सकारात्मक ढंग से योगदान दिया है।
आपको बता दें कि नित्यानंद एक स्वयंभू हिंदू गुरू है, जिसके देश भर में कई आश्रम अब भी हैं। वह एक धार्मिक संगठन नित्यानंद ध्यानपीठम का प्रमुख है और नित्यानंद की वेबसाइट पर मौजूद वीडियो में दावा किया गया है कि नित्यानंद को 12 साल की उम्र में ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी। वीडियो में उसे हिंदुत्व का ऐसा धार्मिक नेता बताया गया है, जिसके 47 देशों में सेंटर भी हैं।

🌏 आइए विस्तार से नित्यानंद के बायोडेटा को खंगाले…..‼️
भारत के तमिलनाडू राज्य में अरूणाचल हिल (अन्नमलई) के नीचे बसे शहर तिरूवन्नमलई में 1 जनवरी 1978 में नित्या अरूणाचलानंदा और लोकनायकी से जन्मी संतान नित्यानंद ने श्री व्हीडीएस जैन हायर सेकेंडरी स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद 1995 में राजगोपाल पालिटेक्निक काॅलेज से डिप्लोमा लिया और वर्ष 2000 में उसने कर्नाटक के बिदादी में नित्यानंद ध्यानपीठम की स्थापना की। यहां से उसने खुद को धर्म गुरू प्रोजेक्ट करते हुए शिष्यों की बडी़ तादाद जोड़ ली और 2003 में अमेरिका के लॉस एंजिलिस में लाइफ ब्लिस फाउंडेशन की स्थापना करने के बाद ध्यानपीठम में योग, मेडिटेशन और कई तरह के फिटनेस कोर्स शुरू कर दिए। इस पीठ ने कई देशों में मंदिर, आश्रम और गुरुकुल भी बनवाए और देखते ही देखते नित्यानंद अपने अनुयायियों के बीच नित्यानंद परम् शिवम या परमहंस नित्यानंद के रूप में जाना जाने लगा।
🌘 आध्यात्म का चोला ओढ़ तमिल अभिनेत्री के साथ लीक हुआ विडियो
वर्ष 2010 में इस तथाकथित धर्मगुरु की उल्टी गिनती भारत में तब शुरू हो गई जब दक्षिण भारत के सन टीवी ने नित्यानंद का एक अश्लील वीडियो प्रसारित किया। इस विडियो में अध्यात्म का चोला ओढ़ खुद को भगवान का अवतार बताने वाला नित्यानंद दक्षिण भारत की एक अभिनेत्री के साथ विभिन्न अश्लील लीलाएं करता दिखाई पड़ा। वीडियो में नित्यानंद को एक तमिल अभिनेत्री के साथ आपत्तिजनक अवस्था में देखा गया। आरोप प्रत्यारोप के बीच नित्यानंद ने विरोध में उभरती जनभावनाओं पर एक “सफाई” थोपने का प्रयास करते हुए यह कह दिया था कि वीडियो से छेड़छाड़ की गई है और यह सब उसे बदनाम करने साजिश के तहत किया गया है। यह विडियो छद्म, भ्रम जाल से बुना हुआ है, इसमें बिल्कुल सच्चाई नहीं है। लेकिन आपको बता दें कि जांच के बाद यह सामने आया कि वीडियो से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई थी और वह वीडियो क्लिप खाटी असली है। रिपोर्ट आते ही नित्यानंद के भारत में फैले कल्पित साम्राज्य की नींव बुरी तरह हिलने लगी। वर्ष 2012 में फिर जब उस पर दुष्कर्म का आरोप लगा तो पांच दिन तक फरार रहने के बाद नित्यानंद ने आत्मसमर्पण कर दिया, बाद में उसे कोर्ट से जमानत भी मिल गई थी। नित्यानंद पर रेप के आलावा अपहरण के भी आरोप लगे हैं। तमिलनाडु के एक दंपति ने नित्यानंद पर आरोप लगाए थे कि वह उनके बच्चों को गैरकानूनी रूप से कब्जे में लेकर अहमदाबाद के अपने आश्रम ले गया था। पुलिस ने नित्यानंद पर अपहरण, गैरकानूनी रूप से बच्चों को कब्जे में लेने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
🌑 काली करतूतों की परछाई से बचते बचाते भारत से निकल भागा
भारत देश में विवादित स्वामी नित्यानंद का मुख्य आश्रम बिदादी पूरी तरह से खाली पड़ा है और वहां की व्यवस्था देखने वाले लोग भी नदारद हैं। नित्यानंद पर अवैध तरीके से बच्चों को कैद में रखने और बलात्कार का भी आरोप है। उसके भारत में 10 से 15 आश्रम और मुख्य कामकाज तमिलनाडु और गुजरात में रहा है। अपने खिलाफ छोटे बडे़ विभिन्न आपराधिक मामले और काले कारनामे को धीरे धीरे एक के बाद एक बाहर निकलता देख वह 2019 में देश से भाग निकलने में कामयाब हो गया। स्वामी नित्यानंद भारत में वांछित और भगोड़ा घोषित किया गया। फरारी के बाद ही अलग अलग देशों की शरण में रहते हुए नित्यानंद ने अपने लिए एक अलग देश ‘कैलासा’ बनाने का ऐलान कर सुर्खियां बटोरी थीं।

🌎 आयलैंड खरीद बसा लिया नया साम्राज्य, नाम रखा “कैलासा”
खुद को भगवान कहने वाले इस विवादित धर्मगुरु ने कथित रूप से त्रिनिदाद के पास एक नया देश ‘कैलासा’ बसा ही लिया। दरअसल दक्षिण अमेरिका में त्रिनिदाद और टोबैगो, इक्वाडोर समेत कई ऐसे द्वीपीय देश हैं, जहां कोई भी निजी तौर पर द्वीप खरीद सकता है। यह सीधे तौर पर जमीन खरीदने जैसा ही है। ऐसा माना जा रहा है कि भगोड़े रेप के आरोपी नित्यानंद ने भी इसी के आसपास कहीं छोटा सा प्राइवेट द्वीप खरीदा है और उसका नाम “कैलासा” रखा है, जिसको उसने दुनिया का एकमात्र हिंदू राष्ट्र होने का दावा भी किया है। हालांकि इसकी सटीक लोकेशन अब भी किसी को पता नहीं है। तभी से वह अपने भक्तों से कैलासा आने के लिए वीजा अप्लाई करने कहता है। एक वीडियो जारी कर नित्यानंद ने बताया था कि कैलासा आने वाले व्यक्ति को सिर्फ तीन दिन तक ही यहां रुकने दिया जाएगा। उसने अपने भक्तों को फ्लाइट से ऑस्ट्रेलिया आने को कहा और इसके बाद कैलासा तक के लिए चार्टर्ड विमान सेवा के होने की बात बताई थी। वर्ष 2019 में कैलासा साम्राज्य बस जाने का दावा करते हुए एक के बाद एक कई वीडियो अपलोड किए थे। जिसमें कैलासा में अलग करंसी, रिजर्व बैंक और अन्य सभी सुविधाएं बताई गई थीं। नित्यानंद ने अपने इस कथित देश का एक झंडा भी जारी किया था, जो त्रिकोण आकार का है। इसमें उसकी खुद की भी तस्वीर है और इसमें भी उसने खुद को परम् शिव प्रोजेक्ट करते हुए झंडे को ऋषभ ध्वज नाम दिया, जिस पर नंदी की तस्वीर भी बनी हुई है। फिर जल्दी ही नित्यानंद की बातों और दावे को बल देती वेबसाइट सामने आई जिसमें बताया गया कि नित्यानंद ने कैलासा में कैबिनेट का भी गठन कर लिया है, जिसके तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, तकनीक, हाउसिंग जैसे विभाग हैं हालांकि वेबसाइट में नागरिकता के कॉलम में आध्यात्मिक नागरिकता की बात की गई है। साफ है कि नित्यानंद के कथित देश में बसने जैसी कोई सुविधा अब भी नहीं है।
☣️ उत्पीड़न का कौन सा “रहस्य” उजागर करेगा नित्यानंद….‼️
भगोड़ा स्वयंभू बाबा नित्यानंद लोगों को अपने देश का नागरिक बनने के लिए न्यौता देते हुए कैलासा की सरकार और व्यवस्था को चलाने के लिए दान भी मांगता रहा है। उसकी वेबसाइट में कहा गया है कि कैलासा को उसने न सिर्फ सनातन हिंदू धर्म की रक्षा, संरक्षण, पूरे विश्व में रूबरू कराने के लिए बनाया गया है बल्कि इसके जरिए उत्पीड़न की ऐसी कहानी भी बताई जाएगी, जो अभी दुनिया को पता नहीं है। यह नया देश एक मंदिर आधारित पारिस्थितिकी के साथ तीसरी आंख के पीछे का विज्ञान, योग, ध्यान और गुरुकुल शिक्षा पद्धति का भी दावा करता है। वेबसाइट बताती है कि कैलासा में सभी को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा, निःशुल्क शिक्षा, मुफ्त भोजन और एक मंदिर आधारित जीवन प्रणाली दी जाती है। कैलासा की मुख्य भाषा अंग्रेजी, संस्कृत और तमिल है। वेबसाइट पर किए गए दावे के अनुसार नए देश कैलासा की सरकार में आंतरिक सुरक्षा, रक्षा, कोषागार, वाणिज्य, आवास, मानवीय सेवाएं और शिक्षा विभाग भी हैं।
⚠️ झूठी और अहंकारी स्वयंभू सत्ता की नित्यानंद कर रहा “मार्केटिंग”
नित्यानंद के कैलासा को लेकर विशेषज्ञों की राय फिलहाल यही है कि नया देश या अलग राष्ट्र बनाना कोई खेल नहीं है। किसी देश या खाली पड़े द्वीप पर जा बसना और वहां कोई जमीन का टुकड़ा लेकर उसे एक राष्ट्र घोषित कर देना सिर्फ एक नौटंकी जैसा ही है। किसी भी एक राष्ट्र के लिए यह जरूरी है कि दुनिया के अन्य देश उसे मान्यता दें और संयुक्त राष्ट्र भी उसकी संप्रभुता को स्वीकार करे। इसलिए नित्यानंद अकूत धन और शिष्यों की बदौलत स्वयंभू अहंकारी सत्ता का निर्माण कर भले इसकी मार्केटिंग कर रहा हो लेकिन उसके तमाम दावे धरातल से काफी दूर और अलग ही हैं। आपको बता दें कि नित्यानंद ने विडियो में कैलासा पर कम से कम एक लाख लोगों को बसाने की योजना बताई थी वहीं उसने एक विडियो में यह भी कहा था कि अन्य देश से आने वाले कैलासा में सिर्फ 3 दिन ही रुक सकते हैं।