सीजी न्यूज ऑनलाइन 19 मई। भारत-विरोधी कदमों के जवाब में आयात पर नए प्रतिबंध लगाए हैं. भारत ने कोलकाता और न्हावा शेवा को छोड़कर अन्य बंदरगाहों से बांग्लादेशी माल की एंट्री पर रोक लगा दी है. इससे बांग्लादेशी कारोबारी प्रभावित हुए हैं और कई ट्रक सीमा पर फंसे हैं. साथ ही द्विपक्षीय व्यापार पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है.
बांग्लादेश की यूनुस सरकार एक के बाद एक भारत विरोधी कदम उठा रही है. लंबे समय से व्यापारिक मदद के लिए भारत पर निर्भर रहना वाला बांग्लादेश अब भारतीय कारोबार को निशाना बनाने में लगा है. जिसके बाद भारत ने बांग्लादेश को सबक सिखाने के लिए वहां से आने वाले समान पर नए प्रतिबंध लगाए थे, जिससे उनकी एंट्री सिर्फ दो बंदरगाहों कोलकाता और न्हावा शेवा के जरिए ही होगी.
बांग्लादेश के सैकड़ो ट्रक फंसे
भारत के इस कदम का असर रविवार को देखने मिला. जब बांग्लादेश के कई बंदरगाहों पर भारत में माल ले जाने वाले सैकड़ों ट्रक फंस गए या उन्हें बिना माल उतारे ही लौटना पड़ा. इन ट्रकों में कई तरह का सामान लदा हुआ था, खास तौर पर कपड़े का.
बुरी तरह प्रभावित हो रहा व्यापार”
बेनापोल सीएंडएफ एजेंट्स एसोसिएशन के महासचिव इमदादुल हक ने कहा, “यह अचानक लिया गया निर्णय द्विपक्षीय व्यापार को बुरी तरह से बाधित कर सकता है.” बता दें कि बेनापोल में कल शाम को रेडीमेड गारमेंट्स ले जा रहे कम से कम 36 ट्रक फंसे रहे.
इस कदम से असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम और पश्चिम बंगाल के रास्तों से जाने वाले बांग्लादेशी गारमेंट्स, खाद्य पदार्थ, प्लास्टिक के सामान और अन्य वस्तुओं के एंट्री पर रोक लग गई है. जिसके बाद निर्यातकों भारी नुकसान और रसद संबंधी अव्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि उनके शिपमेंट बेनापोल, बुरीमारी और बंगलाबंधा जैसे बंदरगाहों पर बेकार पड़े हैं.
दुनिया की पांच वे लंबी भारत-बांग्लादेश की सीमा
बांग्लादेश और भारत 4,096 किलोमीटर (2,545 मील) लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं, जो दुनिया की पांचवीं सबसे लंबी भूमि सीमा है. बांग्लादेश की सीमा भारत के 5 प्रदेशों से लगा दी है. तनाव से पूर्व बांग्लादेश का सामान भारत की कई बंदरगाहों से भारत आता था, लेकिन भारत सरकार के नए कदम से ये परागमन सिर्फ दो बंदरगाह कोलकाता और न्हावा शेवा तक ही सीमित हो गया है और दूसरी बंदरगाहो से ट्रकों को लौटाया जा रहा है.