सीजी न्यूज ऑनलाइन 20 मार्च ।बीएकेस भिलाई द्वारा इंसेंटीव फॉर्मुला में लगभग 20 वर्षो से नही किए गए संशोधन पर किए जा रहे लगातार पत्राचार का असर होना अब दिख रहा है ।
पुर्व में भिलाई इस्पात प्रबंधन द्वारा इस्पात सचिव को पत्र लिखकर जवाब दिया गया था कि इंसेंटीव फॉर्मुला में संशोधन का अधिकार सेल कारपोरेट कार्यालय के पास है , वही सेल कारपोरेट कार्यालय ने मुख्य श्रमायुक्त (कें.) को पत्र लिखकर जानकारी दिया था कि एक अंतर-संयंत्र समिति पहले से चल रही प्रोत्साहन योजनाओं की समीक्षा कर रही है ताकि सुधार की संभावना तलाशी जा सके और उन्हें उत्पादन लक्ष्यों और प्रदर्शन के साथ संरेखित किया जा सके ।
लेकिन अभी तक सेल कारपोरेट कार्यालय द्वारा नये इंसेंटीव फॉर्मुले को लागु करने हेतु कोई भी ठोस कारवाई नही किया गया है । इसके विरुद्ध बीएकेएस भिलाई ने पत्र के द्वारा कई बिंदुओं पर जाँच का माँग किया गया है ।
यूनियन द्वारा जाँच हेतु दिए गए तथ्य
1 . इंसेंटीव मुद्दे पर कमिटी का गठन कब किया गया था ?
2 . इंटर प्लांट कमेटी को नये इंसेंटीव फॉर्मुला पर रिपोर्ट बनाकर सबमिट करने के लिए कितने दिन का समय दिया गया था ?
3 . इंटर प्लांट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट को सेल कॉरपोरेट कार्यालय को अभी भेजा है या नही ?
4 . अगर रिपोर्ट अभी तक नही भेजा गया है तो उसका क्या कारण है ?
5 . इंटर प्लांट कमेटी में रिकॉगनाईज्ड यूनियन के सदस्यो को स्थान दिया गया है या नही ? क्या उक्त कमेटी में सिर्फ अधिकारी वर्ग ही है ?
6 . इंटर प्लांट कमेटी ने तय समय पर रिपोर्ट जमा नही किया तो उसका क्या कारण था , तथा उस पर सेल कारपोरेट कार्यालय ने क्या एक्शन लिया ? यदि एक्शन नही लिया है तो इसका क्या कारण है?
7 . इंसेंटीव रिवार्ड संशोधन को किस तिथि से लागु किया जायेगा ?
8 . नये इंसेंटीव रिवार्ड फॉर्मुला को लागु नही करने से, कर्मियों को हुए तथा हो रहे आर्थिक घाटे की पूर्ती किस माध्यम से की जायेगी ?
सेल में अधिकारी भी है, यूनियन नेताओं की फौज भी है, राज्य सभा, लोकसभा के पुर्व सदस्य, एनजेसीएस के प्रतिनिधि भी है , श्रम कानून भी है । कंपनी के पास
ग्रेट प्लेस टू वर्क तथा महारत्ना उपाधी भी है , परंतु कर्मचारियों के मुद्दे का संविधान बन चुका है ।
अभिषेक सिंह , महासचिव , बीएकेएस भिलाई