भिलाई में बीएसपी से सेवानिवृत बुजुर्ग से एक करोड़ 4 लाख रुपए की ठगी, 7 किश्तों में आरटीजीएस के माध्यम से रुपए ट्रांसफर करने किया मजबूर, एनआरआई बेटे की रिपोर्ट पर अपराध कायम

भिलाई में बीएसपी से सेवानिवृत बुजुर्ग से एक करोड़ 4 लाख रुपए की ठगी, 7 किश्तों में आरटीजीएस के माध्यम से रुपए ट्रांसफर करने किया मजबूर, एनआरआई बेटे की रिपोर्ट पर अपराध कायम


भिलाई नगर 4 सितंबर । बीएसपी से सेवानिवृत बुजुर्ग से एक करोड़ तीन लाख 90 हजार रुपए ठगी का मामला सामने आया है। बैंक खाते में गड़बड़ी का हवाला देते हुए सीबीआई का अधिकारी बनकर अज्ञात द्वारा ठगी की गई है। पीड़ित बुजुर्ग के एनआरआई पुत्र की रिपोर्ट पर से भिलाई नगर पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है।
भिलाई नगर थाना प्रभारी राजकुमार लहरों ने बताया कि प्रार्थी सुखदेव सिंह पिता सुखचैन सिंह भुई उम्र 48 साल सेक्टर 10 सड़क 23 क्वाटर 15 ए भिलाई का निवासी है। अमेरिका मे प्राईवेट कंपनी मे जाब करता है | उनके पिताजी सुखचैन सिंह भुई उम्र 77 साल जो बीएसपी.से सेवानिवृत्त अपनी पत्नी के साथ सेक्टर 10 भिलाई स्थित बीएसपी. के लीज आवास पर रहते है | प्रार्थी के पिता सुखचैन सिंह भुई को उनके मोबाईल नंबर पर 24 में 2024 को रात्रि करीबन 08.28 बजे वाट्सअप काल आया | उक्त व्यक्ति ने सुखचैन सिंह भई से कहा कि आपका बैंक खाता जिस बैंक मे है वहां पर अपराधिक काम हो रहा है सभी के बैंक खाते को चेक कर रहे है | आपके भी बैंक खाते को चेक करना है कहकर रकम का वेरीफिकेशन करना है। विश्वास मे लेकर 1 जून 2024 से 13 अगस्त 2024 तक सात अलग अलग कुल 07 किश्त मे आरटीजीएस. के माध्यम से कुल 1 करोड़ 03 लाख 90 हजार ट्रांसफर करने को मजबूर किया।
सुखचैन सिंह ने पुलिस को बताया कि कॉलर ने उनसे कहा कि आपका बैंक अकाउंट चेक करना है। खाते की रकम वेरीफिकेशन करने के बाद वो लोग आगे की जांच करेंगे। कॉलर की बातों में विश्वास करके सुखचैन ने RTGS के जरिए 1 जून 2024 को एक्सिस बैंक ब्रांच दुमराव में 400000 रुपए।
7 जून को एक्सिस बैंक ब्रांच दुमराव के खाते में 9 लाख 90 हजार रुपए और HDFC बैंक के खाते 20 लाख रुपए, 24 जून को HDFC बैंक में 15 लाख रुपए, 9 जुलाई को उज्जीवन स्माल फाइनेंस बैंक भरुच के खाते में 20 लाख, 31 जुलाई को HDFC बैंक के खाता में 20 लाख रुपए और 13 अगस्त 2024 को बैंक आफ महाराष्ट्र के खाता 15 लाख रुपए ट्रांसफर किए।
अमेरिका से लौटे पुत्र को पिता ने आपबीती बताई। इसके बाद लिखित शिकायत पत्र पर प्रथम दृष्टया अपराध धारा सदर 318(4) बीएनएस. का घटित करना पाये जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया।