🛑 भिलाई आईआईटियंस गुरू कोचिंग इंस्टीट्यूट के दूसरे पार्टनर की भी FIR दर्ज
भिलाई नगर, 23 जनवरी। सिविक सेंटर स्थित आईआईटियंस गुरू कोचिंग इंस्टीट्यूट में पार्टनर्स का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। आय व्यय के लेन देन को लेकर दोनों पार्टनर के परिवार एक दूसरे पर दुर्व्यवहार झूमा झटकी और धमकी का आरोप लगाते थाना पहुंचे हैं। सीएसपी जांच के बाद दोनों पक्ष ने मारपीट की काउंटर रिपोर्ट दर्ज करवा दी है। सिद्धार्थ चौरे की शिकायत पर कैलाश, तारन, प्रकाश, फल्कुराम चंद्रवंशी के खिलाफ तथा कैलाश चंद्रवंशी की शिकायत पर रितेश और सिद्धार्थ चौरे के खिलाफ बीएनएस की धारा 115(2), 296, 3(5), 351(2) के खिलाफ जुर्म पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया कि कैलाश कुमार चंद्रवंशी के द्वारा प्रस्तुत शिकायत में रितेश कुमार चौरे, सिद्धार्थ चौरे के द्वारा कोचिंग संस्थान के आय व्यय की रकम की हिसाब की बात को लेकर मार पीट ,गाली गलोच व धमकी का आरोप है। कैलाश ने पुलिस को बताया कि रितेश कुमार चौरे के द्वारा हिसाब मांगने पर उसके पिता, बड़े भाई एवं परिवार के साथ अभद्र व्यवहार झूमा झटकी हुई है। इनके द्वारा पार्टनरशिप में आईआईटियंस गुरु प्राईवेट लिमिटेड के नाम से कोचिंग सेंटर का संचालन 2018 से किया जा रहा है। रितेश चौरे 60 प्रतिशत एवं कैलाश चंद्रवंशी 40 प्रतिशत की पार्टनरशिप में कार्य कर रहे थे। संस्था शुरु होने के बाद संस्था का लेन देन पार्टनर रितेश कुमार चौरे एवं कैलाश कोचिंग में शिक्षा व्यवस्था का काम देखते हैं। कैलाश ने बताया कि कोरोना काल के विपरित समय में भी जैसे तैसे कोचिंग को अपने परिवार से रूपये उधार लेकर व्यवस्था बनाया। कोरोना के बाद संस्था में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी जिससे संस्था का व्यापार भी बढ़ा। पार्टनर रितेश द्वारा संस्था की एकाउंट की जगह अपने एकाउंट से लेन देन किया जाता था, दोस्ती के कारण कैलाश ने विश्वास किया। जब नगद राशि के हिसाब की बात आई तो रितेश लगातार टाल मटोल करने लगा। कई बार दोनों का परिवार बैठा परंतु निष्कर्ष नहीं निकला। कैलाश की शिकायत है कि कई बैठकों के बाद भी रितेश ने हिसाब देने से मना कर दिया। फिर रितेश के ही कहने पर दोनों परिवार की बैठक हुई जहां रितेश ने कहा दिया कि हिसाब नही दूंगा। कैलाश का आरोप है कि बैठक में रितेश चौरे दादागिरी करने लगा और झूमाझटकी गाली गलौज करने लगा। उसके बाद उसके बहुत से लोग कैलाश को धमकाने लगे, जो उनके साथ ही थे, उनके व्यवहार से लगा वो बाउंसर थे।