चेकिंग करने पहुंचे IAS को मछली पकड़ने वालों ने बना लिया बंधक 🛑 लाठियों से पीटा 🛑 कुछ लोगों को किया गया गिरफ्तार

चेकिंग करने पहुंचे IAS को मछली पकड़ने वालों ने बना लिया बंधक 🛑 लाठियों से पीटा 🛑 कुछ लोगों को किया गया गिरफ्तार



सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 9 मार्च। निरीक्षण में निकले एक आईएएस की ग्रामीणों ने जमकर पिटाई कर दी है। आरोपियों ने पहले आईएएस को बंधक बनाया फिर उनके साथ मारपीट की। मामले में एफआईआर दर्ज कर कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। घायल हालत में IAS को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अब वह खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक ये पूरी घटना गुजरात साबरकांठा जिले के धरोई बांध की है। मत्स्य निदेशक IAS नितिन सांगवान को धरोई बांध से कुछ लोगों के द्वारा अवैध रूप से मछली पकड़ने की जानकारी मिली थी। इस सूचना के बाद IAS अपने कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे थे। इस दौरान प्रमुख आरोपी बाबू परमार आईएएस के साथ बदतमीजी करते हुए विवाद करने लगे। इस बीच अरोपी के कुछ और साथी वहां आये और आईएएस सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारियों को धरोई गांव में बंधक बना लिया और लाठी डंडे से उनकी पिटाई कर दी। घटना के बाद सभी आरोपी फरार हो गए, जिसके बाद आईएएस को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस मामले में वडाली पुलिस ने बाबू परमार और उसके साथियों के खिलाफ आईपीसी के तहत 386, 147, 189, 332, 342, 353 के तहत अपराध दर्ज किया और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। अन्य आरोपियों की भी तलाश की जा रही है।
पुलिस को मिली शिकायत में बताया गया कि 2016-बैच के आईएएस अधिकारी के साथ पालनपुर के मत्स्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी डीएन पटेल और कुछ कनिष्ठ कर्मचारी भी मौजूद थे। डीएन पटेल ने वडाली पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि मछली पकड़ने के ठेकेदारों में से एक प्रमुख आरोपी बाबू परमार ने संकेत मिलने पर सांगवान के साथ बहस शुरू कर दी। खेड़ब्रह्मा तालुका के कंथापुरा गांव के रहने वाले बाबू परमार को अचानक गुस्सा आया और उसने सांगवान को अपने घुटनों के पास काट लिया। शिकायत में कहा गया है कि बाद में चार अन्य व्यक्ति मौके पर पहुंचे और आईएएस अधिकारी की पिटाई की। इसके बाद बाबू परमार ने 10 से 12 अन्य लोगों को बुलाया, जो लाठी-डंडों से लैस होकर मौके पर आए और सांगवान और उनकी टीम को तब तक बंधक बनाकर रखा, जब तक कि वे कागज के एक टुकड़े पर लिखने और हस्ताक्षर करने के लिए तैयार नहीं हो गए और आश्वासन दिया कि वे जाने के बाद उसके खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज नहीं करेंगे। प्राथमिकी में आगे आरोप लगाया गया कि बाबू परमार और अन्य ने सांगवान और उनकी टीम के सदस्यों को बांध में फेंकने की धमकी भी दी गई है।