NJCS सुधार केस — इस्पात मंत्रालय ने NJCS की स्थापना में भूमिका से किया इंकार

NJCS सुधार केस — इस्पात मंत्रालय ने NJCS की स्थापना में भूमिका से किया इंकार



🔴 इस्पात मंत्रालय कर रहा है गुमराह —BAKS


भिलाईनगर, 17 अगस्त। बीएकेएस यूनियन द्वारा एनजेसीएस मे नॉमिनेटेड नेताओ को सदस्य बनाने पर रोक लगाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में दर्ज कराए गए मुकदमे के बाद , इस्पात मंत्रालय ने यूनियन को जवाबी पत्र भेजा है । जिसमें इस्पात मंत्रालय के निदेशक ने जवाब दिया है कि एनजेसीएस का गठन इस्पात मंत्रालय ने नही किया है ।
इस्पात मंत्रालय के निदेशक के जवाब के बाद अब एनजेसीएस के कानूनी वैधता तथा इसके द्वारा किए गए सभी समझौते की वैधता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है । संसद के एक प्रश्न के जवाब में इस्पात मंत्री लिखित मे बता चुके है कि एनजेसीएस की स्थापना कानूनी तौर पर नही की गई थी तथा अब इस्पात मंत्रालय के निदेशक बता रहे है कि एनजेसीएस की स्थापना इस्पात मंत्रालय ने नही किया है ।

इस्पात मंत्रालय के जवाब पर यूनियन अध्यक्ष द्वारा उठाए गए सवाल —

बीएकेएस अध्यक्ष अमर सिंह ने इस्पात मंत्रालय के जवाब पर कई गंभीर सवाल उठाए है —
1 . अगर इस्पात मंत्रालय ने एनजेसीएस का गठन नही किया है तो किस हैसियत से फरवरी 1971 मे तत्कालीन इस्पात मंत्री कुमार मंगलम ने एनजेसीएस को ट्राईपार्टी कमेटी से बाईपार्टाईट कमेटी बनाया ?
2 . बाईपार्टाईट कमेटी बनाने मे क्या उस समय श्रम मंत्रालय ने सहमति दिया था ?
3 . बगैर किसी कानुन के गठित एनजेसीएस मे किए गए सभी समझौते को इस्पात मंत्रालय ने किस आधार पर मंजुरी दिया है ?

चूंकि मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में है ,जहाँ एनजेसीएस से जुड़े पक्षो जैसे इस्पात मंत्रालय तथा सेल प्रबंधन को जवाब देना है , अतः अब इस जवाब से माननीय न्यायालय को भी स्पष्ट गाईडलाईन जारी करने का आधार मिल जायेगा तथा इस्पात मंत्रालय को नए सिरे से एनजेसीएस को विधिवत तरिके से गठन करना होगा ।

एनजेसीएस के गठन के लिए यूनियन ने पहले ही कई माँग किया है जो इस प्रकार है —


1 . एनजेसीएस में सेल के सभी यूनिट तथा आरआईएनएल से सिर्फ निर्वाचित रिकॉगनाईज्ड यूनियन को ही स्थान दिया जाय ।
2 . एनजेसीएस मीटिंग को प्रत्येक तिमाही वित्तीय परिणाम के बाद आयोजित किया जाय ।
3 . एनजेसीएस के मीटिंग की अध्यक्षता पहले वर्ष यूनियन प्रतिनिधि करे तथा दुसरे वर्ष मैनेजमेंट करे ।
4 . एनजेसीएस के मीटिंग का वार्षिक एजेंडा तय किया जाय तथा समयबद्ध अनुपालन सुनिश्चित किया जाय ।