साढे चार लाख हरे भरे पेड़ों के हसदेव अरण्य बचाने की मुहिम में शामिल हुआ हिंदू युवा मंच , दुर्ग सहित 6 जिलों में शुरू किया हस्ताक्षर अभियान, 20 हजार को जोड़ने का लक्ष्य

साढे चार लाख हरे भरे पेड़ों के हसदेव अरण्य बचाने की मुहिम में शामिल हुआ हिंदू युवा मंच , दुर्ग सहित 6 जिलों में शुरू किया हस्ताक्षर अभियान, 20 हजार को जोड़ने का लक्ष्य


साढे चार लाख हरे भरे पेड़ों के हसदेव अरण्य बचाने की मुहिम में शामिल हुआ हिंदू युवा मंच , दुर्ग सहित 6 जिलों में शुरू किया हस्ताक्षर अभियान, 20 हजार को जोड़ने का लक्ष्य

दुर्ग 13 मई । हिन्दू युवा मंच द्वारा 7 मई शिवमंदिर पटेल चौक दुर्ग से ‘हम हरन हसदेव संग’ (हम हसदेव के साथ हैं) के उदघोष के साथ छत्तीसगढ़ के 6 जिलों में हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की गई है। इस हस्ताक्षर अभियान में 20 हजार हस्ताक्षर कराये जाएंगे। यह हस्ताक्षर अभियान कोयले के लिए हसदेव अरण्य में काटे जा रहे साढ़े चार लाख पेड़ों की रात-दिन जागकर रक्षा कर रहे आंदोलनरत आदिवासियों के समर्थन में कराए जाएंगे।

हिन्दू युवा मंच के गोविन्द राज नायडू ने बताया कि जिन 6 जिलों में यह हस्ताक्षर अभियान होगा वह हैं दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, बेमेतरा, राजनांदगांव, बलरामपुर, अंबिकापुर, गंडई शामिल है हस्ताक्षर अभियान के साथ बच्चों से 15 मई को ड्राइंग कम्पीटिशन भी कराया जाएगा और उसमें बने चित्रों को आंदोलनरत आदिवासियों को भेंट किया जायेगा।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार के परसा ब्लॉक में खनन की अनुमति देने के बाद आदिवासी और स्थानीय लोग पेड़ों को बचाने के लिए जंगल में ही डेरा डाले हुए हैं। इस वन क्षेत्र के  एक्सटेंशन और परसा ब्लॉक में खनन करने की अनुमति लगभग दस दिन के अंतराल में दे दी गयी। बताया जा रहा है कि इसके लिए करीब साढ़े चार लाख पेड़ काटे जा सकते हैं। हसदेव अरण्य जैव विविधता के मामले में बहुत संपन्न क्षेत्र है और पिछले एक दशक से ज्यादा समय से यहां खनन को लेकर विवाद चल रहा है। एक दशक पहले केंद्र सरकार ने ही इसे ‘नो गो’ क्षेत्र घोषित किया था। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार खनन की छूट देने में इतनी हड़बड़ी में है कि इसने राष्ट्रीय वन्यजीव परिषद और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से अनिवार्य सहमति लिए बिना खनन की इजाजत दे दी।

ग्राम फतेपुर के आदिवासी नौजवान मुनेश्वर सिंह पोर्ते कहते हैं, “हमारे जंगल और गांव को ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से कंपनी और सरकार द्वारा उजाड़ने का काम किया जा रहा है, जिसका विरोध हम दस साल से करते आ रहे हैं। हमारी कोई भी प्रकार की सुनवाई नहीं हो रही है। उसको लेकर हम दो महीने से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं।”

छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के आलोक शुक्ला ने  कहा, “हमारा अनुमान है कि इन दोनों नये कोयला खदानों में सैकड़ों लोग तो विस्थापित होंगे ही, लगभग साढ़े चार लाख पेड़ भी काटे जाएंगे। इस भयावह त्रासदी के ख़िलाफ़ हम ज़मीन पर भी लड़ रहे हैं और अदालतों में भी।” 

अब हिन्दू युवा मंच इस आंदोलन में ‘हम हरन हसदेव संग’ नारे के साथ कूदने जा रहा है। इसके लिए बाकायदा हर माध्यम से प्रचार भी किया जा रहा है।