सीजी न्यूज ऑनलाइन, 19 अप्रैल। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, बिलासपुर के 29 कर्मचारियों की सेवा समाप्ति के आदेश को खारिज कर दिया है।
कोर्ट ने माना कि कर्मचारियों की बर्खास्तगी प्रक्रिया न केवल नियमों के विरुद्ध थी, बल्कि उन्हें अपनी बात रखने का अवसर भी नहीं दिया गया।
यह फैसला जस्टिस एके प्रसाद की एकलपीठ ने सुनाया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ताओं मतीन सिद्दीकी और घनश्याम कश्यप ने दलील दी थी कि सेवा समाप्ति का आधार आयुक्त राजस्व द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट रही, जबकि जांच प्रारंभ करने का अधिकार आयुक्त राजस्व को था ही नहीं।
14 जून 2014 को सहकारी बैंक ने 110 विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था। सभी पात्रताओं को पूरा करने के बाद चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी किए गए। इनमें समिति प्रबंधक पंकज कुमार तिवारी समेत कई अभ्यर्थी शामिल थे, जिन्होंने 2015 में कार्यभार ग्रहण किया।
बाद में भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए दुर्गेश राजपूत नामक व्यक्ति ने शिकायत की। इस शिकायत पर संभागीय आयुक्त ने जांच समिति गठित की और रिपोर्ट के आधार पर बैंक प्रबंधन ने कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर सेवा समाप्ति के आदेश दे दिए