यहां लोग हर साल खा लेते 40 लाख बिल्‍ल‍ियां, कुत्‍तों के मांस से करते डिनर, हजारों साल पुरानी परंपरा

<strong>यहां लोग हर साल खा लेते 40 लाख बिल्‍ल‍ियां, कुत्‍तों के मांस से करते डिनर, हजारों साल पुरानी परंपरा</strong>


सीजी न्यूज़ ऑनलाइन डेस्क 11 अप्रैल। चीन के बारे में कई अजीबोगरीब तत्‍थ्‍य हमें पहले से पता है लेकिन क्‍या आपको पता है कि इस देश के लोग हर साल 40 लाख बिल्‍ल‍ियों को

भारत समेत दुनिया के कई देशों में लोग मांसाहारी भोजन करते हैं. एशिया और यूरोप के मुल्‍क इसके लिए जाने जाते हैं. लेकिन एक देश में पालतू कुत्‍ते और बिल्‍ल‍ियों को खाने की बहुत पुरानी परंपरा है. यहां हर साल लोग 40 लाख बिल्लियां खा जाते हैं. कुत्‍तों के मांस के साथ डिनर करते हैं. दुनियाभर से इस पर पाबंदी लगाने की मांग उठती है लेकिन दिखावे के कुछ कदम उठाने के अलावा कुछ नहीं होता.

हम बात कर रहे चीन की. कोरोना महामारी को देखते हुए कुछ महीनों पहले चीन के शेन्‍जेन शहर में कुत्ते और बिल्लियों का मांस खाने पर रोक लगा दी गई थी. ऐसा करने वाला चीन का ये पहला शहर था. ह्यूमन सोसायटी इंटरनेशनल के अनुसार एशिया के देशों में हर साल 3 करोड़ कुत्तों को मांस के लिए मार दिया जाता है. अकेले चीन में चीन में हर साल एक करोड़ कुत्तों और 40 लाख बिल्लियों का कत्‍ल कर दिया जाता है. इनमें से ज्‍यादातर जानवर पालतू होते हैं, जिन्‍हें चुराकर बेच दिया जाता है. बाद में पिंजरों में रखा जाता है और फ‍िर इनका कत्‍ल.

डॉग मीट महोत्सव भी मनाया जाता

कुत्तों का मांस खाने की परंपरा चीन में हजारों साल पहले से चली आ रही है, भले ही उन्हें अक्सर पालतू जानवर के रूप में रखा जाता है. प्रत्येक वर्ष जून में, दक्षिणी चीन के यूलिन शहर में डॉग मीट महोत्सव का आयोजन किया जाता है, जहां जीवित कुत्तों और बिल्लियों को विशेष रूप से खाने के लिए बेचा जाता है. एक अनुमान के मुताबिक, यहां 10,000 से 15,000 कुत्तों को मार कर खाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि गर्मी के महीने में कुत्ते का मांस खाने से शरीर में उत्पन्न होने वाली गर्मी से राहत मिलती है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों के दौरान पशु कल्याण से जुड़ी संस्थाएं इसके विरोध में समय-समय पर प्रदर्शन करती रही है. इससे कुछ कमी आई है.

दक्ष‍िण कोरिया भी पीछे नहीं

दक्षिण कोरिया में कुत्ते के मांस के व्यंजन इतने आम हैं कि उनका अपना नाम है – गेगोगी. ह्यूमेन सोसाइटी के अनुसार, यहां अनुमानित तौर पर 17,000 कुत्तों के फार्म हैं, जहां जानवरों को नियमित रूप से मानव उपभोग के लिए तैयार किया जाता है. ताइवान में भी कुत्‍ते और बिल्‍ली खाना आम बात थी लेकिन बीते दिनों सरकार ने कडे प्रत‍िबंध लगा दिए. नए पशु संरक्षण अधिनियम के तहत वहां पशुओं को बेचने, खाने या खरीदने पर 6,500 पाउंड तक के जुर्माने प्रावधान किया गया है. पशु क्रूरता के दोषी पाए जाने वालों को 52,000 पाउंड का भारी जुर्माना और दो साल की जेल भी हो सकती है.