बकाया वेतन की चौथी किस्त के भुगतान को हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग कार्य परिषद की बैठक में दी गई मंजूरी, अनेक प्रस्ताव पारित
दुर्ग 21 फरवरी । हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग में कोविड-19 के कारण लगभग 02 वर्षों पश्चात आज विश्वविद्यालय के टैगोर हॉल में कार्य परिषद की बैठक ऑफलाइन रूप से आयोजित की गई। विश्वविद्यालय के कुलसचिव, डाॅ. सी. एल. देवांगन से प्राप्त जानकारी के अनुसार शाम 3ः00 बजे आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति, डाॅ. अरूणा पल्टा ने की। डाॅ. देवांगन ने बताया कि बैठक के प्रारंभ में सदस्यों के स्वागत के पश्चात् सहायक कुलसचिव, डाॅ. सुमीत अग्रवाल ने पिछली कार्य परिषद की बैठकों के कार्यवृत्त को अनुमोदन हेतु सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत किया । बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने पिछली बैठकों का कार्यवृत्त को एक मत से अनुमोदित कर दिया। इसके पश्चात् डाॅ. सुमीत अग्रवाल ने बिन्दुवार कार्य परिषद की बैठक में एजेण्डा प्रस्तुत किया। अनेक बिन्दुओं पर कार्य परिषद के सदस्यों ने विस्तार से जानकारी मांगी जिसे विश्वविद्यालय द्वारा विस्तार से प्रस्तुत किये जाने पर सदस्यों ने संतोष व्यक्त किया।
डाॅ. देवांगन ने बताया कि कुलपति, डाॅ. अरूणा पल्टा ने बैठक में सदस्यों को जानकारी दी कि विश्वविद्यालय के निर्माणाधीन भवन का निर्माण कार्य शीघ्र गति से जारी है। तथा निर्माण कार्य के संबंध में माॅनिटरिंग हेतु वे स्वयं तथा विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं अन्य अधिकारी निरंतर निर्माणाधीन भवन की विजिट कर रहे हैं। डाॅ. पल्टा ने विगत 02 वर्षों में विश्वविद्यालय की गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि कोविड-19 संक्रमण की समस्या के बावजूद हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग ने अपने अकादमिक कैलेण्डर को छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशों के अनुरूप समय पर पालन करने का प्रयास किया है। इसी वजह से विश्व विद्यालय के वार्षिक एवं सेमेस्टर परीक्षाओं के नतीजे समय पर घोषित किये जा सके हैं। वर्तमान में भी सेमेस्टर परीक्षा 2021-22 के कुल 60 परीक्षा परिणामों में 30 परीक्षा परिणाम घोषित किये जा चुके हैं। कोविड-19 संक्रमण काल में ऑनलाइन बैठक के माध्यम से कार्य परिषद के सदस्यों द्वारा दिये गये रचनात्मक सहयोग के लिए कुलपति, डाॅ. पल्टा ने सभी सदस्यों के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
बैठक में प्रस्तुत एजेण्डा में प्रमुख रूप से विश्वविद्यालय को शासन द्वारा रूसा मद से आबंटित राशि से उपकरण, पुस्तके, फर्नीचर कम्प्यूटर आदि के क्रय को कार्य परिषद द्वारा अनुमोदित कर दिया गया। उक्त समस्त क्रय प्रक्रिया छत्तीसगढ़ शासन भण्डार क्रय विक्रय के अंतर्गत सीएसआईडीसी से संपादित की गई। द्वितीय क्रम में वित्त विभाग द्वारा विश्वविद्यालय का 2022-23 का वार्षिक बजट प्रस्तुत किया गया। इस बजट को विश्वविद्यालय की वित्त समिति पूर्व में ही अनुमोदित कर चुकी थीं। सदस्यो ने विचार विमर्श के पश्चात् बजट को भी अनुमोदित कर दिया। विश्वविद्यालय में कार्यरत अधिकारियों कर्मचारियों के नवीन अंशदाई पेंशन योजना के तहत राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार मूल वेतन तथा मंहगाई भत्ते के 14 प्रतिशत अंशदान प्रदाय किये जाने संबंधी नियम को विश्वविद्यालय में अंगीकृत किये जाने पर भी कार्य परिषद ने मुहर लगा दी।
अन्य प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए सदस्यों ने विश्वविद्यालय की प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा, प्रायोगिक परीक्षा तथा उत्तर पुस्तिका संग्रहण हेतु केन्द्रों को प्रदान की जाने वाली अग्रिम राशि का भी अनुमोदन किया। कार्य परिषद को डाॅ. उदय कुमार द्वारा गोल्ड मेडल प्रदान करने हेतु विश्वविद्यालय में निर्धारित राशि जमा करने की सूचना भी प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय के कर्मचारियों का वेतन पुनरक्षण के अंतर्गत बकाया वेतन की चौथी किस्त के भुगतान की सूचना का भी कार्य परिषद में अनुमोदन किया। बैठक के दौरान सहायक कुलसचिव, ए. आर. चौरे के पदोन्नत होकर सरगुजा विश्वविद्यालय स्थनांतरण एवं सरगुजा से पदोन्नत होकर उपकुलसचिव के पद पर स्थनांतरित राजेन्द्र चौहान की विश्वविद्यालय में पदस्थापना की सूचना भी उपस्थित सदस्यों को दी गई। कार्य परिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार शैलदेवी महाविद्यालय, अण्डा जिला दुर्ग को नवीन विषय एम.ए शिक्षा शास्त्र की सम्बद्धता प्रदान करने पर भी चर्चा हुई। बैठक के दौरान विश्वविद्यालय के मुख्य वार्षिक परीक्षा 2022 के विश्वविद्यालय द्वारा अधिसूचित परीक्षा केन्द्रों की जानकारी भी सदस्यों को दी गई। बैठक के अंत में समस्त सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापन के साथ बैठक समाप्त हुई। बैठक में उपस्थित स्दस्यों में प्रमुख रूप से डाॅ. अनुपमा अस्थाना, डाॅ. डी. लक्ष्मी, डाॅ. अमिता सहगल, डाॅ. रंजना श्रीवास्तव, डाॅ. हंसा शुक्ला, डाॅ. रक्षा सिंह, डाॅ. सुशील चंद तिवारी, डाॅ. आर.एन. सिंह, सुशील गजभिए पद्मश्री फूलबासन बाई यादव शामिल थें।