🔵 चार साल पहले केंद्र सरकार के बजट में शामिल किया गया था प्रोजेक्ट
🔵 राईस मिलर्स, उद्योगपति और ग्रामीणों को मिलेगा सीधा लाभ, जल्द काम शुरू होने के संकेत
भिलाई नगर, 1 नवंबर। केंद्र और राज्य सरकार अपनी अपनी भागीदारी से जल्द बलौदा बाजार और नया रायपुर होते हुए दुर्ग से खरसिया तक 266 किलो मीटर लंबी रेलवे लाइन बिछाने जा रही है। लगभग 5078 करोड़ रुपए की इस परियोजना के लिए कवायद शुरू हो गई है। आरंभिक कार्रवाई करते हुए प्रारंभिक अधिसूचना 20-ए का प्रकाशन भी किया जा चुका है। इस ट्रैक के लिए निवेशकों की भी तलाश की जा रही है ताकि ट्रैक बनाने में आने वाले खर्च का बोझ कम हो सके। संकेत यह भी मिले हैं कि अगले एक-दो महीने बाद इसकी शुरुआत हो जाएगी।
गौरतलब हो कि वर्ष 2018 में इस नए ट्रैक का प्रस्ताव केंद्र सरकार ने बजट में लाया था। इससे सीमेंट और धान के परिवहन करने वाले उद्योगपतियों और राइस मिलर्स को लाभ होने की बात कही गई थी। साथ ही ट्रैक से लोगों को सस्ती में रेल यात्रा करने का मौका मिलने की भी संभावना व्यक्त की गई थी। यह प्रोजेक्ट पुरानी रेल लाइन से पूरी तरह अलग दुर्ग, नया रायपुर, बलौदा बाजार, खरसिया क्षेत्र को जोडे़गा। प्रस्तावित इस रेलवे ट्रैक में नए क्षेत्र आ रहे हैं। यह ट्रैक एक सिरे से दुर्ग को तो दूसरे सिरे में बलौदा बाजार और खरसिया को जोड़ेगा। ट्रैक भले ही दुर्ग से खरसिया तक जाएगा लेकिन बिलासपुर को नहीं जोड़ेगा। दुर्ग से खरसिया के बीच आने वाले 120 से अधिक कस्बे और छोटे-बड़े गांवों के पास से यह लाईन गुजरेगी। ऐसे कई गांव जुड़ेंगे जहां ठीक से सड़क भी नहीं है। इससे इन गावों में आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन आने की उम्मीद की जा रही है। इस प्रोजेक्ट से दुर्ग जिले के 21 गांव जुड़ेंगे। यह ट्रेक नया रायपुर से परसदा, ठकुराइन टोला, बठेना, देमार, अरसनारा, नवागांव, देवादा, सांतरा, बोहारडीह, फेकारी, धौराभाठा, मानिकचौरी, घुघसीडीह, खोपली, बोरीगारका, कोकड़ी, कोड़िया, हनोदा, पोटियाकला, कसारीडीह होते हुए मोहलाई के पास मुंबई-हावड़ा दपूम रेलवे लाइन से जोडा़ जाएगा।
छत्तीसगढ़ रेल कार्पोरेशन लिमिटेड के एमडी
आरएस राजपूत ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को लेकर कोशिशें की जा रही है। एक दो महीने में प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जाएगा। कोरोना की वजह से सर्वे में देरी हुई। राज्य और केंद्र खर्च को वहन करने की तैयारी में हैं, निवेशकों की भी तलाश की जा रही है। निवेशक नहीं मिलने से भी प्रोजेक्ट लेट हुआ है।