गुजरात विधानसभा चुनाव : तारीखों का ऐलान,1 और 5 दिसंबर को मतदान, 8 दिसंबर को गिनती.
गुजरात, 3 नवंबर | चुनाव आयोग ने गुजरात विधानसभा गुजरात विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे. पहला चरण 1 दिसंबर को होगा. वहीं दूसरा चरण 5 दिसंबर को होगा.
चुनावी नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे. इसी दिन हिमाचल प्रदेश के चुनावी नतीजे भी आएंगे.
चुनाव आयोग ने दी ये जानकारी
- गुजरात चुनाव में 51 हज़ार से ज़्यादा पोलिंग स्टेशन होंगे.
गुजरात में इस बार क़रीब चार करोड़ 90 लाख वोटर वोट डाल सकेंगे
करीब तीन लाख 24 हज़ार युवा पहली बार गुजरात चुनाव में वोट डाल सकेंगे
एक पोलिंग स्टेशन में सिर्फ एक वोट लेने के लिए 15 लोगों की टीम जाएगी
गुजरात में इस बार करीब 9 लाख 80 हज़ार सीनियर सिटीजन मतदाता
फेक न्यूज से निपटने के लिए टीमें तैनात की गई हैं
मीडिया संस्थानों से EC की अपील: फेक न्यूज़ आगे ना बढ़ाएं
गुजरात विधानसभा में कुल 182 सीटें हैं. 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 99 सीटें और कांग्रेस 77 सीटें जीतने में कामयाब रही थी.इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी भी सक्रिय दिख रही है. गुजरात सरकार का कार्यकाल 23 फरवरी, 2023 को पूरा हो रहा है. इसे देखते हुए अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि पिछली बार की तरह ही, इस बार भी दिसंबर महीने में चुनाव कराए जा सकते हैं. 2017 के चुनाव में क्या थी दलगत स्थिति ?
2017 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी. 182 सदस्यीय विधानसभा में 150 सीटें जीतने का दावा करने वाली बीजेपी को 99 सीटों पर कामयाबी मिली थी, जबकि कांग्रेस 77 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही थी.
एनसीपी को एक, बीटीपी को दो और अन्य को एक सीट पर जीत मिली थी. जबकि राज्य की तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली थी.
गुजरात में इस बार क्या-क्या मुद्दा है ?
परंपरागत रूप से, गुजरात में दो मुख्य दलों भाजपा और कांग्रेस के बीच एक प्रतियोगिता रही है, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी भी चुनावी लड़ाई में प्रवेश कर रही है, जो दो मुख्य दलों की गणितीय समीकरण को गड़बड़ा सकती हैं. हालांकि कई राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि गुजरात में मुख्य वैसे दिलचस्प यह भी है कि इन दिनों भारत जोड़ो की यात्रा कर रहे राहुल गांधी की इस यात्रा ना तो गुजरात शामिल है और ना ही हिमाचल प्रदेश. अभी यह भी तय नहीं है कि वे इन दोनों राज्यों में चुनाव प्रचार करेंगे भी या नहीं. वहीं दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार में ‘नंबर दो’ माने जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य गुजरात ही है और ऐसे में गुजरात विधानसभा चुनाव में उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर होगी.
यह चुनाव मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के आधे साल के कार्यकाल के लिए भी जनादेश होगा. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होकर उपचुनाव में हारने वाले अल्पेश ठाकोर का राजनीतिक भविष्य और हार्दिक पटेल के भविष्य का फैसला भी इसी चुनाव में होगा.
वडगाम से निर्दलीय विधायक दलित नेता जिग्नेश मेवाणी पहले ही कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा कर चुके हैं, ऐसे में उनकी भूमिका की भी परीक्षा होगी. देखना होगा कि उनका आरक्षित सीटों पर क्या असर पड़ता है और साथ ही वडगाम सीट पर ओवैसी और केजरीवाल मेवाणी के लिए क्या परेशानी खड़ी करते हैं.
गुजरात चुनाव में इस बार नया क्या दिखेगा?
गुजरात विधान सभा में कुल 182 सीटें हैं जिनमें से 13 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 27 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. 2022 में 15वें विधानसभा चुनाव के दौरान नागरिक आखिरी बार 182 विधायकों का चुनाव करेंगे. इसके बाद संवैधानिक प्रतिबंध हटने से गुजरात में विधानसभा और लोकसभा में सीटों की संख्या बढ़ाना संभव होगा.
सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे के मुताबिक, गुजरात की 55 फीसदी आबादी 30 साल से कम उम्र की है, जिसमें 57 फीसदी ग्रामीण इलाकों में और 53 फीसदी शहरी इलाकों में रहती है. इस आबादी ने अपने अधिकांश जीवन में भाजपा को राज्य पर शासन करते देखा है.
इस चुनाव में यदि 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के मतदाता किसी कारणवश मतदान केंद्र पर नहीं पहुंच पाते हैं तो उन्हें घर बैठे मतदान करने की सुविधा दी जाएगी.
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मीडिया से कहा कि इस साल गुजरात में 4.83 करोड़ मतदाता पंजीकृत हुए हैं. उन्होंने कहा, “राज्य में 182 सीटों के लिए 51,782 मतदान केंद्र और प्रति मतदान केंद्र 934 मतदाता होंगे.”
कुल मतदान केंद्रों में से सर्वाधिक 34,276 मतदान केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में होंगे. जबकि शहरी क्षेत्रों में 17,506 मतदान केंद्र होंगे
हिमाचल प्रदेश में मतदान 12 नवंबर को
इससे पहले चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश की 68 सीटों
के लिए मतदान की तारीखों का ऐलान कर दिया था.. हिमाचल प्रदेश में मतदान 12 नवंबर को होगा और मतों की गिनती का काम 8 दिसंबर को होगा.
चुनाव आयोग के अनुसार प्रदेश में 55 लाख योग्य मतदाता हैं जिनमें से 1.86 लाख पहली बार वोट देने वाले युवा हैं.
हिमाचल प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव के लिए नौ नवंबर को वोट डाले गए थे. लेकिन इसके बाद लोगों ने एक महीने से भी ज़्यादा समय तक नतीजे का इंतज़ार किया.
गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव भले अलग अलग हुए हों, लेकिन मतों की गिनती का काम एक बार भी शुरू हुआ था.
हिमाचल प्रदेश में पिछले चुनाव में क्या हुआ था?
हिमाचल प्रदेश में बीजेपी ने पछली बार बहुमत हासिल की थी. बीजेपी को राज्य में 44 सीटें हासिल हुई थीं, जबकि कांग्रेस को 21 सीटों पर संतोष करना पड़ा था.
सीएपीएम को दो सीटें मिली थीं जबकि अन्य दलों को दो सीटें मिली थीं. हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने हाल ही में मीडिया को दी गई जानकारी में बताया है कि राज्य में अब कुल 55,07,261 मतदाता हैं, जिनमें 27,80,208 पुरुष और 27,27,016 महिलाएं शामिल हैं.
क्या- क्या मुद्दे अहम होंगे?
हिमाचल प्रदेश में भाजपा कांग्रेस के बीच पिछले 4 दशकों से मुकाबला रहा है. इन्हीं दोनों पार्टियों ने पांच-पांच साल के अंतराल पर सरकार बनाई है. लेकिन इस बार चुनाव में आम आदमी पार्टी भी पूरी ताक़त के साथ उतर चुकी है. हिमाचल के पड़ोसी राज्य पंजाब में सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी के हौसले बुलंद हैं, इसलिए यह लड़ाई त्रिकोणात्मक हो गई है.
हालांकि संसाधन से लेकर संगठन तक कांग्रेस काफ़ी पीछे दिख रही है लेकिन पार्टी राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को लेकर एंटी इनकम्बेंसी के मुद्दे को भुनाना चाहेगी. हालांकि कुछ दिनों पहले कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई के वरिष्ठ नेता व कार्यकारी अध्यक्ष हर्ष महाजन ने ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. हिमाचल का अनोखा ट्रेंड
हिमाचल प्रदेश के चुनावी नतीजों को देखें तो 1985 के बाद से कोई भी पार्टी लगातार दो बार सत्ता में वापसी नहीं कर पाई है.
1985 में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में लगातार दो बार आई थी, उसके बाद से आज तक किसी भी पार्टी ने लगातार दो बार हिमाचल प्रदेश में सरकार नहीं बनाई. हालांकि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में दोबारा सत्ता में वापसी के लिए बीजेपी लगातार प्रयास कर रही है.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का गृह राज्य हिमाचल प्रदेश ही है
वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम सिंह धूमल के बेटे और केंद्र सरकार के प्रभावशाली मंत्रियों में एक अनुराग ठाकुर भी हिमाचल प्रदेश से आते हैं. जयराम ठाकुर भी अपने शासन काल की उपलब्धियों के आधार पर लोगों से वोट मांगेंगे.
(bbc.com/hindi)