दुर्ग में दादी की हत्या कर खून से शिवलिंग पर किया अभिषेक, हाथ-पैर बांध त्रिशूल से मारा, खून से लिखा-‘शिव यहीं हैं’ फिर खुदकुशी की कोशिश

दुर्ग में दादी की हत्या कर खून से शिवलिंग पर किया अभिषेक, हाथ-पैर बांध त्रिशूल से मारा, खून से लिखा-‘शिव यहीं हैं’ फिर खुदकुशी की कोशिश



सीजी न्यूज आनलाईन, 20 अक्टूबर। दुर्ग में एक युवक ने शिव मंदिर में रखे त्रिशूल से अपनी दादी की हत्या कर दी और दादी के खून से शिवलिंग का अभिषेक किया। उसने खून से दीवार पर मंत्र लिखा और उसी त्रिशूल को अपने गले में मार लिया। मामला दुर्ग जिला के नंदिनी थाना क्षेत्र का है।
थाना प्रभारी मनीष शर्मा ने बताया कि आरोपी घायल हालत में वहीं पड़ा था। उसे तुरंत उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रायमरी जांच में मामला अंधविश्वास का लगता है, मामले की जांच जारी है। आरोपी के होश में आने और उसके बयान के बाद ही पूरी हकीकत पता चल पाएगी।
नंदिनी पुलिस ने बताया कि आरोपी युवक की पहचान ननकट्टी निवासी गुलशन बन गोस्वमी (35 वर्ष) के रूप में हुई है। गुलशन के माता-पिता रायपुर के रावण भाठा क्षेत्र में रहते हैं, युवक अपनी दादी रुक्मिणी गोस्वामी (70 वर्ष) के साथ रहता था। युवक को अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। बताया जा रहा है कि अंध विश्वास के चलते गुलशन ने ऐसा कदम उठाया है फिलहाल आरोपी के होश आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। गुलशन के घर से लगा हुआ ही शिव मंदिर है। उसी मंदिर में गुलशन रोज पूजा करता
और रहता था। आरोप है कि कल देर शाम करीब 7 बजे गुलशन ने मंदिर में रखा त्रिशूल उठाया और उससे दादी के सिर पर वार कर दिया। इसके चलते रूक्मिणी की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद गुलशन ने वहां पड़ा खून उठाया और उससे शिवलिंग का अभिषेक किया, फिर गर्भगृह को उसी खून से लीप दिया और ‘शिव यहीं हैं’ ऐसा कुछ लिखकर उसी त्रिशूल को अपने गले में मार लिया। स्थानीय लोगों ने दादी-पोते को खून से लथपथ देखा तो सूचना पुलिस को दी। हत्या से पहले युवक ने दादी का हाथ-पैर कुर्सी से बांध दिए। इसके बाद त्रिशूल लाकर उससे हमला कर दिया। दादी की जब तक मौत नहीं हो गई वो वहीं खड़ा उसे तड़पता देखता रहा। आरोपी ने उसी त्रिशूल से अपनी जान लेने की भी कोशिश की। गले में गहरा वार करने से उसका खून अधिक बह गया और वह मंदिर में ही बेहोश होकर गिर गया। पुलिस ने उसे गंभीर हालत में नंदिनी अस्पताल भेजा। वहां से चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज कचांदुर रेफर किया गया है।