सीजी न्यूज ऑनलाइन 23 मई।अगर आप भी Paytm, PhonePe या Google Pay जैसे UPI ऐप्स के ज़रिए पेमेंट करते हैं और हाल ही में बार-बार आपके ट्रांजैक्शन फेल हो रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
सरकार ने डिजिटल पेमेंट फ्रॉड पर लगाम कसने के लिए एक नया तकनीकी सिस्टम शुरू किया है, जिसके तहत कुछ मोबाइल नंबरों को ‘रिस्की’ यानी जोखिम भरा मानते हुए उन पर UPI ट्रांजैक्शन ब्लॉक किया जा सकता है।
इस सिस्टम के अंतर्गत ऐसे मोबाइल नंबरों की पहचान की जा रही है जिनसे साइबर फ्रॉड की शिकायतें मिली हैं, या जिनका व्यवहार संदिग्ध पाया गया है। उदाहरण के तौर पर, बार-बार डिवाइस या SIM बदलना, गलत KYC जानकारी देना या फर्जी QR कोड से जुड़े रहना—इन सभी गतिविधियों को संदेहास्पद माना जा रहा है।
इस नए फ्रॉड मॉनिटरिंग सिस्टम के तहत मोबाइल नंबरों को ‘Medium Risk’, ‘High Risk’ और ‘Very High Risk’ श्रेणियों में बांटा जाएगा। जिन नंबरों को अत्यधिक जोखिम वाला माना जाएगा, उन पर UPI ट्रांजैक्शन या तो पूरी तरह से ब्लॉक कर दिए जाएंगे या उन पर सीमित लेन-देन की अनुमति होगी।
किन्हें हो सकता है असर?
ऐसे नंबर जो:
बार-बार डिवाइस या SIM बदलते हैं
बार-बार OTP या UPI पिन एंटर करने में असफल होते हैं
गलत या अधूरी KYC जानकारी जमा करते हैं
जिनके खिलाफ साइबर फ्रॉड की शिकायतें दर्ज हैं
उनके UPI ट्रांजैक्शन पर रोक लग सकती है।
Paytm, PhonePe और Google Pay जैसे बड़े UPI ऐप्स और बैंक इस सिस्टम का हिस्सा हैं। चूंकि इन प्लेटफॉर्म्स के जरिए भारत में 90% से अधिक UPI ट्रांजैक्शन होते हैं, इसलिए इस बदलाव का असर करोड़ों यूज़र्स पर पड़ सकता है।
कोई सार्वजनिक सूची अभी उपलब्ध नहीं है जिससे यह पता लगाया जा सके कि आपका नंबर इस सिस्टम की निगरानी में है या नहीं। लेकिन यदि आप इन लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं:
बार-बार UPI फेल होना
“Transaction under review” या “Could not process” जैसे मैसेज आना
QR कोड स्कैन करने पर भी पेमेंट फेल होना
तो सतर्क हो जाएं और तुरंत अपने बैंक या UPI ऐप की हेल्पलाइन से संपर्क करें।
क्या करें ऐसे में?
ऐप से लॉगआउट कर पुनः लॉगिन करें
अपने KYC और बैंक विवरण अपडेट करें
SIM को उसी डिवाइस में रखें जिसमें ऐप इंस्टॉल है
समस्या बनी रहे तो बैंक के नोडल अधिकारी या NPCI से शिकायत करें