नीट एग्जाम के आखिरी घंटे में हड़बड़ा गया, प्रेशर में ठीक से साल्व नहीं कर पाया पेपर, दूसरे ड्रॉप में बीएएमएस के साथ की नीट की तैयारी, गीता पढ़कर करता था खुद को आगे बढऩे के लिए मोटिवेट
भिलाई नगर 21 मार्च । सीजी बोर्ड हिंदी मीडियम स्कूल में पढ़कर नीट क्वालिफाई करने वाले खरोरा रायपुर के डॉ. शेषनारायण कन्नौजे को खुद की सक्सेस पर हमेशा डाउट रहता था। निगेटिविटी इस कदर हावी हो रही थी कि हर पढ़ी हुई चीज पर डाउट होता था। ऐसे समय में उन्होंने खुद को पॉजिटिव रखने के लिए धार्मिक ग्रंथ गीता का सहारा लिया। गीता पढ़कर न सिर्फ पॉजिटिव सोच डेवलप की बल्कि एग्जाम के आखिरी समय में हड़बड़ाने की प्रवृत्ति पर भी कंट्रोल किया। अपने दूसरे ड्राप में साल 2014 में नीट क्वालिफाई कर लिया। डॉ. कन्नौजे ने बताया कि वे हमेशा पढ़ाई के दौरान अपने वीक प्वाइंट को ढूंढते थे। तभी समझ आया कि अगर थ्योरी स्ट्रांग रखा जाए तो बाकी पाट्र्स की वीकनेस को दूर किया जा सकता है। इसलिए मैंने थ्योरी को बहुत स्ट्रांग किया। पढऩे को लेकर स्ट्रेटजी बनाई उसी प्लानिंग से सभी विषयों की रिविजन करता था। जिसके कारण ही सफलता मिल पाई।
बीएएमएस के साथ की नीट की तैयारी
डॉ. शेषनारायण ने बताया कि पहले ड्रॉप इयर में उन्होंने पूरे मन से तैयारी की थी, लेकिन आखिरी टाइम में हड़बड़ाने के कारण रैंक थोड़ा पीछे आया। ऐसे में परिवार की मर्जी से बीएएमएस ज्वाइन कर लिया। साथ-साथ दोबार नीट की तैयारी के लिए सचदेवा कोचिंग ज्वाइन कर लिया। यहां के टेस्ट सीरिज और मन में डॉक्टर बनने के पैशन के कारण सबकुछ मैनेज कर पाया। स्कूलिंग के बाद जब पहली बार नीट एग्जाम दिया तब महसूस हुआ कि बायो और फिजिक्स में खासी मेहनत करनी पड़ेगी। इसलिए इन दोनों सब्जेक्ट पर ज्यादा फोकस किया। परिवार में दादा जी डॉक्टर थे इसलिए सबको मुझसे बहुत ज्यादा अपेक्षाएं भी थी।
सचदेवा में डेवलप हुआ पोटेंशियल
सचदेवा कॉलेज को मेडिकल एंट्रेस की कोचिंग के लिए चुनने वाले डॉ. शेषनारायण कन्नौजे ने बताया कि उन्होंने सचदेवा और यहां के टेस्ट सीरिज के बारे में काफी कुछ सुन रखा था। जब पहली बार सचदेवा पहुंचे तो यहां के टीचर्स से मिलकर एक पॉजिटिव एनर्जी मिली। सचदेवा के डायरेक्टर चिरंजीव जैन सर ने पहली मुलाकात में ही कहा कि बेटा आपके अंदर पोटेंशियल है आप कर सकते हो। ये जीवन का टर्निंग प्वाइंट बना। यहां आकर मैंने अपने अंदर की क्षमता को पहचाना और जी-जान से सफल होने के लिए मेहनत की। सचदेवा के टीचर्स ने भी काफी सपोर्ट किया। यहां के सलेक्टिव स्टडी मटेरियल और टेस्ट सीरिज अटेम्ट करके कॉम्पिटेटिव एग्जाम के लिए मैंने खुद को तैयार किया।
बाउंड्री सेट मत कीजिए
नीट की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स से कहना चाहता हूं कि आप खुद के लिए बाउंड्री सेट मत कीजिए कि मुझे सिर्फ इतना की पढऩा है। अपनी जिज्ञासा के अनुसार हर उस चीज को पढ़ें जो आपको एग्जाम में मदद कर सकता है। डिप्रेशन के दौर में धार्मिक वीडियो, किताबें और वाइस रिकॉर्डिंग काफी मददगार साबित होती है। यह आपको सकारात्मक रखती है। ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस पर फोकस करें। सफलता जरूर मिलेगी।