बैंक लॉकर से लाखों के सोने की ज्वेलरी गायब, बैंक ऑफ़ बड़ौदा प्रबंधन के खिलाफ FIR

बैंक लॉकर से लाखों के सोने की ज्वेलरी गायब, बैंक ऑफ़ बड़ौदा प्रबंधन के खिलाफ FIR


भिलाई नगर 28 जुलाई। भिलाई नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत इंदिरा प्लेस सिविक सेंटर स्थित बैंक ऑफ़ बड़ौदा के बैंक लॉकर से लाखों रुपए के सोने की ज्वेलरी गायब होने का मामला प्रकाश में आया है। लाकर फोल्डर की शिकायत पर से भिलाई नगर पुलिस के द्वारा बैंक ऑफ़ बड़ौदा प्रबंधन के खिलाफ अपराध पंजीकृत कर विवेचना में लिया। नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर सत्य प्रकाश तिवारी ने बताया कि लाकर होल्डर दरोगा सिंह की शिकायत पर से भिलाई नगर पुलिस के द्वारा पूरे मामले की जांच की गई। जांच पर से बैंक ऑफ़ बड़ौदा सिविक सेंटर इंदिरा पैलेस के प्रबंधन के खिलाफ बीएनएस की धारा 316 (4) के तहत अपराध पंजीबद किया गया है ।

सीएसपी सत्य प्रकाश तिवारी ने बताया कि सेक्टर 5 निवासी दरोगा सिंह की शिकायत के मुताबिक ने बैंक ऑफ बड़ौदा सिविक सेंटर इंदिरा प्लेस में 1991 से लॉकर न 697 आवंटित हुआ था। लॉकर में अपने परिवार का 40 तोला सोना तीन अलग अलग पोटलियां बनाकर रखा था। लॉकर रूम में सीपेज के कारण लॉकर खोलने में परेशानी होना बताया और इसकी शिकायत करने पर लॉकर की देखरेख करने वाली अनिता कोरेटी एक अस्थाई लॉकर नंबर 547 दिया। इस दौरान पुराना लॉकर ठीक करने के लिए चाबी अपने पास रख लिया।

दरोगा सिंह ने बताया कि 17 जनवरी 2025 को अनिता कोरेटी के फोन पर बताया कि पुराने लॉकर का सामान अस्थाई लॉकर में रख दिया गया है। पुराना लॉकर ठीक होने के बाद फिर से उसे दे दिया जाएगा। इसके बाद दरोगा सिहं ने 22 अप्रैल 2025 को जब लॉकर खोला तो उसमें से दो पोटली में रखा समान गायब पाया। केवल एक पोटली जो उसकी बहु की थी। वही लॉकर में पाया गया। दारोगा सिंह ने बताया कि लॉकर का संचालन वे स्वयं करते हैं और उनके साथ उनकी पत्नी श्यामा सिंह जाती है। उनकी बेटी अराधना सिंह ने कभी भी लॉकर नहीं खोला।

दरोगा सिंह ने बैंक प्रबंधन से शिकायत की तो बैंक ऑफ़ बड़ौदा की सीनियर मैनेजर ने कहा कि लॉकर को दरोगा सिंह ने अपनी बेटी के साथ ऑपरेट किया है। जबकि पुलिस को दिए बयान में दरोगा सिंह की बेटी ने कहा था उन्होंने कभी भी लॉकर ऑपरेट नहीं किया। लॉकर खराब होने की शिकायत पर आस्थाई लॉकर बैंक द्वारा दिया गया और पुराने लॉकर को ठीक कराने गोदरेज के टेक्निशियन सुखविंदर सिंह उर्फ सन्नी को भी बुलाया गया। बैंक द्वारा सन्नी को लॉकर ठीक कराने लगभग तीन बार बुलाया गया।


इधर बैंक के एक और अधिकारी शरण पाल चुग्गा सिनियर मैनेजर बैंक ऑफ बडौदा ने बताया कि 22 अप्रैल को 2025 को लॉकर इचार्ज अनिता कोरेटी सिनियर मैनेटर के अवकाश पर होने से लॉकर सबंधी कार्य उन्हें दिया गया था। 22 अप्रैल 2025 को दरोगा सिह जिसे लॉकर नंबर 697 आबंटित है वे अपने लॉकर से सामान लेने आये थे। लॉकर को चेक करने उपरांत समान नहीं होने की शिकायत उन्होंने की थी। उनकी शिकायत पर संबंधित रजिस्टर को चेक कर बैंक प्रबंधक को सूचित किया।

लॉकर इंचार्ज अनिता कोरेटी ने बार बार कहा कि दरोगा सिंह ने अपनी बेटी के साथ लॉकर का संचालन किया, जबकि पुलिस की जांच में किसी भी सीसी टीवी फुटेज में कोई सुबूत सामने नहीं आया। जांच में यह भी पाया गया कि लॉकर नंबर 697 भी था। जिसे बिना खोले ही केवल ऑयलीग किया गया था। लॉकर इंचार्ज अनिता कोरेटी द्वारा संबंधित कम्पनी को लॉकर रिपेयरिंग हेतु सूचना देने की बात स्वीकार की गई है किन्तु मैकेनिक के रिपेयरिंग करने उपरांत कौन कौन से लॉकर ठीक नहीं हुए थे इस संबंध में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। आरबीआई के गाइडलाइन के अनुसार लॉकर के सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी बैंक प्रबंधन की है और इसमे वे पूरी तरह से विफल हुए।

इस संबंध में बैंक प्रबंधन ने कुछ भी कहने से मना कर दियाl उनका कहना है जो भी बात करना है बैंक मुख्यालय से की जाए। मैं कुछ भी बताने के लिए अधिकृत नहीं हूं।