नौकरी की आस में 15 साल से बलिदानी के स्वजन काट रहे सरकारी दफ्तर के चक्कर सिर्फ मिला कोरा आश्वासन
धमतरी 12 नवंबर । ग्राम भंवरमरा का युवक सैनिक के रूप में जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में पदस्थ था। सन 2006 में सीमा क्षेत्र में लड़ाई के दौरान वे बलिदानी हो गए। उसके बाद से उनके स्वजन अनुकंपा नियुक्ति के लिए बार-बार जिला प्रशासन के समक्ष आवेदन दे रहे हैं। राजधानी रायपुर में भी स्वजन नौकरी की आस लेकर गए थे लेकिन आज तक उन्हें केवल आश्वासन मिलता रहा है। इससे स्वजन व्यथित हैं। कलेक्ट्रेट पहुंचे बलिदानी केशव निषाद की माता निर्मला निषाद ने बताया कि उनका पुत्र जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में पदस्थ था। लड़ाई के दौरान उनकी मौत हो गई। बलिदानी होने के बाद से अपनी पुत्री के लिए शासकीय नौकरी के लिए दर-दर की ठोकर खा रही हूं लेकिन प्रशासन से केवल आश्वासन ही मिल रहा है। 15 साल से लगातार आवेदन देते आ रही हूं। बुजुर्ग महिला ने बताया कि पुत्र के बलिदानी होने के बाद उनके परिवार की उपेक्षा होती रही है शासन के मंशानुरूप परिजन को अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान है लेकिन अभी तक कोई शासन द्वारा पहल नहीं की जा रही है। इस संबंध में भूतपूर्व सैनिक परिषद अध्यक्ष केपी साहू ने कहा कि धमतरी जिला में तीन बलिदानी परिवार हैं जिनको नौकरी दिलाने अभी तक प्रशासन द्वारा पहल नहीं कर रही है। इस मामले में कलेक्टर पीएस एल्मा ने कहा कि बलिदानी परिवार की ओर से आवेदन मिला है, जिसे शासन को प्रेषित कर दिया गया है। तकनीकी दृष्टिकोण से प्रकि्रया लंबित है।