पूर्व भारतीय क्रिकेटर और बेटे पर हल्द्वानी में धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज,

पूर्व भारतीय क्रिकेटर और बेटे पर हल्द्वानी में धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज,


सीजी न्यूज ऑनलाइन डेस्क 25 अगस्त । पूर्व क्रिकेटर मनोज प्रभाकर और उनके बेटे पर हल्द्वानी में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि मनोज प्रभाकर की कंपनी, नेचुरेंस हर्बल, ने अनुबंध के अनुसार काम नहीं किया। कंपनी के प्रबंध निदेशक के तौर पर उन्हें उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में माल भेजने का जिम्मा सौंपा गया था, लेकिन उन्होंने निर्देशों की अवहेलना की और मार्केटिंग व पेमेंट के काम को ठीक से नहीं किया। इसके चलते कंपनी को नुकसान हुआ और मामला दर्ज कराया गया।
लखनऊ निवासी कारोबारी ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर मनोज प्रभाकर और उनके बेटे के खिलाफ हल्द्वानी कोतवाली में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। कारोबारी का आरोप है कि वह उत्तर प्रदेश में मनोज प्रभाकर की कंपनी के हर्बल उत्पादों की मांग के अनुसार आपूर्ति करता था, लेकिन इसके बावजूद उसे उचित भुगतान या अनुशासन की सुविधा नहीं दी गई। इस मामले में आरोप है कि कंपनी ने उसके साथ अनुबंध के नियमों का पालन नहीं किया और धोखाधड़ी की।

लखनऊ के पुरानी सब्जी मंडी चौक निवासी नीरज कुमार शुक्ल ने अपनी फर्म एनएस सेल्स के माध्यम से जुलाई 2017 में हल्द्वानी स्थित नेचुरेंस रिसर्च लैब प्राइवेट लिमिटेड के साथ अनुबंध किया था। अनुबंध के तहत नीरज को कंपनी के हर्बल उत्पादों की आपूर्ति पर कमीशन मिल रहा था। हालांकि, कंपनी के अचानक बंद हो जाने के बाद उनकी 11 लाख रुपये से अधिक की रकम फंस गई है। कई बार प्रयासों के बावजूद नीरज को मनोज प्रभाकर और उनके बेटे से संपर्क नहीं मिल पा रहा, जिससे उन्होंने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है।
नेचुरेंस हर्बल के नाम से भी कंपनी कार्यरत थी, और इसके प्रबंध निदेशक पूर्व क्रिकेटर मनोज प्रभाकर थे। नीरज कुमार शुक्ल को अनुबंध के तहत उत्तर प्रदेश के झांसी से गोरखपुर क्षेत्र तक का सुपर डिस्ट्रीब्यूटर नियुक्त किया गया था। उन्हें कंपनी के निर्देशानुसार केवल निर्धारित स्थानों पर माल भेजने का जिम्मा सौंपा गया था। मार्केटिंग, डिमांड लाना और पेमेंट का काम कंपनी के प्रतिनिधियों द्वारा किया जाना था।
शिकायतकर्ता ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि दिसंबर 2023 में नेचुरेंस हर्बल के अधिकांश स्टाफ को हटा दिया गया, जिससे उसका कारोबार प्रभावित होने लगा। शिकायतकर्ता ने मनोज प्रभाकर और उनके बेटे रोहन से कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। वर्तमान में, उसके पास नेचुरेंस हर्बल के 3,21,601 रुपये, नेचुरेंस रिसर्च लैब के 2,78,938 रुपये, और रिप्लेसमेंट स्टॉक के तौर पर 1,53,920 रुपये के उत्पाद डंप पड़े हैं। इसके अलावा, विभिन्न डिस्ट्रीब्यूटरों पर 3,90,227 रुपये की उधारी बकाया है। कंपनी के बंद होने की खबर फैलने के कारण न तो माल बिक रहा है और न ही उधारी का पैसा मिल रहा है। सीओ नितिन लोहनी ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है।