GST पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी बड़ी राहत, काउंसिल की बैठक में लिए गए ये बड़े फैसले, क्या क्या बदला जानें विस्तार से…

<em>GST पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी बड़ी राहत, काउंसिल की बैठक में लिए गए ये बड़े फैसले, क्या क्या बदला जानें विस्तार से…</em>



🟪 एसयूवी, आनलाईन दांव पर 28 फीसदी टैक्स पर चर्चा, दाल के छिलके, गुटखा पर हुई चर्चा
सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 18 दिसंबर। जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक शनिवार को हुई, जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल माध्यम से बैठक की अध्यक्षता की और बजट से पहले व्यापारियों और आम लोगों को बड़ी राहत दी है। जीएसटी काउंसिल ने बैठक के दौरान नियमों के अनुपालन में की जा रही कुछ गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने पर सहमति जताई गई है। इसके साथ ही काउंसिल ने अभियोजन शुरू करने की सीमा को दोगुना कर दो करोड़ रुपये करने और नकली चालान के लिए एक करोड़ रुपये की सीमा बरकरार रखने का फैसला किया है।
जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि समय की कमी की वजह से जीएसटी काउंसिल ने एजेंडा में शामिल 15 मुद्दों में से केवल आठ पर ही फैसला कर सकी। बैठक के दौरान पान मसाला और गुटखा व्यवसायों में कर चोरी को रोकने के लिए व्यवस्था बनाने पर भी कोई फैसला नहीं हो पाया है।
उन्होंने कहा कि समय इतना कम था कि जीओएम की रिपोर्ट जीएसटी परिषद के सदस्यों को भी नहीं दी जा सकी। निर्मला सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल की बैठक खत्म होने के बाद कहा कि कोई नया कर नहीं लाया गया है। इसके आलावा बैठक में ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर जीएसटी लगाने पर कोई चर्चा नहीं हुई। जीएसटी परिषद की बैठक में ऑनलाइन गेम पर गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की रिपोर्ट पर चर्चा नहीं हो पाई है, लेकिन केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रमुख विवेक जौहरी ने कहा कि किसी ऑनलाइन गेम में खिलाड़ी की तरफ से दांव पर लगाई गई रकम पर ही 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने की राय विभाग की है। दालों के छिलके पर जीएसटी को हटाने का फैसला किया गया। अभी तक दालों के छिलके पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता था, लेकिन अब उसे शून्य कर दिया गया है। इसके साथ ही जीएसटी काउंसिल ने स्पष्ट किया कि कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन पर केंद्र सरकार द्वारा बैंकों को दिया जाने वाला प्रोत्साहन एक तरह की सब्सिडी है और इसलिए जीएसटी के तहत कर योग्य नहीं है। जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एसयूवी के बारे में भी स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने बताया कि 22 प्रतिशत कंपनसेशन सेस लगाने के लिए स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स की परिभाषा तय की गई है। 22 प्रतिशत के कंपनसेशन सेस की उच्च दर सभी चार शर्तों को पूरा करने वाले मोटर वाहन पर लागू होती है, जिसे आम बोलचाल में एसयूवी कहा जाता है। इसमें इंजन की क्षमता 1500 सीसी से अधिक होना, लंबाई 4000 मिमी से अधिक होना और 170 मिमी या अधिक का ग्राउंड क्लीयरेंस शामिल है।वित्त मंत्री ने कहा, ‘यह स्पष्टीकरण कोई नया कर नहीं है, इसके जरिए सिर्फ एसयूवी श्रेणी पर लगने वाले कर को परिभाषित किया गया है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि एसयूवी पर चर्चा तब शुरू हुई जब कुछ राज्यों ने पूछा कि क्या सेडान को एसयूवी श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए। राज्यों ने एसयूवी की परिभाषा लाने का भी सुझाव दिया। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बैठक के बाद बताया कि काउंसिल ने जीएसटी के तहत 3 तरह की गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का फैसला किया है। इसमें किसी भी अधिकारी के काम में बाधा डालना, सबूतों के साथ जानबूझकर छेड़छाड़ और जानकारी देने में विफल रहना शामिल है। आपूर्ति के बिना चालान जारी करने के अपराध को छोड़कर अन्य मामलों में जीएसटी के तहत अभियोजन शुरू करने के लिए कर राशि की न्यूनतम सीमा एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये कर दी गई है। इसके साथ ही कंपाउंडिंग राशि को भी घटाकर 25 से 100 प्रतिशत कर दिया गया है। यह राशि इस समय 50 से 150 प्रतिशत है। (इनपुट- न्यूज एजेंसी भाषा से साभार)