0 केंद्र और राज्य सरकार बजट का 25% राशि कृषि और किसानों के लिए आबंटित करे
00 बजट बनाने से पहले सरकारें उद्योग एवं व्यापारिक संगठनों की तरह किसान संगठनों को विश्वास में ले
000 फसल बीमा योजना, प्राकृतिक आपदा राहत सहित अन्य मुद्दों पर किसान महापंचायत में चर्चा
दुर्ग 10 अक्टूबर छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन द्वारा आज दुर्ग के मानस भवन में प्रदेश स्तरीय 7 वें किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य से 5 सौ प्रतिनिधि शामिल हुए, भुईंया पूजन से कार्यक्रम शुरू किया गया।
किसान महापंचायत में सरकारों के अनुदान राशि, किसान सम्मान निधि और न्याय योजना की आदान राशि को चुनावी रेवड़ी कहा गया और कहा गया कि किसानों को रेवड़ी नहीं बल्कि कृषि उपजों के लिये लाभकारी गारंटेड मूल्य का अधिकार चाहिये । जिसे बाजार की मंहगाई इंडेक्स से उसी प्रकार संबद्ध किया जाये जिस प्रकार कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते को संबद्ध किया गया है और मंहगाई का असर कम करने के लिये हर तीन माह में गारंटेड मूल्य में वृद्धि किया जाना चाहिए,

किसान महापंचायत में केंद्र और राज्य सरकारों को निशाने में लेते हुए कहा गया कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों की सरकारों ने चुनावी वायदे पूरे न करके किसानों को छला है, किसान महापंचायत में केंद्र और राज्य सरकार से बजट में कृषि और किसानों के लिए 25 प्रतिशत राशि निर्धारित करने की मांग की गई, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को किसानों के हित अलाभकारी बताते हुए कहा गया है कि बीमा योजना के लिये वास्तविक उपज को निर्धारित उपज मानकर उपज में कमी की गणना किया जाना चाहिए इसी तरह आरबीसी 6-4 के प्रावधान में संशोधन करके 20% फसल खराब होने पर प्रभावित किसानों को राहत राशि का पात्र माना जाना चाहिए और राहत राशि को बढ़ाकर दो गुना किया जाना चाहिए,
सेवा सहकारी समितियों का चुनाव कराने के बजाय कमेटी का नामांकन करने के लिये राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया गया, केंद्र और राज्य स्तर पर किसान आयोग गठित करने की मांग रखी गई,
केंद्र और राज्य सरकारों की कृषि नीतियों पर की चर्चा की गई और मांग की गई कि हर 5 साल में कृषि नीतियों पर किसान संगठनों को विश्वास में लेकर संशोधन किया जाना चाहिए । यह जानकारी छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के महासचिव झबेंद्र भूषण वैष्णव ने दी है।