थाने में ड्यूटी करता रहा फर्जी दरोगा, थानेदार से लेकर एसपी तक को नहीं लगी भनक, आरटीआई से खुलासा

थाने में ड्यूटी करता रहा फर्जी दरोगा, थानेदार से लेकर एसपी तक को नहीं लगी भनक, आरटीआई से खुलासा


थाने में ड्यूटी करता रहा फर्जी दरोगा, थानेदार से लेकर एसपी तक को नहीं लगी भनक, आरटीआई से खुलासा

खगड़िया, 1 नवंबर। बिहार में एक फर्जी दारोगा की अनोखी करतूत सामने आई है। ये शख्स एक-दो दिन नहीं बल्कि लगभग एक महीने तक थाने में नौकरी करता रहा लेकिन किसी को इसकी भनक नहीं लगी। खुद को 2019 बैच का दारोगा बताने के बाद पुलिस की वर्दी पहन विक्रम कुमार नाम का यह युवक में काम करने के साथ ही पुलिस की गश्ती, बैंकों में सीसीटीवी चेकिंग और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अनुसंधान में भी जाता रहा लेकिन किसी को उसकी असलियत का पता नहीं लगा। जिले के मानसी थाना में लगभग एक महीने तक पुलिस का वर्दी पहनकर विक्रम काम करता रहा। पूरे मामले का खुलासा हुआ तो विभाग के अधिकारी भी दंग रह गए, वहीं फर्जी दारोगा भी मामले का खुलासा होने के बाद से ही फरार है।

इस मामले का खुलासा एसपी को दिए गए आवेदन के बाद हुआ। गोगरी अनुमंडल के रहने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता मनोज मिश्रा ने खगड़िया एसपी अमितेश कुमार को लिखित शिकायत दी। आवेदन में मनोज मिश्रा ने मानसी थाना प्रभारी दीपक कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि थाना प्रभारी अपने पास एक युवक को पुलिस की वर्दी पहनाकर रखे हुए हैं और उससे थाने के कई कार्यों को भी किया है। मनोज मिश्रा ने उस युवक की पुलिस वर्दी पहने फोटो और खगड़िया के सदर एसडीपोओ के साथ अनुसंधान में जाते हुए फोटो भी संलग्न किया।विक्रम कुमार द्वारा मानसी थाना क्षेत्र में विभिन्न बैंकों की चेकिंग करने के बाद बैंक में रखे रजिस्टर पर किया गया हस्ताक्षर का फोटो भी संलग्न किया। मनोज मिश्रा ने विक्रम कुमार का एक ऑडियो भी वायरल किया जिसमें विक्रम कुमार बता रहा है कि उसने दारोगा की परीक्षा पास की लेकिन राजगीर में ट्रेनिंग के लिए जगह नहीं थी इसलिए मुंगेर डीआईजी के यहां योगदान दिया और फिर वहां से मानसी थाना भेजा गया। विक्रम कुमार अपना एडमिट कार्ड से लेकर रिजल्ट तक दिखा रहा था।

खगड़िया पुलिस लाइन के मेजर महेन्द्र कुमार का कहना है कि किसी भी पुलिसकर्मी का तबादला या नयी नियुक्ति होती है तो वह सबसे पहले पुलिस लाइन में मेजर के पास हाजिरी देता है। उसके बाद उसे थाना भेजा जाता है लेकिन विक्रम कुमार पुलिस लाइन आया ही नहीं। मानसी थाना प्रभारी ने जब फोन कर उनसे पूछा था तो उन्हें सारी जानकारी दे दी गई थी, ऐसे में सवाल यह कि कैसे बिना किसी आदेश के विक्रम कुमार मानसी थाने में कई दिनों तक ड्यूटी कैसे करता रहा? अब मामले की जांच की जा रही है।